बठिंडा में जमीनी विवाद में रंजिश निकालने के लिए पहले बेहोश किया व बाद में नहर में डूबोकर मार डाला

-पूर्व फौजी घर से चंडीगढ़ जाने की बात कर निकला था लेकिन चार दिनों बाद नहर में मिला था शव -पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर कार सहित किया गिरफ्तार

बठिंडा. गत दिनों बठिंडा से चंडीगढ़ जमीनी विवाद में चल रहे झगड़े में राजीनामा करवाने के लिए गए पूर्व फौजी का शव जोधपुर पाखर के पास जाती नहर से बरामद हुआ था। इसमें पुलिस ने पहले जहां गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की वही बाद में मामले की जांच करने के बाद सामने आए तथ्य के आधार पर तीन लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया है। तीनों आरोपियों ने पहले पूर्व फौजी का अपहरण किया व उसे बेहोशी की दवा पिलाकर नहर में डूबोकर मार दिया।

एसएसपी बठिंडा भुपिंदरजीत सिंह वर्क।

मामले में आरोपियों ने केस को आत्महत्या करार देने के लिए उक्त साजिश रची थी लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पूरे मामले से पर्दा उठ गया व पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है। इस बाबत एसएसपी भुपिंदरजीत सिंह विर्क ने प्रेसवार्ता आयोजित कर पूरे मामले का विस्तार से खुलासा किया। उन्होंने बताया कि तीन नवंबर 2020 को लखबीर सिंह वासी जोधपुर पाखर जो वर्तमान में बाबा दीप सिंह नगर बठिंडा में रह रहा है घर में यह कहकर निकला था कि वह हरजीत सिंह वासी जोधपुर पाखर के साथ चल रहे जमीनी विवाद में राजीनामा करने के लिए चंडीगढ़ जा रहा है व शाम को वापिस लौट आएगा।

इसमें देर सांय तक जब पूर्व फौजी लखबीर सिंह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की पर कोई जानकारी नहीं मिली व न ही उसका फोन चल रहा था। इसके बाद पूर्व फौजी के बेटे कुलबीर सिंह ने सात नवंबर 2020 को थाना मौड़ पुलिस के पास लिखित शिकायत दी व कहा कि उनका पिता चार दिन से लापता है। इसमें 9 नवंबर 2020 को लखबीर सिंह का शव जोधपुर पाखर के पास जाती नहर में तैरता मिला। परिजनों ने इस मामले में हत्या की आशंका जताते केस दायर करने की मांग रखी थी व इसे लेकर प्रदर्शन भी किया था। पुलिस ने मामले में तहकीकात को आगे बढांते एसपी डी गुरविंदर सिंह संघा की अगुवाई में एक टीम का गठन किया था।

इसमें सीआईए स्टाफ-2 के इंचार्ज रजिंदर कुमार और डीएसपी कुलभूषण शर्मा ने जांच शुरू की तो पूरे मामले से पर्दा उठना शुरू हो गया। मामले में खुलासा हुआ कि 3 नवंबर को हरजीत सिंह, राजपाल सिंह, सुखविंदर कौर उर्फ राजबीर वासी जोधपुर पाखर ने मिलकर लखबीर सिंह का कतल किया था। लखबीर सिंह जब राजीनामा के लिए हरजीत सिंह के पास मौड़ आया था व तहसील में राजीनामा संबंधी लिखित कारर्वाई कर रहे थे तो बाद में वह हरजीत सिंह व राजपाल सिंह के साथ जोधपुर पाखर उनके घर चला गया था। वही हरजीत सिंह, राजपाल सिंह व सुखविंदर कौर ने मिलकर सलाह मश्वरा कर साजिश को अंजाम दिया। पहले उन्होंने पानी में बेहोशी वाली दवा मिलाकर पिलाई व कुछ समय बाज जब वह बेहोश हो गयातो उक्त लोगों ने स्वीफ्ट कार में बेहोशी की हालत में लखबीर सिंह को डालकर रामसर कैचियों के पास ले गए ताकि उसके मोबाइल की लुकेशन घटना से दूसरी जगह पर आ सके। इसके बाद उसे वापिस गांव लाकर मोबाइल बंद किया व बेहोशी की हालत में पूर्व फौजी को नहर में डूबोंकर हत्या कर दी।

हत्या के पीछे आपसी रंजिश रही जिसमें जमीन को लेकर काफी समय से दोनों पक्षों में विवाद चल रहा था। इस झगड़े में मृतक लखबीर सिंह ने आरोपी हरजीत सिंह की माता सुखविंदर कौर के फायर मारा था व मृतक के खिलाफ केस दर्ज हो गया था। इस केस में मृतक को पांच साल की सजा भी हो गई थी। इसके बावजूद आरोपी लोग लखबीर सिंह से रंजिश रखते थे व इसी रंजिश में उक्त लोगों ने एक साजिश रची। वर्तमान में लखबीर सिंह जमानत पर बाहर आया था व इसी का उक्त लोगों को फायदा उठाया। फिलहाल पुलिस ने घटना के समय इस्तेमाल की कार भी बरामद कर ली है।

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