चंडीगढ़/लुधियाना। पंजाब में बारिश के साथ वातावरण में घुले पराली के धुएं से राहत का इंतजार कर रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। दो दिन बाद माैसम बदलने जा रहा है। यह बदलाव होगा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (Western Disturbance) की वजह से। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग की माने तो दीपावली की रात वेस्टर्न डिस्टर्बेंस सक्रिय हो जाएगा। इसके बाद ठंडक तो बढ़ेगी लेकिन आम लोगों के लिए राहत वाली बात यह रहेगी कि बरसात के साथ हवा के चलते आसमान में छाएंं पराली के धुएं से राहत मिलेगी। वर्तमान में कई इलाकों में एयर प्रदूषण एक्यूआई 200 से पार चल रहा है जिससे लोगो को आंखों में जलन, सास में दिक्कत के साथ कई दूसरी शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
मौसम वैज्ञानिक डा. केके गिल का कहना है कि इंडिया मेेट्राेलाजिकल डिपार्टमेंट चंडीगढ़ से मिली जानकारी के अनुसार 15 व 16 नवंबर के बीच पंजाब के कई जिलों में बारिश हो सकती है। हालांकि, बारिश हल्की होगी या तेज अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। बारिश के साथ साथ पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी भी हो सकती है। बर्फबारी हुई, तो वहां से आने वाली ठंडी हवाओं से मैदान भी ठिठुरेंगे, जिससे न्यूनतम व अधिकतम तापमान में काफी गिरावट आएगी।
डा. गिल ने कहा कि बारिश होती है तो सूबे के लोगों को कई बीमारियों से राहत मिल जाएगी। पिछले डेढ़ महीने से अभी तक बारिश नहीं हुई है। इस समय के दौरान करीब डेढ़ मिलीमीटर बारिश हो जाती थी। बारिश न होने की वजह से पिछले कई दिनों से हवा में धूल मिट्टी के कण तैर रहे हैं। आसमान भी धुंधला नजर आ रहा है। खुश्क ठंड की वजह से लोगों को श्वास संबंधी रोगों और वायरल इंफेक्शन का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश होने से खुश्क ठंड से छुटकारा मिल जाएगा। हवा में मौजूद धूल मिट्टी जमीन पर आ जाएंगे, जिससे वायरस इंफेक्शन कम हो जाएगाा और श्वास संबंधी रोगों भी घटेंगे। फसलों को भी फायदा होगा, क्योंकि इस समय गेहूं व सरसों की बिजाई हो रही है। बारिश से सॉयल में माश्चर आ जाने से किसानों को अलग से पानी देने की जरूरत नहीं होगी। डा. गिल ने कहा कि अगर पूर्वानुमान सही साबित हाेता है तो मैदानी इलाकों में एकाएक ठंड काफी बढ़ जाएगी।