किसान आंदोलन का 10वां दिन- विज्ञान भवन में तख्ती लेकर मौन पर बैठे किसान नेता, केवल हां या नहीं में मांगा जवाब ; सरकार आपत्तियां दूर करने को तैयार, किसान कानून वापसी पर अड़े
केंद्र की तरफ से एक और बैठक का प्रस्ताव रखा गया है. हालांकि किसान आर-पार के मूड में हैं.
नई दिल्ली। किसानों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच पाँचवे दौर की मीटिंग हो रही है और इस दौरान किसान अपने स्टैंड पर अड़े हुए हैं, जब कि सरकार उन को मनाने पर लगी हुई बैठक के दौरान किसान नेताओं ने मौन धारण कर लिया है. किसान नेता तख्ती लेकर बैठ गए हैं. उनका कहना है कि अब जवाब हां या नहीं में चाहिए. जबकि बैठक के कमरे से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल बाहर निकल गए हैं. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के दौरान किसान नेताओं से अनुरोध किया, ‘मैं आप सभी से अपील करता हूं कि विरोध करने वाले वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों से घर भेजा जाए.’
सरकार से बातचीत के दौरान किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है. हम पिछले कई दिनों से सड़क पर हैं. अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं है. हम अहिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे. इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको सूचित करेगा कि हम विरोध स्थल पर क्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं. इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसान को नहीं.
जानकारी मिल रही है और कि जब किसानों ने सरकार को दो -रोटी का टुकड़ा सुनाई कि वह बताने कि कानून रद्द हो सकते हैं या नहीं और यह कह कर वह मीटिंग का बाइकाट करन ही लगे थे तो कृषि मंत्री की तरफ से उन को रुकने की अपील की गई और किसानों को उन की माँगों पर लिखित भरोसा दिया है। लिखित भरोसा देने के बाद सरकार की तरफ से किसानों से थोड़ा समय लिया गया है वह अपनी अलग मीटिंग कर रहे हैं और इस दौरान किसान बाहर आ कर रोटी खा रहे हैं और इस बार भी किसान अपना खाना के साथ ले कर आए हैं और सरकार का सरकारी खाना खाने से मना कर दिया गया।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन का आज 10वां और अहम दिन है। किसानों की सरकार से बातचीत जारी है। दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रही मीटिंग में 40 किसान शामिल हैं। सरकार की तरफ से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश किसानों से बात कर रहे हैं। मीटिंग से पहले किसानों ने एक बार फिर कहा कि कृषि कानूनों में बदलाव से काम नहीं चलेगा, सरकार को तीनों कानून वापस लेने चाहिए।
बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से पिछली बैठक के बिन्दुवार लिखित जवाब देने को कहा, जिसके लिए सरकार सहमत हो गई। #FarmersProtest https://t.co/0HSa6oF8pl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2020
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी रखने की लिखित गारंटी देने और कृषि बिलों के जिन प्रोविजंस पर किसानों को आपत्ति है, उनमें संशोधन करने को भी तैयार है। लेकिन, किसान तीनों कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।
इससे पहले किसानों के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार अपने 4 मंत्रियों से चर्चा की। मोदी के घर करीब 2 घंटे चली मीटिंग गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल मौजूद थे।
रोज़ाना हम देख रहे हैं कि ये बैठक कर रहे हैं, इतनी सरल मांगे हैं तो रोज़ बैठक करने का क्या मतलब है। जिस प्रकार से आप रोज़ बैठक किए जा रहे हैं उससे आपके नियत पर सवाल खड़ा होता है। अपनी नियत को साफ रखें और देश के किसानों की बात मानें: राघव चड्डा, AAP pic.twitter.com/XWx24dofPJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2020
किसान बोले- आज सिर्फ कानून रद्द करने की बात होगी
किसानों ने मीटिंग से पहले कहा कि सरकार बार-बार तारीख दे रही है। ऐसे में सभी संगठनों ने फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है। किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, सिर्फ कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी।
अपडेट्स
- किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को बंद कर रखा है। इसकी बजाय लोगों को DND से दिल्ली में आने की सलाह दी गई है।
- NH-24 पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर भी बंद रखा गया है। किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि किसानों की और सरकार की आज की मीटिंग में कोई सकारात्मक हल नहीं निकला तो राजस्थान के किसान NH-8 से होते हुए दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।
8 दिसंबर को भारत बंद का अल्टीमेटम
इससे पहले शुक्रवार को किसानों ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे। किसानों ने सभी टोल प्लाजा पर कब्जे की भी चेतावनी दी है।शुक्रवार को किसानों की मीटिंग के बाद उनके नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा- आने वाले दिनों में दिल्ली की बची हुई सड़कों को भी ब्लॉक करेंगे। किसान संगठन आज मोदी के पुतले भी जलाएंगे।
170 से ज्यादा किसान बीमार, कोरोना टेस्ट के लिए तैयार नहीं
टिकरी-कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे 170 से ज्यादा किसान बुखार और खांसी से पीड़ित हैं। यहां लगे कैंपों में हजारों किसान दवा ले रहे हैं। अपील के बावजूद किसान कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहे हैं। किसानों को समर्थन देने पहुंचे महम विधायक बलराज कुंडू कोरोना पॉजिटिव मिले। हरियाणा भाकियू के प्रवक्ता राकेश बैंस ने बताया- किसानों से अपील कर रहे हैं कि तबीयत खराब होते ही चेकअप करवा कर दवाई लें। जिन्हें बुखार है, वे कोरोना टेस्ट भी कराएं। करीब एक हजार किसान दवा ले चुके हैं।
काजू-बादाम के लंगर…मनोरंजन के लिए ट्रैक्टर पर DJ
आंदोलन में शामिल किसानों के लिए होशियारपुर जिला कबड्डी एसोसिएशन के सदस्यों ने बादाम का लंगर लगाया। एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने डेढ़ क्विंटल बादाम, काजू, सोगी और अखरोट आंदोलन में हिस्सा ले रहे किसानों में बांटे। इधर सिंघु बॉर्डर पर बीती रात किसान ट्रैक्टर पर DJ लगाकर नाचते-गाते नजर आए। उनका कहना है कि मनोरंजन का कोई इंतजाम नहीं होने की वजह से ट्रैक्टर पर म्यूजिक सिस्टम इंस्टॉल करवाया है।