बठिंडा में रिंग रोड के निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये का फंड जारी, नए साल तक पूरा हो सकता है काम

इस मामले में बठिंडा के एसडीएम अमरिंदर सिंह टिवाणा का कहना है कि रोड के निर्माण को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम की ओर से लगातार काम किया जा रहा है, जिसके चलते पहले सभी प्रकार के अतिक्रमण हटाए जाएंगे। जिसके बाद अगर किसी को मुआवजा देने की जरूरत भी पड़ी तो वह भी कार्रवाई की जाएगी। मगर बिना रोड पर कब्जा लिए काम नहीं हो सकता। इसके बाद ही सरकार से फंड की भी मांग की जाएगी। इस कारण लटका प्रोजेक्ट आठ अप्रैल 2001 में तत्कालीन निकाय मंत्री बलराम जी दास टंडन ने छावनी के साथ सिटी रिंग रोड का नींव पत्थर रखा था।

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बठिंडा। 2001 से पेंडिंग चल रही बठिंडा की रिंग रोड फेज-1 का निर्माण कार्य नए साल में पूरा होने की उम्मीद है। बीते एक साल से अधूरे पड़े फंड को पंजाब सरकार ने अब जारी कर दिया है। हालांकि अभी 20 करोड़ रुपये जारी हुए है। मगर तीन करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड अभी भी बकाया पड़ा है। फिलहाल रोड के निर्माण पर खर्च होने वाले पैसों से काम शुरू हो जाएगा। रोड को तैयार करने के लिए कुल 25.29 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं, जिसमें से एक साल में दो करोड़ ही मिले थे। बेशक 13 अक्टूबर को वित्तमंत्री मनप्रीत ¨सह बादल ने रोड का निर्माण कार्य शुरू करवाते समय तैयार किए गए प्रोजेक्ट की कुल लागत के 95 करोड़ रुपये भी जल्द ही जारी कर तीन महीनों में काम पूरा करने का दावा किया था। लेकिन एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद अब फंड जारी हुआ है। जबकि रोड के निर्माण के लिए फंड जारी न होने को लेकर दैनिक जागरण की ओर से 17 अक्टूबर के अंक में प्रमुखता से खबर को भी प्रकाशित किया था। जिस पर संज्ञान लेते हुए अब फंड जारी कर दिया गया है। हालांकि इस रोड का निर्माण पूरा होने के बाद शहर के लोगों को ट्रैफिक की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।

Manpreet Singh Badal directs PWD to complete construction of Bathinda Ring  Road in 4 months - TheFactNews

रोड निर्माण को लेकर अधिकारी काम में जुटे

इस मामले में बठिंडा के एसडीएम अमरिंदर सिंह टिवाणा का कहना है कि रोड के निर्माण को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की टीम की ओर से लगातार काम किया जा रहा है, जिसके चलते पहले सभी प्रकार के अतिक्रमण हटाए जाएंगे। जिसके बाद अगर किसी को मुआवजा देने की जरूरत भी पड़ी तो वह भी कार्रवाई की जाएगी। मगर बिना रोड पर कब्जा लिए काम नहीं हो सकता। इसके बाद ही सरकार से फंड की भी मांग की जाएगी। इस कारण लटका प्रोजेक्ट आठ अप्रैल 2001 में तत्कालीन निकाय मंत्री बलराम जी दास टंडन ने छावनी के साथ सिटी रिंग रोड का नींव पत्थर रखा था। जिसका 2004 में अवार्ड सुनाया गया तो कुछ लोगों ने पैसा कम मिलने पर आपत्ति जताते हुए न्यायालय की शरण ली थी। इस दौरान भूखंड मालिकों की सरकार के साथ बातचीत जारी रही लेकिन कोई हल नहीं निकला और केस चलता रहा, जिसके बाद 2011 में हाईकोर्ट का फैसला नगर सुधार ट्रस्ट के हक में हुआ। लेकिन स्थानीय लोगों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और 2017 में सुप्रीम कोर्ट बैंच ने विचार विमर्श करने के बाद रिंग रोड बनाने की इजाजत दी थी। इस बीच आने वाली 16 एकड़ भूमि के लिए डीसी को निर्देश जारी कर हल निकालने को कहा तो बठिंडा के तत्कालीन डीसी दीप्रवा लाकड़ा ने जमीन मालिकों से मीटिंग कर रिपोर्ट को फाइनल किया। इसके बाद भी जब नगर सुधार ट्रस्ट काम नहीं कर पाया तो इसको पीडब्ल्यूडी को सौंप दिया, जिसके बाद इस पर काम शुरू हो गया।

Ring Road will be game changer for city traffic

ऐसे बनेगी सारी रोड

95 करोड़ की लागत से बनने वाली यह रिंग रोड बठिंडा-बरनाला रोड पर स्थित थाना कैंट के साथ वाली रोड से निकलेगी। जो आगे मानसा ओवरब्रिज के आइटीआइ पुल के साथ जुड़ेगी। इस रोड़ पर एक अंडरब्रिज व एक ओवरब्रिज भी बनाया जाएगा, जबकि अंडरब्रिज 500 मीटर लंबा होगा, जो इंडस्ट्रियल एरिया के पास रेलवे लाइनों पर बनाया जाएगा तो ओवरब्रिज की लंबाई 400 मीटर के करीब होगी, जो इंडस्ट्रलियल एरिया की मेन रोड को आइटीआइ पुल के साथ जोड़ेगा। इसके अलावा रोड के साथ सर्विस लाइन भी बनाई जाएगी, जहां से भागू रोड, धोबियाना बस्ती रोड, पावर हाऊस रोड, माडल टाउन फेस 3 व पटेल नगर के लिए सर्विस रोड बनेगी। वहीं रोड के साथ साथ कैंट का एरिया होने की वजह से सुरक्षा के लिहाज से फेसिंग भी की जाएगी।

इनको होगा फायदा, कम होगी दूरी

इस रोड का निर्माण होने से 5 से 7 किलोमीटर का सफर कम हो जाएगा। इससे पहले बरनाला से मानसा या डबवाली आने जाने वाले लोगों को शहर से घूम कर जाना पड़ता था। मगर अब इसके साथ उनको 5 से 7 किलोमीटर का सफर कम करना पड़ेगा।

शहर होगा ट्रैफिक मुक्त

इस समय शहर में भारी वाहनों के कारण अक्सर ही जाम लगा रहता है। मगर इस रोड के निर्माण के बाद हैवी ट्रैफिक को शहर में नहीं आना पड़ेगा। इसके अलावा बठिंडा तेल डिपुओं व रिफाइनरी से निकलने वाले कैंटर भी जाम का कारण नहीं बन पाएंगे।

बस स्टैंड हो सकता है पास

बठिंडा शहर में स्थित बस स्टैंड को शहर से बाहर लेकर जाने के लिए 2007 में बनी योजना आज भी अधर में लटक रही है। मगर बसों की सही एंट्रेस या एग्जिट न होने के कारण कैंट की ओर से आपत्ति जताई जा रही थी। लेकिन अब इसका भी काम शुरू हो सकेगा।

अन्य राज्यों को भी मिलेगी सुविधा

हरियाणा व राजस्थान के अलावा पंजाब के मानसा व तलवंडी आदि स्थानों को जाने के लिए वाहन चालकों के ईंधन व समय दोनों व्यर्थ होते थे। वहीं 100 फीट बीबी वाला रोड इस ट्रैफिक को लेने में सक्षम नहीं था। मगर अब इनको भी फायदा होगा।

इन पर होंगे पैसे खर्च

सड़क निर्माण पर 25.29 करोड़

ओवरब्रिज व अंडरब्रिज निर्माण पर 35.60 करोड़

जमीन एक्वायर के लिए 23 करोड़

सुविधाएं शिफ्ट करने के लिए 9 करोड़

जंगलात विभाग की क्लियरेंस के लिए 50 लाख

कंटीजेंसी चार्जेस पर 1.52 करोड़

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