नया भूमि कानून:कश्मीर में बाहर का निवासी भी जमीन खरीद सकेगा, पर खेती वाली जमीन गैर-खेतीहर को नहीं मिलेगी
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने एक ट्वीट किया। इसमें लिखा- जम्मू-कश्मीर के भूमि कानूनों जो बदलाव किया गया है, वह स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अब कश्मीर की सेल चालू होगी और छोटे जमीन मालिकों को तकलीफ होगी।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए भूमि कानून से जुड़ा नोटिफिकेशन जारी किया है। अब कश्मीर और लद्दाख में कोई भी भारतीय जमीन खरीद सकेगा। दोनों केंद्र शासित राज्यों में यह कानून तत्काल लागू होगा।
अभी तक कश्मीर में जमीन खरीदने के लिए वहां का नागरिक होने की बाध्यता थी। अब यह बाध्यता केंद्र ने खत्म कर दी है। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन के तहत यह आदेश जारी किया है।
उमर ने किया फैसले का विरोध
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने केंद्र के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने एक ट्वीट किया। इसमें लिखा- जम्मू-कश्मीर के भूमि कानूनों जो बदलाव किया गया है, वह स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अब कश्मीर की सेल चालू होगी और छोटे जमीन मालिकों को तकलीफ होगी।
There’s much confusion about whether Ladakh has been included in the new land ownership order. I don’t know what would be worse: that Ladakh has also been betrayed by the Centre or that only J&K has been put up for sale, thus betraying the centre’s true intentions & bias
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 27, 2020
पहले क्या था कानून?
जम्मू-कश्मीर में पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 और 35-A हटने से पहले ऐसा व्यक्ति अचल संपत्ति नहीं खरीद सकता था, जो जम्मू-कश्मीर का निवासी ना हो।
अब क्या बदलाव हुआ?
अब केंद्र ने भूमि खरीदी से जुड़े कानूनों में बदलाव किया है। इससे जम्मू-कश्मीर के बाहर का निवासी भी यहां जमीन खरीद सकता है। हालांकि, खेती वाली जमीन खरीदने में सरकार ने एक बंदिश रखी है। केंद्र ने बताया कि खेती वाली जमीन किसी गैर-खेतीहर व्यक्ति को नहीं ट्रांसफर की जा सकेगी। हालांकि, खेती वाली जमीन गैर-कृषि कार्यों के लिए दी जा सके, इसके लिए कुछ छूट दी गई हैं। जैसे कि खेती की जमीन पर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट या फिर हेल्थ केयर सेंटर बनाना।