गौरतलब है कि कोरोना वायरस के समय सरकार ने पूरे राज्य में करीब 6123 लोगों के साथ 3 महीने का कॉन्ट्रैक्ट कर उन्हें कोरोना वॉरियर्स बनाया था. इन्हें सरकार ने दैनिक वेतन भोगी की तरह वेतन भी दिया. लेकिन, अब सरकार ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया है. इसी बात को लेकर ये दैनिक वेतनभोगी धरना दे रहे हैं और नियमिति की मांग कर रहे हैं. इन लोगों के मुताबिक सरकार 60 फीसदी लोगों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है.
राज्य में ये कोरोना वॉरियर्स 3 महीने के कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नियुक्त किए गए थे, परंतु ये महामारी 3 महीने में खत्म नहीं हुई और समय बढ़ गया. इसके बाद सरकार ने इनसे कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं किया और 9 महीने लगातार काम कराया। अब इनका कहना है कि अगर सरकार ने हमें 3 महीने का कॉन्ट्रैक्ट दिया था तो हमें 3 महीने बाद निकाल देना था. सरकार ने हमारा इस्तेमाल किया और अब निकाल रही है.
प्रदर्शनकारीयों की मांग है कि सरकार उन्हें रेगुलर बेसिस पर नियुक्ति दे और संविदा के तहत कार्य कराए. वेतन भी वही मिले जो अभी तक मिल रहा था. गौरतलब है कि इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल थीं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि महिलाओं के साथ यहां बच्चे भी मौजूद थे, जिन पर लाठीचार्ज किया गया और जेल भेज दिया गया. वहीं, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ झूमा झटकी के दौरान जहांगीराबाद थाना प्रभारी को भी मामूली चोट आई है उनका भी मेडिकल चेकअप कराया गया. इसके बाद जहांगीराबाद थाने में प्रदर्शनकारियों पर धारा 188 और 151 के तहत मामला दर्ज किया गया है.