नई दिल्ली। कृषि बिलों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान के प्रदर्शनों का शनिवार को तीसरा दिन है। इस बीच, केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत की पेशकश की है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि हमने किसान यूनियनों को 3 दिसंबर को मिलने का न्योता भेजा है। उम्मीद है कि वे 3 मिलने आएंगे।
मैं राजनीतिक दल के लोगों को कहना चाहता हूं कि अगर उनको राजनीति करनी है तो अपने नाम पर राजनीति करें, लेकिन किसानों के नाम पर सियासत नहीं होनी चाहिए: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर #FarmLaws https://t.co/2rzn79g86T
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2020
इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने किसान आंदोलन में खालिस्तान समर्थकों की मौजूदगी का दावा किया है। खट्टर ने शनिवार को कहा- भीड़ में उपद्रवियों के शामिल होने का इनपुट मिला है।
#WATCH We've inputs of some such unwanted elements in crowd. We've reports, will disclose once it's concrete. They raised such slogans. In videos they said 'jab Indira Gandhi ko ye kar sakte hain, to Modi ko kyu nahi kar sakte': Haryana CM on Khalistan elements in #FarmerProtest pic.twitter.com/ZZQrDTfDA0
— ANI (@ANI) November 28, 2020
वीडियो में वे लोग नारा लगा रहे थे- जब इंदिरा गांधी को ये कर सकते हैं, तो मोदी को क्यों नहीं कर सकते। हमारे पास पूरी रिपोर्ट है। जैसे ही जानकारी पुख्ता होगी, हम इसका खुलासा करेंगे।
भारत सरकार किसानों की समस्याओं के लिए किसान यूनियन से बात करने के लिए पूरी तरह तैयार है। हमने उनको 3 दिसंबर का आमंत्रण भेजा है और मुझे आशा है कि वो सब लोग आएंगे और इस संवाद के माध्यम से रास्ता ढूढेंगे: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर #FarmerProtest pic.twitter.com/P0uAyLD3Yp
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दिल्ली की चौखट पर जमे हैं किसान
आंदोलन कर रहे किसान आज भी दिल्ली बॉर्डर (सिंघु और टीकरी) पर डटे हुए हैं। सिंघु पर शुक्रवार को हुए संघर्ष के बाद के किसानों को दिल्ली में एंट्री की इजाजत सरकार ने दे दी। दिल्ली सरकार ने कहा कि किसान बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने दिल्ली में एंट्री से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि दिल्ली को घेरने आए हैं, न कि दिल्ली में घिर जाने के लिए।
किसान आंदोलन को पंजाब के किसानों ने खड़ा किया है, इस आंदोलन को किसानों की बजाए राजनीतिक दलों और संस्थाओं ने प्रायोजित किया है। हरियाणा के किसानों ने आंदोलन में भागीदारी नहीं की है: मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री हरियाणा #FarmerProtest pic.twitter.com/5S0BNkuwPj
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शुक्रवार रात हजारों किसान सिंघु बॉर्डर पर ही रहे। उनका कहना है कि हम हाईवे पर ही प्रदर्शन करेंगे। एक किसान ने कहा कि हमारे पास 6 महीने का राशन है। किसानों के खिलाफ बने काले कृषि कानूनों से मुक्ति के बाद ही वापस जाएंगे।
#WATCH | कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए किसान पंजाब की अलग-अलग जगहों से दिल्ली की ओर बढ़ते हुए शंभू बॉर्डर पहुंचे।
सरकार द्वारा बुराड़ी में प्रदर्शन करने की अनुमति पर एक किसान ने कहा,"हम दिल्ली का मेन हाईवे जाम कर,आवाजाही बंद करेंगे। जो हमारी कमेटी कहेगी वही करेंगे।" pic.twitter.com/6BK7knPPev
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यूपी से भी किसान जत्था रवाना
उत्तर प्रदेश के मेरठ में भारतीय किसान यूनियन (BKU) के कार्यकर्ताओं के साथ टोल प्लाजा पर जमे किसान शनिवार 11:30 बजे दिल्ली रवाना हो गए। ये जत्था शाम तक दिल्ली पहुंचेगा। BKU के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यह विचारों की लड़ाई है। जब एक-दूसरे के विचार एक से होंगे, लड़ाई खुद खत्म हो जाएगी। इस बार वार्ता नहीं समस्या का समाधान चाहिए। BKU कार्यकर्ता शुक्रवार दोपहर से मोदीपुरम स्थित टोल प्लाजा पर धरना प्रदर्शन पर बैठे थे। दिल्ली जाने के दौरान इन्हें यहां रोक लिया गया था।
नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान दिल्ली और हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर अभी भी डटे हुए हैं। #FarmersProtest pic.twitter.com/O2QmCsEFog
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दिल्ली-NCR के कई कॉलेजों ने परीक्षाएं टालीं
दिल्ली-NCR के कई कॉलेजों ने किसान प्रदर्शन के चलते परीक्षाएं टाल दी हैं। इससे बाहर से आने वाले छात्रों की परेशानी बढ़ गई हैं। उनका कहना है कि कॉलेज इसके बारे में पहले से कोई सूचना नहीं दी थी, अचानक से परीक्षा टालने का फैसला ले लिया।
पुलिस ने 8 बार रोकने की कोशिश की, पर रोक नहीं पाए
सिंघु बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने तीन लेयर में बैरिकेडिंग कर रखी थी। सबसे आगे कंटीले तार थे। फिर ट्रकों को बैरिकेड की तरह लगाया गया। आखिर में वॉटर कैनन तैनात थी। इतने इंतजाम भी किसानों को नहीं रोक पाए। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर से दिल्ली बॉर्डर तक तीन राज्यों की पुलिस ने 8 बार बड़ी नाकेबंदी कर किसानों को रोकने की कोशिश की, लेकिन किसान हर बार ट्रैक्टर के सहारे आगे बढ़ते गए। बीच-बीच में पथराव भी हुआ।
दिल्लीः कृषि कानूनों के विरोध में बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में इकट्ठा हुए किसान प्रदर्शनकारी। दिल्ली पुलिस ने कल किसानों को ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी। #FarmersProtest pic.twitter.com/gdpCHiZc3w
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पानीपत में लगातार दूसरे दिन संघर्ष
पुलिस और किसानों के बीच लगातार दूसरे दिन बड़ा टकराव पानीपत में हुआ। बड़ी तादाद में किसान बैरिकेडिंग तोड़ते हुए दिल्ली की तरफ आगे बढ़ गए। पीछे-पीछे पंजाब के किसान भी थे। इनकी हरियाणा पुलिस से झड़प होती रही। पानीपत के सेक्टर-29 के थाने के पास पुलिस ने जेसीबी मशीन बुला ली और सड़कों को खोद दिया। कई किसान शिवा गांव के पास मेन हाईवे पर खेतों से होते हुए कई किलोमीटर लंबे बैरिकेड को पार कर दिल्ली की तरफ आगे बढ़ गए।
कृषि कानूनों के विरोध में टिकरी बॉर्डर पर जमा प्रदर्शनकारी किसान। बॉर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है। #FarmersProtest pic.twitter.com/BHUqL7HWJ8
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पुलिस ने सड़कें खोदीं, लेकिन किसान अपना रास्ता बनाते गए
जिस तरह बस्तर के कई नक्सल प्रभावित इलाकों में सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे दिखाई पड़ते हैं, ठीक वैसे ही गड्ढे हाईवे पर दिखाई दिए। पुलिस ने कई JCB लगा दी। बैरिकेडिंग के लिए ट्रकों का इस्तेमाल किया। इसके बाद भी किसान खेतों के सहारे अपना रास्ता बनाते गए। किसानों की दिल्ली में बड़े आंदोलन की तैयारी है। इसके लिए वे ट्रैक्टरों पर गैस सिलेंडर और चूल्हे लेकर चल रहे हैं।
क्यों हो रहा प्रदर्शन?
केंद्र सरकार ने कृषि सुधारों के लिए 3 कानून द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फेसिलिटेशन) एक्ट; द फार्मर्स (एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑफ प्राइज एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेस एक्ट और द एसेंशियल कमोडिटीज (अमेंडमेंट) एक्ट बनाए थे। इनके विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले दो महीनों से सड़कों पर हैं। किसानों को लगता है कि सरकार MSP हटाने वाली है, जबकि खुद प्रधानमंत्री इससे इनकार कर चुके हैं।