चंडीगढ़। किसान संगठनों के धरने को संबोधित करते हुए हिंदू धर्म व हिंदू महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में घिरे क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता व पूर्व किक्रेटर योगराज ने अपने बयान पर माफी मांगी है। योगराज सिंह नेे कहा, ”मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। मेरे मुंह से गलती से हिंदू शब्द निकल गया। इसके लिए मैं माफी मांगता हूं।” योगराज सिंह ने कहा, निश्चित रूप से मुंह से निकले हुए शब्दों का बहुत महत्व होता है, लेकिन गलती किसी से भी हो सकती है। मेरे से भी गलती हुई है।
अहम बात यह है कि पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह के खिलाफ हिंदू समाज में खासा रोष था। भाजपा समेत कई संगठन योगराज सिंह पर एफआइआर दर्ज करने की मांग कर रही थे।
बढ़ते गुस्से के बीच योगराज सिंह ने माफी मांगी है। पूर्व खिलाड़ी व पंजाबी फिल्मों के कलाकार ने कहा, बाद में जब मैने वह वीडियो देखा तो मुझे गलती का एहसास हो गया। मैं हिंदू शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहता था, लेकिन मेरे मुंह से निकला। चूंकि मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है, इसलिए मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। एक सवाल के जवाब में योगराज सिंह कहते हैंं, मुझे अगर दोबारा मौका मिले तो मैं किसानों के मंच पर जाकर किसानों की मांगों का समर्थन करूंगा, क्योंकि अगर आप देखेंं तो महाभारत भी हक के लिए ही हुई थी। किसान अपने हक की मांग कर रहे है।
योगराज सिंह ने कहा, ”मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल से इज्जत करता हूं। वह सूझवान नेता हैं, लेकिन जिन लोगों के लिए कानून बनाया गया है अगर उन्हें पसंद नहीं है या उन्हें एतराज है तो फिर इस कानून को वापस ले लेना चाहिए। परिवार के मुखिया का यह फर्ज भी बनता है। वह देश के प्रधानमंत्री हैंं। अत: उन्हें भी बड़े दिल के साथ यह कह देना चाहिए कि अगर किसान नहीं चाहते को इस तरह का कानून हो तो वह इसे वापस लेते हैंं।”
बता दें, 5 दिसंबर को कुंडली बार्डर पर किसान धरने को संबोधित करते हुए योगराज सिंह ने हिंदुओं को गद्दार बताया था। मुगल काल के आक्रांता अहमद शाह अफदाली का जिक्र करते हुए योगराज सिंह ने कहा था कि उस समय टके-टके में हिंदू महिलाएं बिका करती थी। योगराज के इस बयान से हिंदू समाज में काफी तीखी प्रतिक्रिया आ रहा थी।
पूर्व क्रिक्रेटर व पंजाबी फिल्मों के कलाकार योगराज सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं जन्म से ही किसान हूं। मेरी मां मुझे ट्रैक्टर के पीछे बैैठाकर अपने खेत की जुताई करती थी। अत: मैं पहले किसान हूं बाकी सब बाद में।