सियासत से किसान थोडे़ दूर, थोड़े पास:किसान नेता बोले- कल पूरे दिन शांतिपूर्ण बंद रहेगा, हमारे मंच पर किसी राजनेता को जगह नहीं मिलेगी

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नई दिल्ली। तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के साथ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों के आंदोलन का आज 12वां दिन है। शाम को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेताओं ने कहा- कल पूरा दिन बंद रहेगा। यह पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा। हमारे मंच पर किसी राजनेता को जगह नहीं मिलेगी। इस बीच, राजनीतिक दलों के नेताओं का आंदोलन स्थल पर पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।

दिल्ली-हरियाणा​​​​​-सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि हमारा बंद पूरे दिन रहेगा। दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम होगा। यह एक शांतिपूर्ण बंद रहेगा। हम हमारे मंच पर किसी भी राजनीतिक नेता को जगह नहीं देंगे।

वहीं, किसान नेता निर्भय सिंह धुड़िके ने कहा- हमारा प्रदर्शन केवल पंजाब तक सीमित नहीं है। दुनियाभर के नेताओं का इसे समर्थन मिल रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी हमें सपोर्ट कर रहे हैं। हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। इससे पहले, किसानों के समर्थन में आज पंजाब के 30 एथलीट्स अवॉर्ड लौटाने राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया।

कल सुबह 11 बजे से 3 बजे तक किसानों का भारत बंद
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम शांति से प्रदर्शन करते रहेंगे। हम आम आदमी को परेशान नहीं करना चाहते। मंगलवार को भारत बंद का समय 11 बजे से 3 बजे तक इसीलिए रखा है, क्योंकि 11 बजे तक ज्यादातर लोग ऑफिस पहुंच जाते हैं और 3 बजे छुट्टी होनी शुरू हो जाती है।

एयर इंडिया ने पैसेंजर्स को दी छूट

एयर इंडिया ने कहा कि अगर कोई पैसेंजर भारत बंद की वजह से एयरपोर्ट नहीं पहुंच पाता है तो उसे नो शो चार्ज नहीं देना होगा। साथ ही कंफर्म टिकट होने पर किसी दूसरे दिन किसी भी एयरपोर्ट से सफर करने की छूट दी जाएगी।

नेशनल अवॉर्ड और किसान आंदोलन दो अलग-अलग चीजें- एसोसिएशन

खिलाड़ियों के अवॉर्ड वापसी के बीच इंडियन ओलिंपिक असोसिएशन ने सोमवार को बयान जारी कर कहा कि नेशनल अवॉर्ड और किसान आंदोलन दो अलग-अलग चीजें हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द मामले को सुलझा लिया जाएगा। किसान हमारे अन्नदाता है, हम सभी उनके साथ हैं। लेकिन हमें सरकार और किसानों पर भरोसा करना होगा, जो मामले को सुलझाने के लिए एक-दूसरे के संपर्क में हैं।

अखिलेश यादव लखनऊ में हिरासत में लिए गए
किसानों को समर्थन देने के लिए सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने समर्थकों के साथ लखनऊ से कन्नौज जाने के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें लखनऊ में ही रोक दिया। इसके बाद अखिलेश वहीं धरने पर बैठ गए। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। अखिलेश के समर्थक पुलिस से उलझते नजर आए। पुलिस को हल्का लाठीचार्ज भी करना पड़ा।

केजरीवाल बोले- केंद्र ने 9 स्टेडियमों को जेल बनाने का दबाव डाला था
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघु बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘किसानों का मुद्दा और संघर्ष जायज है। हम किसानों के संघर्ष में शुरू से ही साथ रहे हैं। केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस ने हमसे 9 स्टेडियमों को जेल बनाने की परमिशन मांगी थी। हम पर खूब दबाव बनाया गया, लेकिन हमने परमिशन नहीं दी। केंद्र सरकार चाहती थी कि किसानों दिल्ली आएं और उन्हें जेल में डाल दें।’

सरकार का तंज- आप करें तो किसानों का कल्याण, हम करें तो सड़क पर आते हैं
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को लेकर आज विपक्ष का दोहरा चरित्र सामने आया है। यह खतरनाक है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में मंडी व्यवस्था खत्म करने की बात कही थी।

शरद पवार ने इसके लिए दो मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी भी लिखी थी। आज विपक्ष सिर्फ विरोध करने के लिए विरोध कर रहा है। केजरीवाल ने पहले गजट पास किया, अब किसानों के पक्ष में खड़े हो गए हैं। आप कुछ करें तो वो किसानों का कल्याण है, हम करें तो आप सड़क पर उतर आते हैं।

8 दिसंबर के बंद से एम्बुलेंस और शादियों वाली गाड़ियों को छूट

किसानों के 8 दिसंबर के भारत बंद के समर्थन में कांग्रेस समेत 20 सियासी दल और 10 ट्रेड यूनियंस उतर आए हैं। विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने 9 दिसंबर को राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है।

बसपा प्रमुख मायावती ने भी आज किसान आंदोलन को समर्थन का ऐलान किया। उधर, किसान नेता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने बताया कि मंगलवार को बंद के दौरान एम्बुलेंस और शादियों वाली गाड़ियां आ-जा सकेंगी।

लंगरों में इतना अनाज कि दान देने वालों को मना करना पड़ रहा
प्रदर्शन करने वालों किसानों के लिए अनाज दान देने वालों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि लंगर लगाने वालों को दान देने वालों से हाथ जोड़कर मना करना पड़ रहा है। हर लंगर पर कई दिनों की जरूरत का अनाज जमा है।

किसानों का अगला टारगेट- बदरपुर बॉर्डर पर डालना है डेरा

किसानों और सरकार के बीच हुई 5 दौर की बातचीत के बाद भी कोई रास्ता नहीं निकल सका है। अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के कई बॉर्डर पर किसान डेरा डाले हुए हैं। 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान भी कर चुके हैं। उनका अगला टारगेट बदरपुर बॉर्डर को बंद करने का है। इसे लेकर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां भी हरकत में आ चुकी हैं। पुलिस भी अपने स्तर पर किसानों की स्ट्रैटजी पता लगाने की कोशिश में लगी है।

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