कोरोना वैक्सीन ट्रैकर:भारत में पहले फेज में 31 करोड़ लोगों को लगेगा कोरोना वैक्सीन, ब्लूप्रिंट तैयार
कोरोना वैक्सीन आने से पहले भारत में प्रायरिटी ग्रुप तय हो गया है। पहले फेज में 31 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इनमें हेल्थकेयर वर्कर्स, पुलिस, 50 साल से ज्यादा उम्र के प्रायरिटी ग्रुप मेंबर और हाई रिस्क ग्रुप के युवा भी शामिल रहेंगे। सरकार ने यह भी तय किया है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के दो डोज के ट्रायल्स से जो शुरुआती डेटा में दो फुल-शॉट से जो नतीजे आए हैं, उन पर ही विचार किया जाएगा।
I'm delighted that the NHS is today able to announce this new blood test from Grail, which has the potential to detect up to 50 types of cancer.
Thank you to everybody who worked so hard to make this happen.https://t.co/JJ6nydrUGo pic.twitter.com/shuSnZUyN2
— Matt Hancock (@MattHancock) November 27, 2020
वैक्सीन लगाने का ब्लूप्रिंट तैयार
प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के. विजयराघवन के मुताबिक डॉ. वीके पॉल के नेतृत्व वाली नेशनल वैक्सीन कमेटी ने ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है कि किसे सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने विज्ञान मंत्रालय और द कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) की एक मीटिंग में बताया कि 31 करोड़ लोगों की पहचान कर ली गई है, जिन्हें मार्च से मई के बीच में वैक्सीन लगाई जाएगी।
The whole country will be cheered by the news that @pfizer / @BioNTech_Group have formally reported the data from their clinical trials for their #coronavirus vaccine to the @MHRAgovuk
If approval is granted, the NHS will be ready to deliver.https://t.co/0K1361Cr71
— Matt Hancock (@MattHancock) November 23, 2020
विजयराघवन ने कहा, ‘हमारे देश में एक करोड़ हेल्थ वर्कर्स, राज्यों और केंद्र सरकार की पुलिस, आर्म्ड फोर्सेस, होमगार्ड्स, सिविल डिफेंस के 2 करोड़, 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के प्रायरिटी ग्रुप के 26 करोड़ मेंबर्स और 50 वर्ष से कम उम्र के हाई रिस्क ग्रुप के 1 करोड़ मेंबर्स को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी।’ इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन कह चुके हैं कि 2021 की पहली तिमाही से वैक्सीन लगाना शुरू होगा। 25 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की तैयारी है। जुलाई तक 40-50 करोड़ डोज उपलब्ध हो जाएंगे।
RDIF and Hetero, one of India’s leading generic pharmaceutical companies, agree to produce over 100 million doses of the #SputnikV vaccine in India
Read more: https://t.co/bJL0Yg60CL
— Sputnik V (@sputnikvaccine) November 27, 2020
coऑक्सफोर्ड का कौन-सा डेटा मानेगा भारत?
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका के कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड के फेज-3 या अंतिम फेज के ट्रायल्स के नतीजे आ गए हैं। दो फुल डोज देने पर एफिकेसी 62% रही और जब एक हाफ और एक फुल डोज दिया गया तो एफिकेसी 90 प्रतिशत रही। इन दो फार्मूलों में से भारत में किस डेटा पर विचार किया जाएगा, इस पर नेशनल वैक्सीन कमेटी के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि रेगुलेटर्स डेटा की जांच कर रहे हैं। जो भी फैसला होगा, वह वैज्ञानिक आधार पर होगा। यह डेटा गोपनीय होता है, इस पर सार्वजनिक बहस करना सही नहीं है। वहीं, कुछ अन्य भारतीय अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए कम से कम 50% इफेक्टिवनेस जरूरी की है। ऐसे में दो फुल डोज वाले फॉर्मूले के नतीजे भी अच्छे ही हैं।
यूरोपीय संघ में इसी साल लग जाएगा पहला वैक्सीन
यूरोपीय संघ के नेताओं को उम्मीद है कि पहला वैक्सीन दिसंबर में लग जाएगा। वैसे, यूरोपीय मेडिसिंस एजेंसी ने किसी कंपनी का नाम लिए बिना कहा कि अगले कुछ दिनों में कोई न कोई कंपनी अप्रूवल की एप्लिकेशन दे सकती है। फाइजर और बायोएनटेक रेगुलेटरी अप्रूवल प्रोसेस में सबसे आगे है। फाइजर के अलावा अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना और ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी अपने-अपने वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल्स के नतीजे घोषित कर दिए हैं। फाइजर ने तो अमेरिका में अप्रूवल के लिए आवेदन भी दे दिया है। चीन और रूस में फेज-3 ट्रायल्स के नतीजे आने से पहले ही हाई रिस्क मरीजों को वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके लिए चीन ने चार और रूस ने दो वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिए हैं।
यूके रेगुलेटर करेगा ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के नतीजों की जांच
ब्रिटिश सरकार ने औपचारिक तरीके से देश के ड्रग रेगुलेटर को एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन- कोवीशील्ड के फेज-3 नतीजों की जांच करने को कहा है। ट्रायल्स के शुरुआती नतीजों पर उठ रहे सवालों के बीच ब्रिटिश सरकार ने यह कदम उठाया है। इससे पहले यूके की सरकार ने मेडिकल रेगुलेटर को फाइजर की वैक्सीन की इफेक्टिवनेस की जांच करने के निर्देश भी दिए थे। ड्रग रेगुलेटर का कहना है कि सेफ्टी, क्वालिटी और एफिकेसी के मुद्दे पर मापदंडों पर खरी उतरने के बाद भी किसी वैक्सीन को मंजूरी दी जाएगी।
एस्ट्राजेनेका करेगी नया ग्लोबल क्लिनिकल ट्रायल
एस्ट्राजेनेका ने कहा कि वह अपने वैक्सीन की एफिकेसी देखने के लिए नए सिरे से ग्लोबल क्लिनिकल ट्रायल करेगी। लेकिन, ब्रिटेन या यूरोपीय संघ में रेगुलेटरी अप्रूवल में देरी नहीं होगी। अमेरिका में जरूर वैक्सीन के लिए USFDA से अप्रूवल मांगने में देर हो सकती है। ट्रायल्स के दौरान 2,741 वॉलेंटियर्स को हॉफ+एक डोज मिला, जबकि 8,895 लोगों को दो फुल डोज। ऐसे में ग्रुप में इफेक्टिवनेस साबित करने में कंपनी को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
ऑक्सफोर्ड के वैक्सीन के साथ रूसी वैक्सीन रहेगा इफेक्टिव
रूस के गामालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने दावा किया है कि उसके स्पूतनिक V वैक्सीन की वजह से एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड के कोवीशील्ड की एफिकेसी बढ़ सकती है। गामालेया इंस्टिट्यूट ने सोशल मीडिया पर कहा- “ऑक्सफोर्ड के दो फुल डोज की एफिकेसी 62% रही है। अगर नए क्लिनिकल ट्रायल शुरू होते हैं तो हमारा सुझाव है कि कोवीशील्ड के साथ स्पूतनिक V ह्यूमन एडेनोवायरल वेक्टर शॉट देना चाहिए, इससे एफिकेसी बढ़ेगी। दो वैक्सीन को जोड़ने से दोबारा वैक्सीनेशन में अहम नतीजे मिल सकते हैं।”
कनाडा में दिसंबर में अप्रूवल हो जाएगा फाइजर का वैक्सीन
कनाडा के ड्रग रेगुलेटर, हेल्थ कनाडा ने कहा है कि वह फाइजर-बायोएनटेक के कोविड-19 वैक्सीन को दिसंबर के आसपास अप्रूवल दे देगा। हेल्थ कनाडा में सीनियर मेडिकल एडवाइजर सुप्रिया शर्मा ने कहा कि हेल्थ कनाडा के रिव्यू में वैक्सीन सबसे आगे रही है। दिसंबर में कनाडा के पड़ोसी देश अमेरिका में भी फाइजर की वैक्सीन पर अंतिम फैसला हो सकता है और उसे इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्रूवल दिया जा सकता है।