पश्चिम बंगाल में चुनाव से कुछ महीनों पहले कलह, नंदीग्राम के बाद अब सिंगूर में TMC के भीतर ‘संग्राम’
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2021) के लिए कुछ ही महीने बचे हैं. इससे पहले TMC के लिए चुनावी रूप से महत्वपूर्ण दो जगह- नंदीग्राम और सिंगूर में संग्राम शुरू हो गया है.
कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अगले साल विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2021) के कुछ महीने पहले से ही राजनीतिक समीकरण बनने-बिगड़ने लगे हैं. राज्य में वाम शासन के दौरान नंदीग्राम और सिंगूर आंदोलन में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और फिलहाल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के साथी रहे लोग अब उनसे दूरी बना रहे हैं. नंदीग्राम आंदोलन में ममता के साथ रहे सुवेंदु अधिकारी ने हाल ही में ममता से अलग रैली कर ली थी. जिसके बाद से इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं. टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीते दिनों अधिकारी के पिता से बात की थी. वहीं भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा था कि अधिकारी पार्टी में शामिल होंगे या नहीं, उन्हें यह नहीं पता.
अब सिंगूर में ममता के साथ रहे रबीन्द्रनाथ भट्टाचार्जी ने पार्टी से इस्तीफा देने की बात कह दी है.भट्टाचार्जी ने टाटा के नैनो कारखाने के खिलाफ TMC के आंदोलन में ममता का साथ दिया था. इस आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी.
भट्टाचार्जी से मन्ना के विवाद अब सार्वजनिक
इन सबके बाद अब हरिपाल से विधायक बेचाराम मन्ना के इस्तीफे ने पार्टी को हुगली जिले में परेशान कर दिया. रबीन्द्रनाथ भट्टाचार्जी के साथ मतभेदों पर सार्वजनिक होने के बाद मन्ना ने गुरूवार को सिंगूर सीट से विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. भट्टाचार्जी ने भी हाल ही में पार्टी छोड़ने की धमकी दी थी. बीते दिनों सीएम ममता बनर्जी ने पार्टी के ब्लॉक प्रेसिडेंट महादेब दास को हटा दिया था. दास को भट्टाचार्जी का करीबी माना जाता है. इसी तरह का बदलाव हरिपाल ब्लॉक में भी किया गया जिसके चलते मन्ना भी नाराज हो गए.
तृणमूल नेतृत्व ने मन्ना से कहा कि वह दास को फिर से उनके पद पर वापस नियुक्त कर दें. जिसके बाद मन्ना ने इस्तीफा देने का मन बना लिया. पार्टी के महासचिव सुब्रत बख्शी ने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस मुख्यालय में मन्ना को बुलाया और कथित तौर पर, ‘इस्तीफे को वापस लेने और दिमाग शांत रखने’ के लिए कहा.
वहीं नंदीग्राम में टीएमसी के नेता सुवेंदु अधिकारी पिछले कुछ महीनों से पार्टी और कैबिनेट की बैठकों से दूर रह रहे हैं. वह पूर्वी मिदनापुर जिले में रैलियां कर रहे हैं और इनमें वह पार्टी के बैनरों और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पोस्टरों का उपयोग नहीं कर रहे हैं.
अधिकारी ने अपनी रैलियों में कहा है कि बहुत कम उम्र से कठिन परिश्रम करके वह जमीनी स्तर से यहां तक पहुंचे हैं और उन्हें कभी किसी ने कुछ भी थाली में सजाकर नहीं दिया.
हालांकि उन्होंने कभी किसी का नाम नहीं लिया है. उनके इन कदमों की पार्टी के कुछ नेताओं ने आलोचना भी की है.