आंध्र प्रदेश में नई मुसीबत:पश्चिम गोदावरी जिले में 290 से ज्यादा लोग अनजान बीमारी की चपेट में, एक की मौत

अस्पतालों का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। मरीजों के लिए विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में 50 बेड रिजर्व रखे गए हैं। डॉक्टरों की टीम हर एक मरीज को अटेंड कर रही है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी भी सोमवार को एलुरु जाएंगे। गवर्नर विश्व भूषण हरिचंदन ने अधिकारियों से कहा कि वे प्रभावित लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराएं।

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आंध्र प्रदेश में पश्चिम गोदावरी जिले के एलुरु में फैली अनजान बीमारी की चपेट में आने वालों की संख्या 290 हो गई है। एक शख्स की मौत भी हो चुकी है। इस बीमारी के मरीज जिले के अलग-अलग इलाकों में शनिवार रात को सामने आना शुरू हुए। रविवार सुबह तक इनकी संख्या 170 और शाम होते-होते 290 से ज्यादा हो गई। हालांकि, इनमें से 140 लोगों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।

एलुरु के गवर्नमेंट हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. मोहन ने बताया कि बीमार पड़ने वालों की संख्या बढ़ रही है। शनिवार रात से रविवार सुबह तक हमारे यहां लगभग 140 लोगों को भर्ती किया गया। मरीजों में चक्कर आने, सिरदर्द और मिर्गी जैसे लक्षण दिख रहे हैं। इसका कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।

डॉक्टरों की स्पेशल टीमें पहुंची

इस बीच, विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराए गए 45 साल के एक शख्स ने दम तोड़ दिया। उन्हें सुबह उल्टी और मिर्गी के लक्षण दिखाई देने के बाद भर्ती किया गया था। डॉक्टरों की स्पेशल टीमों को एलुरु भेजा गया है। वे घर-घर जाकर मरीजों की पहचान कर रही हैं।

अलग-अलग इलाकों से आए मरीज

डॉक्टरों ने बताया कि सभी मरीजों के ब्लड, खाने और पानी के सैंपल फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं। अब तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई है। सभी मरीजों की सीटी स्कैन और एक्सरे रिपोर्ट नॉर्मल आई है। हैरानी की बात यह है कि सभी मरीज अलग इलाकों के रहने वाले हैं। उनका आपस में कोई कॉन्टैक्ट नहीं है और हाल में वे किसी समारोह में शामिल भी नहीं हुए हैं।

इसके बावजूद सभी में एक जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। 76 महिलाओं और 46 बच्चों समेत बाकी मरीजों का इलाज चल रहा है। छह साल की एक बच्ची को सीरियस हालत में विजयवाड़ा रेफर किया गया है। वहां एमरजेंसी मेडिकेयर सेंटर तैयार किया गया है। ज्यादातर मामले कोब्बारी थोटा, कोथापेटा, तोरपु वीधी और अरुंधति पेटा से सामने आए हैं।

डिप्टी सीएम ने कहा- घबराने की जरूरत नहीं

प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री अला काली कृष्णा ने कहा कि हालात अब कंट्रोल में है। सभी तरह की मेडिकल सुविधाएं मरीजों को मुहैया कराई जा रही हैं। ज्यादातर मरीज कुछ देर में ठीक हो गए। कुछ को बेहतर इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में एडमिट किया गया है। शुरुआत में लग रहा था कि यह समस्या पानी की वजह से हुई है। जांच में ऐसा सामने नहीं आया।

अस्पतालों का दौरा करने के बाद उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। मरीजों के लिए विजयवाड़ा के सरकारी अस्पताल में 50 बेड रिजर्व रखे गए हैं। डॉक्टरों की टीम हर एक मरीज को अटेंड कर रही है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी भी सोमवार को एलुरु जाएंगे। गवर्नर विश्व भूषण हरिचंदन ने अधिकारियों से कहा कि वे प्रभावित लोगों को बेहतर इलाज मुहैया कराएं।

एम्स की टीम भी पहुंची

भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा राव ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी नीलम साहनी से बात की। उन्हें बताया कि मंगलगिरी एम्स से पांच डॉक्टरों की एक टीम इलाज के लिए एलुरु पहुंची है। राव ने कहा कि उन्होंने इस मसले पर एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया और दूसरे एक्सपर्ट से बात की है। जहरीली ऑर्गेनिक चीजें इसकी वजह हो सकती हैं। वहीं, टीडीपी के महासचिव नारा लोकेश ने रेड्डी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया।

डिप्टी सीएम और आला अधिकारी पहुंचे

वेस्ट गोदावरी और कृष्णा जिले के अलग-अलग अस्पतालों की मेडिकल टीमें प्रभावित इलाके में डेरा डाले हुए हैं। यहां स्पेशल कैंप्स में मरीजों का इलाज चल रहा है। डिप्टी CM, हेल्थ मिनिस्टर और आला अधिकारी मामले पर नजर बनाए हुए हैं।

ज्वाइंट कलेक्टर ने बताया कि एलुरु म्युनिसिपल ऑफिस में कॉल सेंटर बनाया गया है। किसी भी एमरजेंसी में लोग यहां फोन कर सकते हैं। कुछ मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में भी किया जा रहा है। सरकारी अस्पताल से करीब 70 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया है। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। मरीजों को इलाज से फायदा हो रहा है। वे सभी तेजी से रिकवर हो रहे हैं।

कोरोना की मार भी झेल रहा आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में तीसरे नंबर पर है। उससे आगे महाराष्ट्र और कर्नाटक हैं। आंध्र प्रदेश में अब तक कोरोना के 8.71 लाख केस आ चुके हैं। इनमें सात हजार से ज्यादा की मौत हुई है। 8 लाख 58 हजार 115 मरीज ठीक हो चुके हैं। 6 हजार 166 का इलाज चल रहा है।

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