चंंडीगढ़। किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा के बहादुरगढ़ में मारे गए पंजाब के दो किसानों के परिवारों की मदद के लिए कैप्टन सरकार आगे आई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दोनों परिवारों को 5-5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की है। मारे गए किसान मोगा और मानसा जिले के रहने वाले हैं। हजारों की संख्या में पंजाब और राजस्थान के किसान सोनीपत के सिंघू बॉर्डर पर और बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इन्हीं में शामिल पंजाब के दो किसानों गज्जन सिंह और जनकराज की बीते दिनों बहादुरगढ़ एरिया में मौत हो गई है।
आंदोलनकारियों के ट्रैक्टर ठीक करने आए थे जनकराज
बरनाला के धनौला गांव के 65 साल के जनकराज किसानों के खराब हुए ट्रैक्टर ठीक करने के लिए शनिवार रात 11 अपने तीन साथियों के साथ बहादुरगढ़ आए थे। वह सेक्टर-9 बाईपास मोड़ के पास रात को अपनी कार में सो रहे थे कि करीब डेढ़ बजे तेज धमाके के साथ उसमें आग लग गई। वह जलती हुई कार से बाहर नहीं निकल पाए और न ही समय पर लोग उनकी मदद कर पाए। जब तक उन्हें बाहर निकाला जा सका तो उनकी मौत हो चुकी थी।
24 घंटे में ऐसे गई थी दूसरी जान
इसके 24 घंटे के भीतर दूसरी जान लुधियाना का भगवानपुरा के रहने वाले 50 साल के गज्जन सिंह की गई। गज्जन सिंह बहादुरगढ़ बाईपास पर नए बस स्टैंड के पास ही था। रात को लघुशंका के लिए सड़क से कुछ कदम दूर गए थे, वहीं पर गिर गए। आसपास मौजूद किसानों ने उन्हें संभाला और अचेत अवस्था में शहर के जीवन ज्योति अस्पताल में लेकर गए। अस्पताल में डॉक्टर्स ने किसान गज्जन सिंह को मृत घोषित कर दिया। हालांकि डॉक्टर्स और पुलिस के मुताबिक मौत हार्ट अटैक से हुई बताई जा रही है, लेकिन परिचितों का कहना है कि चार दिन पहले जुलाना में हुई पानी की बौछार में भीगने के बाद से वह बीमार थे। इसी के चलते उनकी मौत हुई।