नई दिल्ली. सरकार ने गिग कर्मचारियों (Gig Workers) की सामाजिक सुरक्षा (Social Security) के लिए एक ड्राफ्ट नियम जारी किया है. इसमें गिग फर्म श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ पाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट पोर्टल पर अपने विवरणों को लगातार अपडेट करना होगा. कंपनियों में उन अस्थायी कर्मचारियों को गिग वर्कर कहा जाता है, जिन्हें काम के आधार पर भुगतान मिलता है. कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी (Code on Social Security) नियम-2020 के अनुसार, सभी असंगठित क्षेत्र के कामगारों, जिनमें गिग और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स भी शामिल हैं, को अपना वर्तमान पता, नौकरी, गिग फर्म से जुड़ने की अवधि, कौशल, मोबाइल नंबर आदि का विवरण अपडेट करना होगा.
31 अक्टूबर तक जमा करना होगा अंतिम रिटर्न
सामाजिक सुरक्षा कोष के लिए योगदान, अन्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों से गिग श्रमिकों के लिए अलग होगा, पांच फीसदी होगा. गिग फर्मों को हर साल 31 अक्टूबर तक अंतिम रिटर्न भी जमा कराना होगा. प्रस्ताव के अनुसार, गिग फर्म और प्लेटफॉर्म श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए हर साल 30 जून तक वार्षिक योगदान देने के लिए गिग फर्मों की आवश्यकता होगी.
- निर्माण फर्मों द्वारा उपकर के विलंबित भुगतान के लिए ब्याज की दर हर महीने 2% से घटाकर 1% की जानी चाहिए.
- श्रम मूल्यांकन अधिकारी के पास अब निर्माण कार्य को अनिश्चित काल के लिए रोकने की शक्ति नहीं होगी.
- ऐसे मूल्यांकन अधिकारी उच्च अधिकारियों से पूर्व अनुमोदन के साथ ही निर्माण स्थल का दौरा कर सकते हैं.
- गिग और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के पंजीकरण को उनके आधार विवरण के साथ प्रमाणित किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें एक विशिष्ट पंजीकरण संख्या आवंटित की जाएगी.
- गिग फर्मों को अपने श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के लिए हर साल 30 जून तक एक वार्षिक योगदान करने की आवश्यकता होगी.
- श्रमिकों को लगातार अपने विवरणों को अपडेट करना होगा, जिसमें आवासीय पता, वर्तमान नौकरी, सामाजिक सुरक्षा लाभ के लिए पात्र बने रहने के लिए वेब पोर्टल पर गिग फेम के साथ जुड़े रहने की अवधि भी आदि शामिल है.