कृषि कानून वापस नहीं लेगी सरकार, 3 बड़े संशोधनों पर राजी, जानिए कहां अटका पेच ,आज देगी प्रस्ताव, सिंघु बॉर्डर पर 12 बजे किसान संगठनों की बैठक
Farmers Protest Live Updates: किसानों के आंदोलन का आज 14वां दिन है. किसान नेताओं की सिंघु बॉर्डर पर दोपहर 1 बजे बैठक होनी है. तब तक सरकार भी अपना प्रस्ताव उन्हें सौंप सकती है. बैठक में ही प्रस्ताव पर चर्चा होगी और इसी में आगे की रणनीति तय हो जाएगी. सरकार आज कानूनों में बदलाव और MSP की लिखित गारंटी देगी; किसान कानून रद्द करने पर अड़े
नई दिल्ली। कृषि कानूनों की वापसी के लिए मंगलवार को किसानों ने भारत बंद किया। ये आंदोलन का 12वां दिन था। बंद का असर भी दिखा और हलचल भी। पहली बार गृह मंत्री अमित शाह ने किसान नेताओं से मुलाकात की। हालांकि, इस मुलाकात में भी कुछ ठोस नहीं निकला। सरकार ने बुधवार को किसानों को प्रस्ताव देने की बात कही है। बैठक में शामिल किसान नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि सरकार कानून वापसी को तैयार नहीं है।
कृषि कानून के खिलाफ किसानों का दिल्ली की सीमाओं पर धरना पिछले दो हफ्तों से जारी है. मंगलवार को भारत बंद बुलाया गया, जिसे राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया. लेकिन शाम होते-होते तस्वीर बदलती दिखी, किसान नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. कई घंटों तक चली इस बैठक में किसानों की मांग पर बात हुई और सरकार ने ये स्पष्ट कर दिया कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे. हालांकि, सरकार कानून में कुछ संशोधन करने पर राजी होती दिख रही है.
किन संशोधनों पर मान रही है सरकार?
किसानों की ओर से कृषि कानून में काफी खामियां गिनाई गईं और कहा गया कि सभी कानूनों को वापस लिया जाए. हालांकि, अब सरकार ने जब ये साफ कर दिया है कि वो कानून वापस नहीं लेगी, ऐसे में किसानों की कुछ मुख्य चिंताओं को दूर करने की कोशिश की है.
• कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून में अभी किसान के पास कोर्ट जाने का अधिकार नहीं है, ऐसे में सरकार इसमें संशोधन कर कोर्ट जाने के अधिकार को शामिल कर सकती है.
• प्राइवेट प्लेयर अभी पैन कार्ड की मदद से काम कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने पंजीकरण व्यवस्था की बात कही. सरकार इस शर्त को मान सकती है.
• इसके अलावा प्राइवेट प्लेयर्स पर कुछ टैक्स की बात भी सरकार मानती दिख रही है.
• किसान नेताओं के मुताबिक, अमित शाह ने MSP सिस्टम और मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत के अनुसार कुछ बदलाव की बात कही है.
किन मसलों पर किसानों को दिक्कत थी?
किसान नेता हनन मुल्ला के मुताबिक, सरकार ने कहा है कि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे लेकिन कुछ संशोधन किए जा सकते हैं. दरअसल, किसान अब कानून वापसी पर अड़ते दिखे हैं. किसान नेताओं का तर्क है कि अगर कानून में संशोधन होता है तो उसकी रूपरेखा बदल जाएगी. वो किसी और स्टेकहोल्डर को गलत तरीके से प्रभावित कर सकता है.
किसानों ने सरकार के साथ पिछले कई दौर की बातचीत में बिंदुवार खामियां गिनाई हैं, ऐसे में किसानों का कहना है कि जिस कानून में इतनी संशोधन की जरूरत हो, हर कानून में लगभग 8 से 10 गलतियां हों तो उसका औचित्य क्या रह जाता है. किसानों को कानून की शब्दावली से भी दिक्कत है, जो किसानों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है.
किसानों की ओर से सरकार को पहले भी कहा जा चुका है कि सरकार MSP को कानून का हिस्सा बनाए, हालांकि सरकार इस बात का भरोसा दे रही है कि MSP कभी खत्म नहीं होगी. इसके अलावा किसानों की मांग थी कि मंडी सिस्टम खत्म ना हो, क्योंकि मंडियों में मौजूद आड़तियों के साथ जैसा कामकाज किसानों का होता है, वो किसी कंपनी के साथ नहीं हो सकता है.
अमित शाह और किसान नेताओं की बैठक में क्या हुआ?
भारत बंद की मियाद खत्म होने के तुरंत बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने जानकारी दी कि शाम को गृह मंत्री अमित शाह कुछ किसान नेताओं से मिलेंगे. शाम सात बजे बैठक का वक्त तय हुआ, लेकिन जगह को लेकर कन्फ्यूजन के कारण मीटिंग देरी से शुरू हुई. देर रात तक चली बैठक के बाद जब किसान नेता बाहर आए तो पूरी तरह से संतुष्ट नहीं दिखे.
किसान नेताओं के मुताबिक, सरकार कृषि कानून वापस ना लेने पर अड़ी है और संशोधनों के साथ लिखित प्रस्ताव देने की बात कह रही है. बुधवार को ही सरकार प्रस्ताव देगी, जिसपर किसान मंथन करेंगे.
हन्नान मुल्ला ने बताया कि आज केंद्र और किसानों के बीच होने वाली बैठक भी नहीं होगी। किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर 12 बजे बैठक करेंगे और इसी में आगे की रणनीति तय की जाएगी। बैठक से पहले किसानों का कहना था कि कोई बीच का रास्ता नहीं है। हमें गृह मंत्री से हां या ना में जवाब चाहिए। कानून वापसी से कम कुछ मंजूर ही नहीं है।
शाह की बैठक देरी की वजह और राकेश टिकैत का रोल
1. अमित शाह की किसानों के साथ बैठक शाम 7 बजे होनी थी, लेकिन ये शुरू हुई साढ़े आठ बजे। वजह? भास्कर को सूत्रों से पता चला कि पंजाब की कई किसान यूनियन शाह से मुलाकात को राजी नहीं थीं। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के नेता राकेश टिकैत इस बीच एक्टिव हुए और नाराज भोगा सिंह व रलदू सिंह को मनाकर बैठक में लाया गया।
2. टिकैत ने सोमवार को सिंघु पर किसान यूनियन के नेताओं से मुलाकात की। शाह ने जिन 13 किसान नेताओं से मुलाकात की, उनमें भी टिकैत शामिल थे। सूत्रों के मुताबिक राकेश टिकैत बैक चैनल से सरकार से वार्ता कर रहे थे। हालांकि, सबके सामने उन्होंने अब तक यही कहा है कि किसान संगठनों का फैसला ही मंजूर होगा और कानून वापसी के कम कुछ मंजूर नहीं।
किसानों का अगला एक्शन प्लान
1. किसान नेताओं की सिंघु बॉर्डर पर 1. बजे बैठक होनी है। तब तक सरकार भी अपना प्रस्ताव उन्हें सौंप सकती है। बैठक में ही प्रस्ताव पर चर्चा होगी और इसी में आगे की रणनीति तय हो जाएगी।
2. टीकरी बॉर्डर पर किसानों और नेताओं ने एक ही बात सभी ने कही- कानूनों को वापस लेने से कम कुछ भी मंजूर नहीं। जो भी सरकार से समझौता करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। यूनियन के नेता भी इस बात को जानते हैं और जनता के गुस्से को समझते हैं। आगे की रणनीति में भी इसका ध्यान रखा ही जाएगा।
हरियाणा के 1.20 लाख किसानों ने सरकार का समर्थन किया
सरकार से चर्चा से पहले हरियाणा के किसान दो गुटों में बंट गए हैं। 1.20 लाख किसानों ने सरकार को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि नए कानूनों को वापस नहीं लेना चाहिए। हरियाणा के फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशंस (FPOs) से जुड़े किसानों ने यह बात कही है। हालांकि, उन्होंने किसानों के सुझावों के मुताबिक कानूनों में संशोधन करने की सिफारिश की है।
हरियाणा-दिल्ली के 4 बॉर्डर बंद
13 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों से दिल्ली चौतरफा घिर चुकी है। हरियाणा से लगते दिल्ली के 4 बॉर्डर- टिकरी, सिंघु, झारोदा और धनसा पूरी तरह बंद हैं। 2 बॉर्डर सिर्फ हल्के वाहनों के लिए खुले हैं।
सरकार आज कानूनों में बदलाव और MSP की लिखित गारंटी देगी; किसान कानून रद्द करने पर अड़े
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों की वैसे तो सरकार से छठे दौर की चर्चा आज होनी थी, लेकिन मंगलवार शाम 4 बजे अचानक गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से मुलाकात का न्योता मिला। रात को बातचीत हुई, लेकिन फिर बेनतीजा रही। बताया गया कि सरकार बुधवार को यानी आज कृषि कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी लिखित में देगी। लेकिन, किसान कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वे दोपहर 12 बजे सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग कर तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
कानूनों में बदलाव पर आज कैबिनेट में चर्चा होगी
सूत्रों के मुताबिक आज कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें किसानों के लिए सरकार के प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी। इसके बाद सरकार किसानों को लिखित में प्रस्ताव सौंप देगी। हालांकि, किसानों से आज होने वाली मीटिंग सरकार ने टाल दी है।
अमित शाह से चर्चा में बात क्यों नहीं बनी?
बैठक के लिए 5 किसान नेताओं को बुलाया गया था, बाद में 13 मिले। कुछ किसानों ने यह कहते हुए विरोध किया कि एक दिन पहले बैठक क्यों और 40 की जगह 13 सदस्य ही क्यों? बैठक पहले शाह के घर पर थी, आखिरी समय में जगह बदलकर ICAR गेस्ट हाउस तय कर दी गई। ऐसे में 2 किसान बैठक में नहीं आ सके और बाकी किसानों ने उनके बिना चर्चा शुरू करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस उन 2 किसानों को एस्कॉर्ट कर रात करीब 9:15 बजे लेकर आई।
मीटिंग में शाह ने कई एक्सपर्ट्स बुला रखे थे, जो किसानों को समझा रहे थे कि किस बदलाव का आगे चलकर क्या असर होगा। फिर भी किसान नेता अपनी आपत्तियां दर्ज करा रहे थे, इसलिए सुझाव के आधार पर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश हो रही थी।
राहुल समेत 5 विपक्षी नेता आज राष्ट्रपति से मिलेंगे
20 सियासी दल किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। मंगलवार को किसानों के भारत बंद में भी विपक्षी दलों ने हिस्सा लिया था। विपक्ष के 5 नेता आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगे। इनमें राहुल गांधी और शरद पवार भी शामिल होंगे।