चंडीगढ़। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) उगराहां और पंजाब के मंत्रियों के बीच रेलवे ट्रैक खाली करने को लेकर हुई बैठक विफल रही। भाकियू उगराहां ने निजी थर्मल प्लांटों को जाने वाले रेलवे ट्रैक से धरने हटाने के लिए मंत्रियों की अपील को ठुकराते हुए कहा कि उनका संगठन भाजपा नेताओं व कारपोरेट घरानों के संस्थानों का घेराव जारी रखेगा।
निजी थर्मल प्लांट जाने वाले रेल ट्रैक रहेंगे जाम, – किसान नेताओं ने कहा, सरकार खुद करे इनका संचालन
कैबिनेट मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखविंदर सिंह सरकारिया, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव कैप्टन संदीप संधू व विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने भाकियू उगराहां के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। उन्होंने रेलवे ट्रैक खाली करने की अपील करते हुए कहा कि थर्मल प्लांटों में कोयला न जाने के कारण पंजाब को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है।
30 किसान संगठनों में शामिल भाकियू उगराहां ने खोल रखा है अलग से मोर्चा
यूनियन प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह ने कहा कि सभी रेलवे ट्रैक खाली हैं, केवल निजी थर्मल प्लांटों को जाने वाले ट्रैक पर धरना लगा हुआ है। अगर सरकार चाहती है कि राजपुरा व मानसा के निजी थर्मल प्लांट चालू हों तो सरकार इनका संचालन खुद करे। अन्यथा वह ट्रैक खाली नहीं करेंगे। उन्होंने यह मांग भी की कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई है उनके परिवारों को सरकारी नौकरी व दस लाख रुपये मुआवजा देने के अलावा उनका सारा कर्ज माफ किया जाए। उन्होंने कहा कि संघर्ष अब चरम पर पहुंच गया है और केंद्र सरकार संघर्ष को नाकाम करना चाहती है।
रेलवे ने कहा, अगले आदेश तक पंजाब में नहीं चलेंगी मालगाडिय़ां
बैठक के बाद सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि किसान नेताओं ने आज यूनियन की बैठक में सभी मुद्दों पर चर्चा करने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में केवल दो थर्मल प्लांटों के रेलवे ट्रैक पर ही धरने लगे हैैं और मालगाडिय़ां न चलाकर केंद्र सरकार पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रही है।
तीन जगह ट्रैक जाम, 23 जगह प्लेटफार्मों पर डटे हैैं किसान
भाकियू उगराहां पंजाब के 30 किसान संगठनों के संघर्ष में शामिल है लेकिन अलग मोर्चा खोलकर राजपुरा व मानसा में रेलवे ट्रैक पर धरना लगाया हुआ है। अमृतसर में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (पन्नू) दिन के समय जंडियाला गुरु में रेलवे ट्रैक पर धरना दे रही है। जबकि प्रदेश के 23 विभिन्न रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्मों पर भी किसान कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे हैैं।
कोई मालगाड़ी नहीं चलाई
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने स्पष्ट किया है कि पंजाब में रेल सेवाएं शुरू नहीं की गई हैं। मीडिया में ऐसी कुछ खबरें आई हैैं कि मालगाडिय़ों के परिचालन शुरू कर दिया गया है लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। कोई मालगाड़ी नहीं चलाई ।उत्तर रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार ने स्पष्ट किया है कि पंजाब में रेल सेवाओं शुरू नहीं की गई हैं। केवल एक दिन गाडिय़ां चली थीं लेकिन चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा को देखते हुए परिचालन बंद कर दिया गया।
अगले आदेश तक नहीं चलेंगी मालगाडिय़ां : एडीआरएम
फिरोजपुर : पंजाब में 29 अक्टूबर तक मालगाडिय़ों के परिचालन पर रोक को रेलवे ने अगले आदेश तक बढ़ा दिया है। फिरोजपुर डिवीजन के एडीआरएम सुखविंदर सिंह ने कहा कि जब तक रेलवे मुख्यालय से आदेश नहीं मिलते मालगाडिय़ां नहीं चलाई जाएंगी।
कृषि बिलों को लेकर कैप्टन चार को राष्ट्रपति से मिलेंगे
पंजाब विधानसभा द्वारा पास किए गए कृषि बिलों को मंजूरी देने की मांग को लेकर विधायकों का शिष्टमंडल चार नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोङ्क्षवद से मिलेगा। इस शिष्टमंडल का नेतृत्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर ङ्क्षसह करेंगे। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से मिलने जाने के लिए सभी पार्टियों के विधायकों से अपील की है। कैप्टन ने सभी विधायकों को राज्य के हितों की रक्षा के लिए खड़े होने और पार्टी हित से ऊपर उठने की भी अपील की है।
राष्ट्रपति से मिलने की घोषणा मुख्यमंत्री ने 20 अक्टूबर को राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को विधानसभा में पास हुए बिलों की कापी सौंपने के दौरान ही कर दी थी। इस दौरान उनके साथ विपक्षी पार्टियों के विधायक भी थे। हालांकि राज्यपाल से मिलने के बाद विपक्षी दलों खासकर शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के तेवर अब बदल गए हैं। वे सभी कैप्टन सरकार के इस बिल को जनता के साथ धोखा बता रहे हैं। ऐसे में विपक्ष का मुख्यमंत्री के साथ जाने पर संदेह पैदा हो गया है।