केंद्र सरकार ने घरेलू उड़ानों की सीमा को 70% से बढ़ा कर 80% कर दिया है। एविएशन मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि एयरलाइंस अपनी प्री-कोविड कैपेसिटी के हिसाब से 80% फ्लाइट्स ऑपरेट कर सकेंगी। पुरी ने बताया कि 25 मई में सिर्फ 30 हजार लोगों ने हवाई सफर किया था। 30 नवंबर को यह संख्या 2.52 लाख तक पहुंच गई। यह बीते महीनों में एक दिन में मुसाफिरों की सबसे बड़ी संख्या है। इस वजह से एयरलाइन कंपनियों की फ्लाइट कैपेसिटी बढ़ाने का फैसला लिया गया।
2 दिसंबर को हवाई सफर के आंकड़े
- 2,040 फ्लाइट में 2 लाख 32 हजार 364 लोगों ने सफर किया
- कुल फ्लाइट मूवमेंट – 4082
- एयरपोर्ट पर लोग आए – 4,67,238
डोमेस्टिक पैसेंजर की संख्या लगातार बढ़ रही
घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में लगातार सुधार हो रहा है। इसे देखते हुए केन्द्र सरकार ने पिछले महीने ही एयरलाइंस कंपनियों को 70% कैपेसिटी के साथ उड़ान भरने की छूट दी थी। इससे पहले एविएशन मिनिस्ट्री ने जून में उड़ानों की संख्या 45% तक बढ़ाने की इजाजत दी थी। यह 27 जून से लागू हुई।
2 सितंबर को इसे बढ़ाकर 60% कर दिया गया। इसके अलावा मिनिस्ट्री ने अगस्त के आखिर में एयरलाइन कंपनियों के लिए कई राहतों का ऐलान किया था। इसमें मुसाफिरों को खाना और बाकी सुविधाएं देने की भी इजाजत दी गई थी। लॉकडाउन के बाद 25 मई से घरेलू उड़ानें शुरू की गई थीं।
बोइंग ने कहा था- पहले जैसे हालात होने में कई साल लगेंगे
विमान बनाने वाली दिग्गज कंपनी बोइंग पहले आशंका जता चुकी है कि एयर ट्रैफिक को कोविड से पहले के स्तर पर पहुंचने में कई साल लग सकते हैं। कंपनी के प्रोडक्ट मार्केटिंग डायरेक्टर जिम हैस ने कहा था कि कुछ एशियाई देशों में घरेलू एयर ट्रैफिक में धीमी रिकवरी के संकेत मिल रहे हैं।
हैस ने कहा था कोविड-19 की रोकथाम के लिए विभिन्न देशों की सरकारों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है। इससे लोगों का एक से दूसरे राज्यों में आना-जाना शुरू हो गया है। इस कारण इंटरनेशनल एयर ट्रैफिक के मुकाबले घरेलू ट्रैफिक में तेज रिकवरी होगी।