मेरठ. पद्मश्री अवार्ड विजेता किसान भारत भूषण त्यागी (Farmer Bharat Bhushan Tyagi) ने कहा कि जो लोग किसानों के कथित समर्थन में अवार्ड वापस कर रहे हैं, उन्हें खेती में ये पुरस्कार नहीं मिला है. उन्होंने ऐसे लोगों को जवाब दिया कि वो महज़ झूठी ख्याति प्राप्त करने के लिए ऐसा कर रहे हैं. पद्मश्री भारत भूषण ने न्यूज़ 18 से ख़ास बातचीत में कहा कि कृषि क़ानून को द्विपिक्षीय स्वरुप में समझने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि बिचौलियों की अंधेरगर्दी कृषि क़ानून से समाप्त होगी. पद्मश्री अवार्डधारी किसान भारत भूषण ने कहा कि इस कृषि क़ानून को लेकर सरकार की मंशा में कोई खोट नहीं है, बल्कि इससे खेती के नए विकल्प खुल रहे हैं.
भारत भूषण त्यागी ने कहा कि सबसे बड़ी अफवाह ये फैली हुई है कि मंडियां खत्म हो जाएंगी, एमएसपी खत्म हो जाएगी और कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के ज़रिए किसानों की ज़मीनें हड़प ली जाएंगी. ये सरासर गलत है, क्योंकि सरकार ने बार-बार आश्वासन दिया है कि एमएसपी बराबर बनी रहेगी. वस्तु अधिनियम में भंडारण को संरक्षित करने की बात भी कही गई है. कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में ज़मीन का कोई मुद्दा नहीं है. इसे किसानों को समझने की ज़रुरत है. आंदोलन करने वाले किसानों से उन्होंने निवेदन किया कि वो बातचीत के दौरान विरोध की मानसिकता से न जाएं, क्योंकि अगर हम विरोध की मानसिकता से बातचीत करते हैं तो कभी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आते हैं.
भ्रम में न आएं किसान
2019 में मिला है पद्मश्री अवार्ड
गौरतलब है कि देशभर में जैविक खेती में नाम कमाने वाले प्रगतिशील किसान भारत भूषण त्यागी को 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पदमश्री पुरस्कार देकर सम्मानित किया था. बुलंदशहर जनपद की स्याना तहसील क्षेत्र के गांव बीहटा निवासी प्रगतिशील किसान भारत भूषण त्यागी ने जैविक खेती स्वयं कर और देश-प्रदेश में किसानों को जैविक खेती के लिए जागरूक कर अपनी अलग छाप छोड़ी है. उनकी गिनती देश के प्रगितशील किसानों में होती है. कई बार उनके फार्म पर मंत्री से लेकर शासन के अफसर तक पहुंचे हैं और जैविक खेती के बारे के बारे में जानकारी लेते हैं.