गुजरात के पूर्व CM केशुभाई नहीं रहे:केशुभाई पटेल का 92 साल की उम्र में निधन, 2 बार CM बने, लेकिन टर्म पूरा नहीं कर सके
केशुभाई तख्तापलट के चलते दोनों बार मुख्यमंत्री का टर्म पूरा नहीं कर पाए। 2001 में उनकी जगह नरेंद्र मोदी ने CM पद की शपथ ली। मोदी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु भी मानते हैं। प्रधानमंत्री बनने पर उन्होंने कहा भी था कि सूबे की असल कमान केशुभाई के हाथ में ही है।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। गुरुवार सुबह सांस लेने में दिक्कत होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, वहां निधन हो गया। कुछ समय पहले उन्हें कोरोना भी हुआ था, लेकिन रिकवर हो गए थे। केशुभाई 2 बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे थे। 30 सितंबर को ही सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट के दोबारा अध्यक्ष चुने गए थे।
गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि। गुजरात की प्रगति में और प्रदेश में भाजपा संगठन को मजबूत करने में केशुभाई का योगदान हमेशा याद रखा जायेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। ॐ शांति
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) October 29, 2020
दोनों बार मुख्यमंत्री का टर्म पूरा नहीं कर पाए
केशुभाई तख्तापलट के चलते दोनों बार मुख्यमंत्री का टर्म पूरा नहीं कर पाए। 2001 में उनकी जगह नरेंद्र मोदी ने CM पद की शपथ ली। मोदी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु भी मानते हैं। प्रधानमंत्री बनने पर उन्होंने कहा भी था कि सूबे की असल कमान केशुभाई के हाथ में ही है।
राजनीतिक सफर
1960 के दशक में केशुभाई पटेल ने जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत की थी। वह इसके संस्थापक सदस्यों में शामिल थे। 1975 में, जनसंघ-कांग्रेस (ओ) गठबंधन गुजरात में सत्ता में आई। आपातकाल के बाद 1977 में केशुभाई पटेल राजकोट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और बाबूभाई पटेल की जनता मोर्चा सरकार में 1978 से 1980 तक कृषि मंत्री रहे। 1979 में मच्छू बांध दुर्घटना, जिसने मोरबी को तबाह कर दिया था, के बाद उन्हें राहत कार्य में शामिल किया गया था।
केशुभाई पटेल 1978 और 1995 के बीच कलावाड़, गोंडल और विशावादार से विधानसभा चुनाव जीते। 1980 में, जब जनसंघ पार्टी को भंग कर दिया गया तो वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ आयोजक बने। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खिलाफ चुनाव अभियान का आयोजन किया और उनके नेतृत्व में 1995 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली थी।