सोलर व बायोमास प्रोजेक्टों को पंजाब के हर जिले में स्थापित करने की तरफ करेंगे काम-सतिंदर गिल

जैनको लिमेटिड के नवनियुक्त चेयरमैन सतिन्दरपाल सिंह गिल के समर्थन में बांटे लड्डू

बठिंडा. पंजाब में एनआरएसई ईंधनों पर आधारित हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर, सोलर, विंड, बायोमास, बायोगैस और को-जनरेशन पावर प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने उनका विकास और कार्यान्वयन के लिए काम किया जाएगा। इसमें पंजाब के हर जिले में उक्त प्रोजेक्टों को विकसित करने के साथ उन्हें स्थापित करना प्राथमिकता रहेगी। इसके लिए व्यवस्था में सुधार लाने के साथ लोगों को इसके लिए उत्साहित करेंगे। यह बात जैनको लिमेटिड के नवनियुक्त चेयरमैन सतिन्दरपाल सिंह गिल सट्ठा ने कही।

पिछले दिनों खडूर साहिब से सांसद जसबीर सिंह गिल, पंजाब विशाल उद्योग विकास बोर्ड के चेयरमैन पवन दीवान और पंजाब एग्री एक्सपोर्ट कोर्पोरेशन के चेयरमैन रवीन्दर सिंह पाली की मौजूदगी में पंजाब जैनको लिमटिड के चेयरमैन के तौर पर पद संभाला है। उन्होंने कहा कि पंजाब में आने वाले समय में बढ़ते उद्योग व जरूरत के अनुसार बिजली की मांग भी बढ़ेगी। इसके चलते हमे कोल अधारित थर्मलों पर निर्भरता को कम कर शोलर उर्जा व बायोगैस की तरफ ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को जागरुक करने के साथ यह बताने की जरूरत है कि पर्यावरण के संरक्षण के साथ बिजली की कीमत कम करने के लिए अन्य साधनों की जरूरत है। वही सतिंदर पाल सिंह गिल ने चेयरमैन बनाने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह का उन पर भरोसा जताने के लिए धन्यवाद किया और सौंपी जि़म्मेदारी को ईमानदारी और तनदेही से निभाने का प्रण लिया।
जिक्रयोग्य है कि सतिन्दर पाल सिंह गिल लुधियाना के रहने वाले हैं और पूर्व मंत्री जगदेव सिंह ताजपुरी के सुपुत्र हैं। उन्होंने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के जनरल सचिव और पंजाब यूथ कांग्रेस के उप प्रधान के तौर पर सेवा निभाई। इसके अलावा वह दूध उत्पादक सहकारी सोसायटी, ताजपुर के प्रधान और रोलजऱ् फ्लोर मिल ऐसोसीएशन पंजाब के उप प्रधान भी रहे। उनकी नियुक्ति पर बठिंडा में उनके समर्थकों ने लड्डू वितरित कर खुशी का इजहार किया। वही एडवोकेट कुलदीप सिंह बंगी की रहनुमाई में सट्ठा गिल को मिलकर बधाई दी।
पंजाब जैनको लिमिटेड जिसे पहले पंजाब रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एंड पंजाब गेनको लिमिटेड के नाम से जाना जाता था, जो पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। इसका गठन बिजली उत्पादन अधिनियम, 1948 में बिजली उत्पादन की वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया गया था। नए और नवीकरणीय ऊर्जा ईंधन के आधार पर परियोजनाओं की पहचान करने के लिए, तकनीकी-आर्थिक व्यवहारता रिपोर्ट तैयार करना और संयुक्त / सहायता प्राप्त क्षेत्र में या बिल्ड, ऑपरेट और स्वयं (बीओओ) आधार पर या अपने स्वयं के आधार पर ऐसी परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए उपयुक्त निवेशकों की पहचान करना और उनका चयन करना इसका काम है। इसमें हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर, सोलर, विंड, बायोमास, बायोगैस और को-जनरेशन पावर प्रोजेक्ट्स शामिल है। योजना, जांच, अनुसंधान, डिजाइन, इंजीनियरिंग और प्रारंभिक की तैयारी सहित पनबिजली बिजली परियोजनाओं, सौर, पवन, बायोमास, बायोगैस और सह-पीढ़ी बिजली परियोजनाओं के एकीकृत और कुशल विकास की योजना, प्रचार, विकास और व्यवस्थित करने के लिए यह एजेंसी काम करती है।

 

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