पंजाब में नवजोत सिद्धू की फिर से हो सकती है कैबिनेट में वापसी, कैप्टन बोले सिद्धू कभी दरकिनार नहीं हुए

कैबिनेट में भी नवजोत सिंह सिद्धू की वापसी के आसार, होशियारपुर कांड में एक्शन न होता तो राहुल हाथरस जैसी ही प्रतिक्रिया देते

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पटियाला। ईडी द्वारा बेटे रणइंद्र को सम्मन भेजे जाने के मामले में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है जब कि किसी एजेंसी ने उनके परिवार को सम्मन भेजे हैं। अपने इस जवाब से सीएम ने साफ कर दिया कि उनके बेटे को ईडी द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। वह बेदाग हाेकर निकलेंगे। सीएम पटियाला में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को जवाब दे रहे थे और सिद्धू को लेकर चल रहे सवालों को लेकर भी सीएम खुल कर बोले।

उन्होंने इस बात से इंकार किया कि पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू दरकिनार किए गए हैं और उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि नवजोत सिद्धू दरकिनार किए गए हैं? वह अभी भी पार्टी में सरगर्म है व उनकी पहले की तरह अहमियत है। इस बयान के बाद कयास लगने शुरू हो गए हैं कि सिद्धू और कैप्टन के बीच की दूरियां कम होने लगी हैं।

जब से सिद्धू ने विधानसभा में कांग्रेस सरकार द्वारा केंद्र के कृषि बिलों के समर्थन पर भी सीएम एवं सूबा सरकार की जमकर तारीफ की थी। पंजाब मामले के प्रभारी हरीश रावत की सिद्धू से मुलाकात और बर्थडे पर केक काटे जाने के बाद से सिद्धू और कैप्टन में दूरियां घटी हैं। अब पक्के तौर पर यह माना जा रहा है कि दोनों में अब नजदीकियां बढ़ी हंै। ऐसे में माना जा है कि जल्द ही सिद्धू की कैबिनेट में वापसी के आसार बन रहे हैं।

होशियारपुर मामले में पंजाब पुलिस ने की तुरंत कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाथरस मामले में यूपी सरकार की ढीली कार्रवाई के उलट उनकी सरकार ने होशियारपुर बलात्कार और कत्ल मामले में तुरंत कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि चालान इसी सप्ताह अदालत में पेश कर दिया जाएगा।

पंजाब पुलिस द्वारा इस मामले में तत्काल तौर पर कार्रवाई करते हुए बिना किसी देरी से मुलजिमों को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि हाथरस मामले में ऐसा नहीं किया। यही कारण है कि राहुल गांधी को पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए हाथरस जाना पड़ा और होशियारपुर जाने की जरूरत नहीं पड़ी। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा गुस्से का इजहार करने पर कहा कि अगर पंजाब सरकार तेजी न दिखाती तो राहुल, प्रियंका और अन्य उसी तरह प्रतिक्रिया देते जैसे कि उन्होंने हाथरस मामले में दी थी।

सुखबीर केहड़ा मेरा पुत्त ए जेहड़ा मेरे नाल दिल्ली जाऊ

सुखबीर बादल द्वारा किसानों के हक के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को सत्ता छोड़ कर दिल्ली में उनके साथ मोर्चा लगाने के सवाल पर कैप्टन ने ठेठ पंजाबी लहजे में कहा कि सुखबीर केहड़ा मेरा पुत्त ए जेहड़ा मेरे नाल दिल्ली जाऊ? उन्होंने कहा कि सुखबीर यह क्यों भूल जाते हैं कि दिल्ली में इस कानून को पास करवाने में उनकी पत्नी केंद्र सरकार के साथ थी।

पंजाब की जगह किसान दिल्ली में लगाएं धरने
कैप्टन ने किसानों को अपनी अपील दोहराते हुए कहा कि उनको पंजाब की जगह दिल्ली में धरने लगाने चाहिए, क्योंकि पंजाब में धरनों के कारण आर्थिक गतिविधियों को नुकसान पहुंच रहा है। राज्य के मंत्री किसान जत्थेबंदियों से बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने इशारा किया कि राज्य के पास सिर्फ एक दिन का कोयले का स्टॉक और सिर्फ 10 प्रतिशत यूरिया बचा है। राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली खरीदने का विकल्प राज्य के पास नहीं है, क्योंकि राज्य के पास पैसा नहीं है।

तत्काल सहायता दी, बाकी सहायता रेलवे को देनी है
2 साल पहले अमृतसर में दशहरे के मौके पर हुए रेल हादसे पर पूछे सवाल पर कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार ने तुरंत ही वित्तीय सहायता मुहैय्या करवा दी थी, लेकिन अब यह मामला रेलवे के पास है। अब बाकी की वित्तीय सहायता पीड़ित परिवारों तक रेलवे को पहुंचानी है।

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