लुधियाना। बार्डर रेंज व लुधियाना एसटीएफ ने जाॅइंट ऑपरेशन में अफगानिस्तान से वाया श्रीनगर पंजाब में ड्रग रैकेट चलाने वाले आस्ट्रेलिया से लौटे नौजवान समेत पूर्व अकाली सरपंच को काबू किया है। इनसे 5.392 किलो हेरोइन, जगुआर, 2 बीएमडब्ल्यू, मर्सडीज बैंज, ऑडी, फाॅर्च्युनर व इनोवा समेत 8 कारें (कीमत तकरीबन 2 करोड़ रुपए), तीन अत्याधुनिक हथियार, 21 लाख रुपए नगदी भी मिली हैं। गिरफ्तार मुख्य आरोपी रवेज सिंह निवासी महावीर इंक्लेव लुधियाना जगराओं के एतिहासिक गुरुद्वारा नानकसर साहिब कलेर के बाबा घाला का भांजा है, जो अमृतसर में जनवरी 2020 में पकड़ी गई 200 किलो हेरोइन की फैक्ट्री में वांटेंड स्मगलर तरनवीर सिंह बेदी निवासी आस्ट्रेलिया का राइटहैंड है।
एसटीएफ के हत्थे चढ़ा पूर्व अकाली सरपंच गुरदीप सिंह राणों अकाली सरकार में अकालियों का चहेता बना रहा। कांग्रेस सरकार के आते ही यू-टर्न लेकर उनकी शरण में चला गया। इसके अलावा शहर के बड़े पुलिस अधिकारियों के साथ भी उसके गहरे संबंध रहे हैं।
इसमें पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर बादल, पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, पूर्व डिप्टी स्पीकर चरणजीत सिंह अटवाल, विधायक मनप्रीत सिंह अय्याली, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ओएसडी अंकित बांसल तथा आइजी परमराज सिंह उमरानंगल समेत और भी कई नाम शामिल हैं। प्रदेश की राजनीति के गलियारे में उसकी खासी पकड़ रही है। लोगों पर प्रभाव डालने के लिए वह फेसबुक पर ऐसी फोटो डालने के लिए एक्टिव रहता था। असलहा के साथ खिंचवाई फोटो भी उसके फेसबुक अकाउंट पर अपलोड है। उसके पास करोड़ों रुपये की प्रापर्टी है। एसटीएफ ने 21 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी उसके कब्जे से ही बरामद की।
एसटीएफ बॉर्डर रेंज के मुताबिक गुरदीप ने लॉकडाउन में 14 लग्जरी कारें खरीदीं और इन्हे काफिले में चलाकर हेरोइन की तस्करी करता था। लॉकडाउन में गैंग ने 50 किलो हेरोइन पंजाब व आसपास के इलाकों में खपाई। रवेज सिंह जनवरी में लुधियाना वापस आ गया था, और अब यहां ड्रग नेटवर्क खड़ा कर पंजाब में हेरोइन तस्करी में लग गया था। लुधियाना में इसका साथ गांव राणो का पूर्व अकाली सरपंच गुरदीप सिंह देता था, जिसकी अकाली व कांग्रेसी नेताओं के साथ भी काफी निकटता थी, जिसके चलते उस पर कोई शक नहीं करता था। वह विदेशी सिंगरों को डेढ़ एकड़ में बने आलीशान महल में शूटिंग करवाता था।
अभी इस बात का पता लगाया जा रहा है कि इतनी प्रापर्टी उसने कैसे बनाई। करोड़ों रुपये की कीमत वाली आठ लग्जरी कारें उससे ही मिलीं। अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए वह हमेशा अपने साथ बाउंसर और गार्ड्स रखता था।
तीन साल पहले तस्करी में शामिल हुआ, वाट्सएप पर लिखवाते थे आर्डर
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार राणों पहले एक मंत्री की शह पर रेत का कारोबार करता था। तीन साल पहले वह आस्ट्रेलिया में रह रहे किंगपिन तनवीर ¨सह बेदी के संपर्क में आया। उसके बाद वह हेरोइन तस्करी में शामिल हो गया। तनवीर के साथ ये लोग वाट्सएप के जरिए बात करके अपना आर्डर लिखवाते थे। हेरोइन की खेप मिलने के बाद हवाला के माध्यम से तनवीर तक पैसे पहुंचाते थे।
गुरदीप अपने चाचा के बेटे इकबाल सिंह निवासी राणो, रणदीप सिंह राणी निवासी खन्ना की मदद से हेरोइन तस्करी करते रहे। ड्रग मनी की बांट को लेकर हुए विवाद में समझौता करने के लिए रवेज सिंह व गुरदीप सिंह साथियों रणदीप व इकबाल समेत बीती रात नानकसर गुरुद्वारा साहिब में इकट्ठे हुए थे, वहीं बाहर से इन्हें एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया।
बड़े नेताओं के साथ फोटो खिंचवा सोशल मीडिया पर डालता ताकि कोई शक न करे
गुरदीप सरपंच ने गांव में डेढ़ एकड़ में महलनुमा कोठी बनाई, जिसमें वह विदेश में बैठे सिंगरों को इनवाइट कर उनके गानों की शूटिंग करवाता था। रसूख दिखाने के लिए शिअद प्रधान सुखबीर बादल व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के ओएसडी अंकित बांसल, ओएसडी कैप्टन संदीप संधू व कई नेताओं के साथ फोटो खिंचवा सोशल मीडिया पर शेयर करता था। ड्रग मनी से इसने गांव राणो समेत मुक्तसर में कई एकड़ जमीन व प्रॉपटी खरीदी जिसकी जांच की जा रही है।
4 दिनों में लुधियाना में पकड़े दो बड़े ड्रग रैकेट के तार इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट से जुड़े
लुधियाना में पिछले 4 दिन में दो बड़े ड्रग रैकेट पकड़े गए हैं, जिसमें कुल 36.392 किलो हेरोइन, 6 किलो आइस व 2 किलो कैमिकल(हेरोइन रिफाइंड में इस्तेमाल होने वाला) पकड़ा गया है। इन दोनों ही रैकेट को आस्ट्रेलिया से संधू गैंग व दुबई से हाजीजान निवासी पाकिस्तान ऑपरेट कर रहे हैं। पिछले 4 साल में इस ड्रग सिंडिकेट की तरफ से पंजाब में श्रीनगर, अमृतसर, गुजरात बंदरगाह के जरिए भेजी गई करीब एक हजार किलो हेरोइन का खुलासा हो चुका है, जिसमें अमृतसर में इसी साल 31 जनवरी को पकड़ी 200 किलो हेरोइन व फैक्ट्री, गुजरात में 21 अगस्त 2018 को पकड़ी 305 किलो हेरोइन, लुधियाना में 4 नवंबर को पकड़ी 28 किलो हेरोइन, दिल्ली में 2019 में पकड़ी हेरोइन, कैमिकल व फैक्ट्री भी शामिल है।
इस सिंडिकेट का मुख्य आरोपी अमृतसर निवासी सिमरण सिंह संधू गुजरात में पकड़ी 305 किलो हेरोइन के बाद एटीएस की तरफ से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने से इसी साल फरवरी में इटली में पकड़ा गया। मगर इसके बाद संधू गैंग की कमान बटाला निवासी तरनबीर सिंह बेदी ने संभाल ली। वह दुबई में बैठे पाक नागरिक हाजीजान से मिलकर श्रीनगर ट्रेड के जरिए ड्रग रैकेट चलाने लगा, क्योंकि गुजरात बंदरगाह पर इन्हें स्पोर्ट करने वाले ट्रेडर को गुजरात पुलिस ने पकड़ लिया था व इनका ड्रग रूट एक्सपोज हो गया था।
जगराओं में किसी बाबे के घर थे आरोपित, टीम ने वहीं से घेरकर पकड़ा
आइजी बलकार सिंह ने बताया कि राणों को एक दिन पहले जगराओं के नानकसर इलाके में दबिश देकर काबू किया गया था। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि शुक्रवार वह वहीं पर है। उसके साथ उसके तीन अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि उस समय वह वहां किसी बाबे के घर में बैठा था। दर्जनों की संख्या में पहुंची एसटीएफ की टीम ने घर का पिछला दरवाजा तोड़कर आरोपितों को काबू किया। उनकी निशानदेही पर विभिन्न जगहों पर छिपाकर रखी हेरोइन बरामद की गई।
ऐसे काम करता है इंटरनेशनल ड्रग सिंडीकेट
1. हाजीजान (दुबई में है)
हाजीजान पाकिस्तान का रहने वाला है जो इस समय दुबई में है व वहां से अफगानिस्तान कनेक्शन के जरिए हेरोइन की डील करता है व उसे पाक से श्रीनगर व गुजरात के जरिए होने वाली ट्रेड से इंडिया में उतारता है। पंजाब में आने वाली हेरोइन को रिफाइंड कर इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए कैमिकल व एक्सपर्ट भी यही मुहैया करवाता है। गुजरात में 2018, 2019 में दिल्ली में पकड़ी हेरोइन फैक्ट्री में कैमिकल, अमृतसर में जनवरी में पकड़ी हेरोइन फैक्ट्री में पकड़े गए सभी अफगान नागरिक भी इसी ने प्लांट किए थे।
3. तरनबीर (ऑस्ट्रेलिया में है)
इसी कड़ी का तरनबीर सिंह बेदी बटाला का रहने वाला है। यह अमृतसर के 200 किलोग्राम हेरोइन में सिमरण संधू के साथ वॉन्टेड था। संधू की गिरफ्तारी के बाद इसने गैंग की कमान संभाली और यह श्रीनगर के जरिए हेरोइन हाजीजान से हेरोइन की डिलिवर करवाने लग गया। यह हेरोइन इसके नेटवर्क के जरिए पंजाब में खपती है। इसने गुरदीप को कई बार विदेश भी बुलाकर ड्रग सप्लाई की प्लानिंग की थी।
2. संधू गैंग(इटली में डिटेन है)
इसका किंगपिंग अमृतसर निवासी सिमरण संधू जिसे गुजरात एटीएस के रेड कॉर्नर नोटिस के बाद फरवरी 2020 में इटली में पकड़ा गया वह गुजरात व श्रीनगर में उतरने वाली हेरोइन को अपने नेटवर्क के जरिए दिल्ली व पंजाब में पहुंचाने व रिफाइंड करवाने का काम करता था। गुजरात में पकड़ी 305 किलो हेरोइन व 31 जनवरी 2020 में अमृतसर में पकड़ी 200 किलो हेरोइन के बाद गिरफ्तार आरोपी अंकुश कपूर से इसके नाम का खुलासा पहली बार पंजाब एसटीएफ को हुआ।
4. हरविंदर (थाईलैंड में है)
हरविंदर सिंह उर्फ रंधावा यह बटाला जिला गुरदासपुर का है व मौजूदा समय में थाईलैंड में है। इसका काम श्रीनगर से हेरोइन उठाने के लिए कोरियर मुहैया करवाना है। यहां से यह पंजाब में अपने नेटवर्क के जरिए बताता है कि श्रीनगर से आने वाली हेरोइन कब व कहां से उतरेगी व उसे कहां पहुंचाना है। यह इस नेटवर्क के जरिए हेरोइन को पंजाब, दिल्ली, हरियाणा व विदेशों तक सप्लाई करवाता है। अपनी पहचान छिपाने को यह हर बार अपने नाम व सिम बदलकर कॉल करता है कभी हैपी रंधवा तो कभी हरविंदर सिंह के नाम से।
पहले हेरोइन तस्करी करते थे अब रिफाइंड करना भी सीख लिया
लुधियाना में 4 नवंबर को पकड़ी 28 किलो हेरोइन के बाद गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में 2 किलो केमिकल भी मिला, जिसे हेरोइन रिफाइंड करने में इस्तेमाल करना था। इससे पहले यह अमृतसर, दिल्ली व गुजरात में मिला था। इससे पता चलता है कि अब हेरोइन को रिफाइंड करना भी इन समगलरों से सीख लिया है, जिससे सिथेटिक ड्रग तैयार करते हैँ और मात्रा कम ज्यादा होने पर इसी से मौत् का कारण बनता है।
2014 में सरपंच बनते ही ब्लैक मनी को किया वाइट
लुधियाना। बॉर्डर रेंज व लुधियाना एसटीएफ की ओर से पकड़ा गया गुरदीप सिंह 2014 में सियासत में उतरा और उसने गांव की सरपंची हासिल की। उसके रसूख के आगे कोई मुकाबले में ही नहीं उतरा। इसके बाद उसने ब्लैक मनी को वाइट में बदलना शुरू किया और मुक्तसर में शराब ठेके लिए। पंजाब पुलिस के एक एसपी तो हमेशा उसके साथ ही देखे जाते थे। एक आईजी स्तर के अधिकारी को भी इसने अपने घर पर बुलाना शुरू किया। कई कनाड़ा बेस सिंगर को घर बुलाकर गाने भी शूट करवाए ताकि प्रभाव बना सके।
खेती करते चाचा के बेटे को भी मिलाया साथ
केस का दूसरा आरोपी इकबाल सिंह आरोपी पूर्व सरपंच गुरदीप के चाचा का बेटा है। इकबाल का गांव में पहले छोटा घर था। वे पहले खेतीबाड़ी करता था। करीब डेढ़ साल पहले वह गुरदीप के साथ मिलकर तस्करी की काम करने लगा। वह गुरदीप का सबसे करीबी बन गया। जिसके बाद उसने टैक्सी का काम शुरू किया। उसने लुधियाना टैक्सी स्टैंड पर अपनी तीन कारें लगा रखी थी। गांव के लोगों के अनुसार गुरदीप तीसरे आरोपी रवेज सिंह ढिल्लों से कई सालों से लिंक में था और उसके घर पर भी रवेज का काफी आना जाना था। गुरदीप जब भी विदेश जाता था तो रवेज साथ में होता था और इस दौरान पंजाब में सारा कारोबार इकबाल सिंह ही संभालता था।