कोरोना वायरस के मामले बढ़ने से जिला प्रशासन की बढ़ी चिंता, वही आइसोलेशन के डर के कारण सेल्फ मेडिकेशन बढ़ी

यही नहीं, अब बढ़ रहे जटिल केसेस में सिर्फ ज्यादा उम्र वाले या को-मॉरबिड स्थिति वाले मरीज ही नहीं बल्कि हर उम्र वर्ग के मरीज आ रहे हैं। ऐसे में अगर अब भी लोगो द्वारा लापरवाही बरती जाएगी और कोविड-19 से बचाव की हिदायतों का पालन नहीं किया जाएगा तो स्थिति गंभीर हो सकती है। मरीजों में जटिलताएं भी बढ़ रही हैं। ऐसे में माहिरों द्वारा भी अब लोगों को ज्यादा से ज्यादा कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की जा रही है।

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बठिंडा. जिले में नवंबर माह के शुरू में कोविड-19 के केसों में जहां कमी आई वही जिला व सेहत विभाग ने कुछ राहत की सास ली थी लेकिन अब नवंबर अंतिम सप्ताह में नए केसेस बढ़ने के साथ अब गंभीरता भी बढ़ रही है। वहीं, लोग आइसोलेशन के डर के कारण सेल्फ मेडिकेशन लगातार कर रहे हैं। ऐसा करके मरीज खुद अपनी स्थिति को ज्यादा खराब कर रहे हैं। ऐसे में जब ये मरीज गंभीर होते हैं तो उन पर दवाइयों का असर ही खत्म हो जाता है। वही जिला प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती नए क्षेत्र बने है जहां आए दिन कोरोना मरीजों की तादाद बढ़ रही है।

इसमें अधिकतर क्षेत्र ऐसे हैं जहां अक्तूबर माह में केस बढ़े लेकिन अब फिर से इस क्षेत्र की स्थिति बदतर हो रही है इसमें रामा मंडी कस्बा, सैनिक छावनी, पीआरटीसी डिपो, सिविल सर्जन दफ्तर, हरपाल नगर, गुरु गोबिंद सिंह नगर, माडल टउन शामिल है जबकि विभिन्न स्कूलों में कर्मियों के कोरोना पोजटिव आने का सिलसिला भी पिछले 10 दिनों में लगातार जारी है। स्कूल परिजनों में ही अब तक 54 मामले सामने आ चुके हैं। दूसरी तरफ सेहत विभाग अब घरों में आइसोलेट हुए मरीजों की तरफ से खुद डाक्टर बनने की नीति से परेशान है।
अधिकतर मरीजों ने अब आरएमपी डाक्टरों या फिर सोशल मीडिया में चल रहे प्रचार को देखते घरों में पैरासिटामाल, एजिथ्रायसिन, विटामीन सी, डेक्सामेथासोन, हाइड्कोक्लोरोक्सीन के साथ कफ सिरप अपने स्तर पर लेना शुरू कर दिया है। इससे मरीजों में दिल की धड़कन कम होना, फेफड़ों में फाइब्रोसिस की समस्या भी बढ़ रही है। यही नहीं, अब बढ़ रहे जटिल केसेस में सिर्फ ज्यादा उम्र वाले या को-मॉरबिड स्थिति वाले मरीज ही नहीं बल्कि हर उम्र वर्ग के मरीज आ रहे हैं। ऐसे में अगर अब भी लोगो द्वारा लापरवाही बरती जाएगी और कोविड-19 से बचाव की हिदायतों का पालन नहीं किया जाएगा तो स्थिति गंभीर हो सकती है। मरीजों में जटिलताएं भी बढ़ रही हैं। ऐसे में माहिरों द्वारा भी अब लोगों को ज्यादा से ज्यादा कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की जा रही है।

सेल्फ मेडिकेशन बड़ी समस्या

सेल्फ मेडिकेशन एक बड़ी समस्या है। मरीज को नहीं मालूम की उन्हें हल्का, मध्यम या गंभीर किस तरह का लेवल है। ऐसे मरीज खुद दवाइयां लेकर पहले ही दवाइयों का असर खत्म कर रहे हैं। इसका असर ये है कि गंभीर होने पर उन पर दवाइयों का असर नहीं होता। आम मरीजों के मुकाबले ऐसे केस बढ़ रहे हैं। हॉस्पिटल में रोजाना 10-12 नए मरीज पहुंच रहे हैं। नए मरीजों में कमजोरी, फेफड़ों में फाइब्रोसिस की भी समस्याएं आ रही हैं।

डायरिया के केस भी बढ़े
बुखार, खांसी और जुकाम जैसे लक्षणों से हट कर अब मरीजों में डायरिया, उल्टियों के केसेस भी बढ़ रहे हैं। वहीं, 2-3 ऐसे भी केसेस आ रहे हैं जिनमें दिल की धड़कन धीमी होने की समस्या आ रही है। वहीं, ये लक्षण सिर्फ बुजुर्गों या को-मॉरबिड स्थिति वाले मरीजों में ही नहीं। बल्कि लगभग हर उम्र में दिख रहे हैं। इस समय में हमें ज्यादा ध्यान बरतने की ज़रुरत है। इस से कि संक्रमितों की संख्या को रोकने में मदद मिल सके।

हाइपरटेंशन, डायबिटीज के मरीज मृतकों में शामिल

पिछले एक सप्ताह में 12 लोगों की कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई। इसमें हाइपरटेंशन, डायबिटीज के मरीज भी थे। समें लंग डीजीज(आईएलडी), डायबिटिक, हाइपरटेंशन और कॉरनरी आर्टरी डिजीज व कई में डायबिटिक और हाइपरटेंशन के मरीज थे।

कोरोना के भय से रात का कर्फ्यू, शादियों पर पड़ा असर

लगभग 8 महीने बाद बैंड-बाजा-बारात और शहनाई की गूंज सुनने को मिलेगी लेकिन इस पर भी रात के कर्फ्यू ने ग्रहण लगा दिया है। कोविड 19 का दूसरा चरण शुरू होने के साथ ही सरकार की ओर से 1 दिसंबर से पंजाब भर में रात का कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और इसी दिन से शादियों का शुभ लगन होने की वजह से लगातार 10-12 दिन तक 200 से ज्यादा शादियां होनी हैं।
ज्यादातर होटल, मैरिज पैलेस, रिजोर्ट और बैंक्वेट हाल में शादी समागम के लिए रात की बुकिंग है, जबकि रात 10 बजे से कर्फ्यू लागू होने से लोगों के जश्न की खुशियां काफूर हो गई हैं तथा मैरिज पैलेस संचालकों के लिए भी नई परेशानी खड़ी हो गई है।

रात 10 बजे से कर्फ्यू:

सरकार के निर्देशानुसार 1 दिसंबर से जिले के तमाम कस्बों व शहरों में रात 10 से सुबह 5 बजे तक रात का कर्फ्यू लगेगा। डीसी बी श्रीनिवासन ने बताया कि जिले के तमाम होटल, रेस्टोरेंट व मैरिज पैलेस रात 9.30 बजे बंद होंगे।
लोगों को लापरवाही न बरतने की चेतावनी देते कहा कि मास्क न पहनने, सार्वजनिक जगह पर थूकने तथा सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करने पर 1000 रुपए जुर्माना किया जाएगा। सरकार की ओर से नाइट कर्फ्यू लगने की सूचना मिलने से शादी की तैयारियों में जुटे परिवार अचरज में पड़ गए हैं। एकदम से प्रोग्राम में तब्दील करने को लेकर परिवार बेचैन हो उठे हैं, ऐसा करना बेहद मुश्किल है क्योंकि अधिकांश रिश्तेदारों को न्यौता भेजा जा चुका है।
कोई रास्ता न निकलता देख लोगों को शादी का समय रात की बजाए अब दिन का करना पड़ रहा है जिससे उनका काम बढ़ गया है। परिवार के सदस्य लगातार फोन कॉल करके आमंत्रित लोगों को फोन व मैसेज से शादी का समय बदलने की जानकारी दे रहे हैं।
माता वैष्णो मंदिर के पं. विजय गौड़ ने बताया कि 11 दिनों में शादियों का पूरा सीजन है, उनके पास बुक रात की शादियां अब परिवार वालों ने समय तब्दील करके दिन में रख दी हैं। हालांकि सरकारी हिदायतों पर शादी समागम में 150 से 200 लोग ही एकत्र हो रहे हैं, ज्यादा भीड़ न बढ़ाने के मद्देनजर कई परिवार तो अपने नजदीकी रिश्तेदारों को ही शादी समागम में आमंत्रित करते हैं।
वित्तमंत्री व डीसी से मिलेंगे होटल संचालक
बठिंडा होटल रेस्टोरेंट एंड रिजोर्ट एसोसिएशन के प्रधान सतीश अरोड़ा का कहना है कि शादियों का शुभ लगन आने पर होटल इंडस्ट्री को आर्थिक मंदी से राहत मिलने की उम्मीद जगी तो नाइट कर्फ्यू लगाने की तैयारियां हो गई हैं। रात की शादियों का ट्रेंड है और रात 9 बजे के बाद समारोह में चहल-पहल शुरू होती है, लेकिन 10 बजे कर्फ्यू लगने से खलल पड़ेगा। वे वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल और डीसी बी श्रीनिवासन से मिलकर कर्फ्यू को अगले 15 दिसंबर तक के लिए टालने का आग्रह करेंगे।

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