कोरोना वैक्सीनेशन का प्लान तैयार; Co-WIN ऐप बताएगा- कब, कैसे और किसे मिलेगी वैक्सीन

सबसे पहले हेल्थवर्कर्स और फिर फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगेगी वैक्सीन सरकार का दावा- 3 करोड़ वैक्सीन रखने के लिए कोल्ड चेन उपलब्ध

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केंद्र सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन के प्लान की घोषणा कर दी है। वैक्सीन कब, किसे और कहां मिलेगी, यह सब बताने के लिए Co-WIN ऐप डेवलप किया है। इसका इस्तेमाल वैक्सीनेशन में किया जाएगा। सरकार का कहना है कि हर उस भारतीय को वैक्सीन लगाई जाएगी, जिसे लगानी जरूरी है, लेकिन सबको लगेगी या नहीं, इस पर सरकार के पास फिलहाल कोई जवाब नहीं है।

सबसे पहले किसे लगेगी कोरोना वैक्सीन?

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा है कि केंद्र सरकार ने अगस्त में कोविड-19 के लिए वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप (NEGVAC) बनाया था। इसने ही तय किया है कि कोविड-19 का वैक्सीनेशन किस तरह आगे बढ़ेगा, वैक्सीन की खरीद प्रक्रिया क्या होगी, वैक्सीन का चुनाव कैसे होगा, वैक्सीन की डिलीवरी कैसे होगी और ट्रैकिंग मैकेनिज्म क्या होगा? NEGVAC की सिफारिशों के आधार पर शुरुआती फेज में इन तीन ग्रुप्स को सबसे पहले वैक्सिनेट किया जाएगा…

  1. एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स: इमसें स्वास्थ्य से जुड़े काम करने वाले सभी कर्मचारी शामिल रहेंगे।
  2. दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स: इसमें केंद्र और राज्यों की पुलिस, आर्म्ड फोर्सेस, होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस और डिजास्टर मैनेजमेंट वॉलंटियर्स, म्युनिसिपल वर्कर्स शामिल रहेंगे।
  3. 27 करोड़ 50 साल से अधिक उम्र वाले: ऐसे लोग जिनकी उम्र 50 साल या उससे ज्यादा है उन्हें पहले टीका मिलेगा। साथ ही 50 वर्ष से कम उम्र के ऐसे लोग जो हाई-रिस्क कैटेगरी में आते हैं, यानी जिन्हें डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर या अन्य बीमारियां हैं उन्हें भी पहले वैक्सीन दी जाएगी।

प्रायरिटी ग्रुप्स को वैक्सीन कब और कौन लगाएगा?

सरकार का कहना है कि देश में 2.39 लाख वैक्सीनेटर्स (ऑक्जिलरी नर्स मिडवाइफ- ANM) हैं। इनमें से 1.54 लाख ANM को कोविड-19 वैक्सिनेशन में लगाया जाएगा। इससे बाकी चल रहे वैक्सिनेशन और हेल्थ सर्विसेस पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ेगा और वह बिना किसी परेशानी के लोगों को उपलब्ध होती रहेंगी। कोराेना वैक्सीनेशन ड्राइव कब शुरू होगी, यह वैक्सीन की उपलब्धता पर निर्भर करेगा। शुरुआती स्टेज में वैक्सीन कम मिलेगी, उसके बाद उसकी संख्या बढ़ती जाएगी। हो सकता है कि तीनों प्रायरिटी ग्रुप्स को एक साथ वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव का कहना है कि चुनावों और यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम के अनुभव का इस्तेमाल किया जाएगा और सरकार यह तय करेगी कि इस प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी बढ़े।

वैक्सीनेशन की निगरानी के लिए क्या सिस्टम रहेगा?

राज्य स्तर परः हर राज्य में स्टेट स्टीयरिंग कमेटी (SSC) बनेगी, जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव करेंगे। यह केंद्र से कोऑर्डिनेशन करेगी। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में स्टेट टास्क फोर्स (STF) होगा, जो वैक्सीन के लॉजिस्टिक्स और ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट जैसे पहलुओं पर फैसले लेगा। स्टेट कंट्रोल रूम (STR) बनेंगे, जो वैक्सिनेशन शुरू होने पर सक्रिय होंगे।
जिला स्तर परः डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स (DTF) जिलों में वहां के कलेक्टरों की अध्यक्षता में काम करेंगे। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, पुणे जैसे निगमों में अर्बन टास्क फोर्स (UTF) की अध्यक्षता म्युनिसिपल कमिश्नर करेंगे। डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम (DCR) भी होगा, जो लगातार काम करेगा।
ब्लॉक लेवल परः सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट या तहसीलदार या ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर- BDO की अध्यक्षता में ब्लॉक टास्क फोर्स (BTF) भी होंगे, जो ब्लॉक लेवल पर वैक्सीनेशन पर काम करेंगे।

वैक्सीन को लेकर संदेह कैसे दूर करेंगे?

वैक्सीन को लेकर कई तरह के संदेह जताए जा रहे हैं। दुष्प्रचार अभियान, अफवाह और एंटी-वैक्सीन लॉबी की चुनौतियां भी अपनी जगह होंगी। ऐसे में सरकार ने एक कम्युनिकेशन स्ट्रैटजी भी बनाई है। इसमें लोगों को जागरूक किया जाएगा कि वैक्सीनेशन क्यों जरूरी है? साथ ही सरकार लोगों को वैक्सीन के बारे में सबकुछ बताएगी। सभी वैक्सीन के साथ कुछ न कुछ साइड इफेक्ट्स होते हैं, जिसके बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। ताकि कोई साइड इफेक्ट सामने आने पर लोग घबराए नहीं। इसी तरह ट्रेनिंग मॉड्यूल में भी वैक्सिनेटर्स को इसके लिए तैयार किया जाएगा।

इसमें मोबाइल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कैसे होगा?

केंद्र सरकार ने वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के लिए कोविन (Co-WIN) ऐप बनाया है। सभी राज्यों में हेल्थकेयर वर्कर्स का डेटा जुटाने की प्रक्रिया चल रही है। इस डेटा को Co-WIN ऐप पर अपलोड किया जाएगा। उसके बाद उसे वेरीफाई किया जाएगा। इस ऐप पर वैक्सीन लगाने वालों का डेटा भी होगा। इसके साथ ही वैक्सीन की उपलब्धता, डिलीवरी और एडमिनिस्ट्रेशन के साथ ही जिन्हें वैक्सीन लगाई गई है उनकी निगरानी से जुड़ा डेटा भी इस पर होगा।

क्या सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर कोरोना वैक्सीन के लिए तैयार है?

सरकार का दावा है कि मौजूदा कोल्ड-चेन की मदद से वह शुरुआती 3 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाने में सक्षम है। नियमित इम्युनाइजेशन प्रोग्राम साथ-साथ चलता रहेगा। मौजूदा कोल्ड चेन सिस्टम में देशभर में 28,947 कोल्ड चेन पॉइंट्स पर 85,634 से ज्यादा फंक्शनल इक्युपमेंट्स हैं। इनमें डीप फ्रीजर्स, वॉक-इन कूलर्स, वॉक-इन रेफ्रिजरेटर्स, बिना बिजली के चलने वाले आइस बॉक्स जैसे पैसिव डिवाइस हैं। इनका इस्तेमाल स्वास्थ्य मंत्रालय के यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोसेस (UIP) में किया जाता है। इस समय भारत में 13 वैक्सीन लगाई जाती है। इनमें 11 वैक्सीन नेशनल प्रोग्राम का हिस्सा है, जबकि 2 वैक्सीन कुछ राज्यों में कुछ जिलों में ही लगाई जाती है। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण का कहना है कि व्यवस्था कुछ इस तरह की गई है कि नियमित हेल्थकेयर सुविधाओं पर उसका कोई प्रतिकूल असर न पड़ें। अतिरिक्त सीरिंज, नीडिल्स जैसी जरूरतों का अनुमान लगा लिया गया है और इसकी खरीद की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। ट्रेनिंग मटेरियल भी तैयार है। इसमें डिजिटल ट्रेनिंग मटेरियल शामिल है। इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है।

कौन-सी वैक्सीन लगाई जाएगी?

सरकार के पास इस सवाल का जवाब नहीं है, क्योंकि इस समय 3 वैक्सीन कंपनियों ने अपनी वैक्सीन के लिए ड्रग रेगुलेटर (DCGI) से इमरजेंसी अप्रूवल मांगा है। इनमें अमेरिकी कंपनी फाइजर, पुणे की कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक शामिल है। द न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल्स रूल्स 2019 में कहा गया कि विशेष परिस्थितियों में किसी दवा या वैक्सीन को ट्रायल्स से जुड़ा डेटा न होने पर भी इमरजेंसी अप्रूवल दिया जा सकता है। इसका इस्तेमाल कर ड्रग रेगुलेटर वैक्सीन को मंजूरी दे सकता है।

Co-WIN पर सेल्फ रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया क्या होगी?

सरकार ने कोविड-19 वैक्सीनेशन को एडमिनिस्टर करने के लिए जो ऐप बनाई है, उस पर इस तरह सेल्फ रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा…
(i) ऐप को फ्री डाउनलोड किया जा सकता है। यह वैक्सीन डेटा रिकॉर्ड करने में मदद करेगा।
(ii) यदि किसी को वैक्सीन चाहिए तो वह खुद भी रजिस्टर कर सकता है।
(iii) Co-WIN प्लेटफॉर्म पर 5 मॉड्युल हैं- एडमिनिस्ट्रेटर, रजिस्ट्रेशन, वैक्सिनेशन, बेनेफिशियरी एक्नॉलेजमेंट और रिपोर्ट।
(iv) एडमिनिस्ट्रेटर मॉड्युल वैक्सिनेशन सेशन कंडक्ट करने वाले एडमिनिस्ट्रेटर्स के लिए है। इस मॉड्युल के जरिए वे सेशन क्रिएट कर सकते हैं और इससे संबंधित वैक्सीनेटर और मैनेजर्स को तैनात किया जाएगा।
(v) रजिस्ट्रेशन मॉड्युल उन लोगों के लिए होगा जो खुद को वैक्सीनेशन के लिए रजिस्टर्ड करना चाहते हैं। सर्वेयर्स या स्थानीय प्रशासन भी डेटा अपलोड कर सकता है।
(vi) वैक्सीनेशन मॉड्युल में बेनेफिशियरी के डिटेल्स और वैक्सीनेशन स्टेटस अपडेट होगा।
(vii) बेनेफिशियरी एक्नॉलेजमेंट मॉड्युल बेनेफिशियरी को SMS भेजेगा और वैक्सीनेशन के बाद QR (मैट्रिक्स बारकोड)-बेस्ड सर्टिफिकेट्स भी जारी करेगा।
(viii) रिपोर्ट मॉड्युल में रिपोर्ट्स तैयार होंगी कि कितने वैक्सीन सेशन आयोजित किए गए? कितने लोगों को वैक्सीन लगाई गई? और कितने लोग ड्रॉप आउट रहे?

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