बठिंडा. रविवार को दोपहर बाद हुई बरसात व देर सांय ओलावृष्टि होने से जहां मौसम में ठंडक बढ़ी वही लोगों के लिए राहत वाली बात यह रही कि वातावरण में एयरप्रदूषण का लेबल एकदम नीचे पहुंच गया है। सोमवार को हवा में एक्यूआई की मात्रा मात्र 53 रह गई वही प्रदूषण कम होने से सांस, आंख व चर्म रोग जैसी बीमारियों से लोगों को राहत मिलने लगी है।
पीएम10 की मात्रा लेबल से भी कम मात्र 19 एक्यूआई व एनओ-2 की मात्र 7 एक्यूआई दर्ज हुई है जो लाकडाउन के समय विभिन्न इंडस्ट्री व वाहनों के बंद होने के बाद पहले सप्ताह में रिकार्ड की गई गणना के बराबर है। पिछले 15 दिनों से पराली जलाने के कारण हवा में प्रदूषण की मात्रा का लेबल 300 के पार पहुंच रहा था व पिछले 10 दिनों से प्रदूषण के कारण सूर्य देवता के दर्शन होना भी दुर्लभ हो गए थे। इस दौरान लगातार जल रही पराली के कारण बढ़ते प्रदूषण से सेहत विभाग बी चिंतित ता। इसमें मौसमी बीमारियों के साथ कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बढ़ रही थी। फिलहाल मौसम विभाग का कहना है कि बादल व हलकी बरसात का दौर आगामी दो दिनों तक जारी रहने से प्रदूषण का स्तर एकाएक कम होगा व लोगों को मौसमी बीमारियों से भी राहत मिलेगी। फिलहाल बरसात का दूसरा फेक्ट तापमान में भी पड़ा है जिससे एकदम से ठंड बढ़ गई है। इस बरसात से शुष्क सर्दी से मानव सेहत को होने वाले नुकसान से निजात माना जा रहा है। मौसम विभाग ने 16 नवंबर को भी बरसात की संभावना जताई है जिससे आगामी दिनों में ठंड बढ़ेगी।
रविवार की दोपहर 2 बजे अचानक अंधेरा छा गया और बादल की जोरदार गर्जना के साथ बारिश शुरू हो गई। बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि से लोग संभल नहीं पाए और भीगने से ठिठुरने लगे। बरसात की वजह से पराली व आतिशबाजी के धुएं से भी निजात मिली। शहर के अलावा आसपास के गांवों में लगातार आधे घंटे की तेज व मध्यम बारिश के बीच ओलावृष्टि चली, लगभग 8 एमएम बारिश दर्ज की गई। रविवार को अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री दर्ज किया गया। वही सोमवार को अधिकतम व न्यूनतम तापमान में भी तीन डिग्री तक की गिरावटदर्ज की गई है। वही मौसम विबाग का मानना है कि इस सप्ताह सर्दी बढ़ेगी व न्यूनतम तापमान 7 डिग्री तक पहुंचेगा वही अधिकतम तापमान भी 20 डिग्री के आसपास रहेगा।
मौसम विज्ञानी डॉ. राजकुमार के अनुसार गेहूं और सरसों की फसल में फिलहाल फूल अंकुरित नहीं होने की बरसात व ओलावृष्टि को इन फसलों के लिए भी कोई खास नुकसानदायक नहीं बताया जा रहा। ओलावृष्टि से पौधों का थोड़ा नुकसान हुआ है लेकिन वो भी मौसम खुलने के साथ ही रिकवर हो जाएगा। हालांकि खुश्क सर्दी से जुकाम, बुखार, इंफेक्शन से निजात मिलेगी।