चंडीगढ़। पंजाब में किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के ख्निलाफ आंदाेलन से पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस कारण राज्य में रेल सेवा शुरू नहीं हो पा रही है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से वार्ता का मोर्चा संभाला है। वह आज किसनों से बातचीत कर उनको मनाने का प्रयास करेंगे। अब तक तीन मंत्रियों की कमेटी किसानों से बातचीत कर रही थी।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज दोपहर सभी संगठनों से बात करेंगे। किसान संगठनों से बातचीत के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी के सदस्य और ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि शनिवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में डेढ़ बजे किसान संगठनों के साथ सीएम की मीटिंग होगी। यह मीटिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री की मीटिंग से पहले की जा रही है ताकि किसानों के रुख को भी समझा जा सके।
पीएम और गृह मंत्री से मिलने से मुख्यमंत्री टटोलेंगे किसानों को
उधर, पंजाब किसान यूनियन के नेता रुलदू सिंह मानसा ने बताया कि मुख्यमंत्री से मीटिंग से पहले किसान भवन में 11 बजे किसान संगठनों के नेताओं की बैठक होगी। इसमें तय किया जाएगा कि उनके सामने कौन कौन सी बात रखनी है।
मुख्यमंत्री ने कृषि कानूनों के विरोध में ट्रेनें रोके जाने से पंजाब में बढ़ रहे आर्थिक संकट को लेकर केंद्र सरकार को बड़ा दिल रखने की अपील की थी। उन्होंने केंद्र से अपील की थी कि वे मालगाडिय़ों को फिर से शुरू करें। ऐसा करने के बाद किसान यात्री गाडिय़ां चलाने के लिए मान जाएंगे। यही नहीं मुख्यमंत्री ने किसान संगठनों से भी कहा था कि पहले कोविड के कारण इंडस्ट्री का तीस हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है।
अब किसान आंदोलन के कारण राज्य में यूरिया की कमी होने लगी है। इसके अलावा पंजाब से खाद्यान्न जो दूसरे राज्यों को जाना था वह तीस लाख टन नहीं जा पा रहा है। इसके चलते अब गोदामों में जगह नहीं है। उन्होंने ट्रेनें रोके जाने से पंजाब को हो रहे आर्थिक नुकसान की बात करते हुए कहा था कि जब राज्य सरकार कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का पूरा साथ दे रही है तो किसानों को भी राज्य सरकार को सहयोग देना चाहिए।