पूरा साल मेहनत करने के बाद भी किसान की औसत आय मात्र 77,124 रुपये सालाना, हर महीने 6500 रुपये से भी कम कमाई

Kisan Andolan: देश के किसान (Farmer) की औसत आय (Average Income) 77,124 रुपये है. इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि देश का किसान हर महीने 6500 रुपये से भी कम कमाता है. साल की औसत आय की बात करें तो​ देशभर के किसानों की औसम आय मात्र 6,427 रुपये प्रति माह है.

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नई दिल्ली. कृषि कानून (Agricultural law) के विरोध में ​चल रहे किसान आंदोलन (Farmer Protest) का आज 15वां दिन है. केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े किसान दिल्‍ली (Delhi) के बॉर्डर पर सर्द हवाओं और ठिठुरन भरी ठंड के बीच जमे हुए हैं. सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का पेट भरने वाले इन किसानों की औसम कमाई कितनी है.

बिजनेस टुडे में प्र​काशित रिपोर्ट के मुताबिक देश के किसान की औसत आय 77,124 रुपये है. इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि देश का किसान हर महीने 6500 रुपये से भी कम कमाता है. साल की औसत आय की बात करें तो​ देशभर के किसानों की औसम आय मात्र 6,427 रुपये प्रति माह है. यह हाल तब है जब किसान का औसत सालाना खर्च भी करीब 6,227 रुपये है. रिपोर्ट में जिन आंकड़ों का जिक्र किया गया है वह 2013 के कृषि सर्वेक्षण पर आधारित हैं.

देशभर में अलग अलग राज्यों के किसानों की होने वाली कमाई पर गौर करें तो सबसे बेहत स्थिति पंजाब के किसानों की दिखती है जबकि​ बिहार के किसान सबसे निचले पायदान पर खड़े दिखाई देते हैं. पंजाब के किसान हर साल 2 लाख 16 हजार 708 रुपये की कमाई करते हैं जो महीने के हिसाब से करीब 18,059 रुपये है. वहीं बिहार के किसान साल में मात्र 42 हजार 684 रुपये कमाते हैं. इस तरह महीनेभर में उनकी कमाई मात्र 3,557 रुपये है. जो पंजाब के किसानों से करीब 6 गुना कम है.

पंजाब के बाद हरियाणा के किसान सबसे ज्यादा कमाई करते हैं. हरियाणा के किसाना हर साल करीब 1,73,208 रुपये कमाते हैं जबकि जम्मू कश्मीर के किसान 1 लाख 52 हजार 196 रुपये कमाते हैं. केरल के किसानों की 1 लाख 42 हजार 668 रुपये सालाना आमदनी है जबकि कर्नाटक के किसान 1 लाख 5 हजर 984 रुपये सालाना कमाते हैं. राष्ट्रीय औसत से कमतर कमाने वाले किसानों की बात की जाए तो इसमें बिहार, पश्चिम बंगाल,झारखंड,उत्तर प्रदेश,ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के किसान हैं.

मानसून सत्र में पास किए गए थे तीनों कृषि कानून
सितंबर में मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने मूल्य उत्पादन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और किसानों के उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 पास कराए थे. इनका किसानों की तरफ से विरोध किया जा रहा है. किसानों को डर है कि इससे एमसीपी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और सरकार उन्हें प्राइवेट कॉर्पोरेट के आगे छोड़ देगाी. हालांकि, सरकार की तरफ से लगातार ये कहा जा रहा है कि देश में मंडी व्यवस्था बनी रहेगी. लेकिन, किसान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.

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