चंडीगढ़। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से पंजाब के ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) को रोकने के फैसले पर फिर से गौर करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राज्य में ग्रामीण विकास कामों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मसला सुलझाने के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को दिल्ली जाकर उपभोक्ता मामलों संबंधी केंद्रीय मंत्री को मिलने को कहा है। राज्य सरकार फंडों के प्रयोग संबंधी केंद्र सरकार की तरफ से मांगे गए विवरण सौंपेगी जैसे कि बीते समय में भी किया जाता रहा है। यह पहली बार नहीं है कि केंद्र की तरफ से इस्तेमाल किए गए फंडों की जांच की जानी हो परन्तु जहां तक आरडीएफ जारी न करने का संबंध है, ऐसा पहली बार हुआ है। केंद्र सरकार की ओर सेे धान की खरीद पर दिया जाने वाला ग्रामीण विकास राशि (Rural Development funds RDF) बंद करने की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आलोचना की है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है। साथ ही उन्होंने इस मुद्दे पर वित्तमंंत्री मनप्रीत बादल को केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल से बात करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के इस फैसले से राज्य के ग्रामीण विकास के कार्योंं पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। कैप्टन देहाती विकास बोर्ड की मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान कृषि विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनिरुद्ध तिवारी ने उनके सामने यह मुद्दा रखा।
केंद्र सरकार के इस फैसले के समय पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि RDF जारी न करने की ऐसी कोई परंपरा नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले की तरह ही फंडों के उपयोग संबंधी केंद्र सरकार की तरफ से मांगे गए विवरण सौंपेगी। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों पर विवाद और संकट के बीच 1000 करोड़ रुपये का फंड रोकने का केंद्र सरकार की ओर से फैसला लेने का समय संदिग्ध है और यह कदम संदेहयुक्त इरादे की तरफ इशारा करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फंड जारी न होनेे की सूरत में गांवों के विकास में रुकावट आएगी और किसानों में गुस्सा और बढ़ेगा जो पहले ही केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। पंजाब में अनाज की खरीद पर तीन फीसद देहाती विकास फंड लगता है जो दो दिन पहले केंद्र सरकार ने रोक दिया है। इसको लेकर सरकार इसलिए भी चिंतित है कि इस राशि के आधार पर ही सरकार ने बैंकों से किसानों का कर्ज माफ करने के लिए कर्ज लिया था जिसकी अदायगी की जा रही है।
RDF रोकना पंजाब पर काले कानून थोपने की शुरूआत : चीमा
आम आदमी पार्टी (आप) ने भी मोदी सरकार की ओर से ग्रामीण विकास फंड (RDF) रोकने को पंजाब के आंतरिक मामलों में दखल बताया है। उन्होंने कहा कि यह काले कानूनों को धोखे से लागू करने की शुरूआत है।विधानसभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मोदी सरकार ने RDF का एक हजार करोड़ रुपये का फंड रोका है। यह किसानी संघर्ष से बौखलाए प्रधानमंत्री की पंजाब के साथ सीधी बदलाखोरी है। उन्होंने इसे संघीय ढांचे और प्रदेश के अधिकारों पर हमला बताया।
चीमा ने कहा कि वैसे केंद्र सरकार के पास RDF खर्च करने का हिसाब-किताब मांगने का कोई हक नहीं, क्योंकि यह किसी किस्म का केंद्रीय फंड नहीं है, फिर भी केंद्र सरकार को RDF रोकने की बजाए इसकी कैग से जांच करवानी चाहिए थी। RDF का प्रदेश सरकार से हिसाब-किताब लेने का अधिकार सिर्फ पंजाब के लोगों को है।