बठिंडा. गोनियाना रोड पर स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के पास एक घर में रविवार को एक युवक ने फंदा लगाकर खुदकुशी करने वाले मामले बेसक नर्स पर केस दर्ज कर लिया गया लेकिन परिजन इस मामले में तीन अन्य लोगों पर केस दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। मृतक की पहचान नवा पिंड नजदीक बीड़ बहमन के 29 वर्षीय हरजीत सिंह पुत्र सुखनैब सिंह के तौर पर हुई थी, जोकि दिल्ली हार्ट अस्पताल में बतौर अकाउंटेंट का काम करता था। उसके पास से मिले एक सुसाइड नोट के आधार पर थर्मल पुलिस ने दिल्ली हार्ट अस्पताल में ही काम करने वाली एक नर्स जसवंत कौर पर खुदकुशी के लिए मजबूर करने के तहत केस दर्ज किया है, लेकिन परिवार के लोग पुलिस की इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना है कि युवक की तरफ से आत्महत्या करने के एक दिन पहले सांय के समय अस्पताल के बाहर उसकी पिटाई की गई थी व जान से से मारने की धमकियां दी जा रही थी। इसी बातद से परेशान होकर उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
उनका आरोप है कि मामले में तीन और लोग शामिल हैं जो अस्पताल के ही मुलाजिम हैं क्योंकि कुछ दिन पहले इन लोगों ने हरजीत सिंह के साथ मारपीट की थी। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक पुलिस उनको सुसाइड नोट की कापी नहीं देती और बाकी आरोपियों को नामजद नहीं करती, वो हरजीत सिंह की लाश का संस्कार नहीं करेंगे। हरजीत सिंह दिल्ली हार्ट अस्पताल में बतौर अकाउंटेंट का काम करता था और ट्रांसपोर्ट नगर में किराए के घर में रहता था। पुलिस के अनुसार मृतक के पास से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें दिल्ली हार्ट अस्पताल में काम करने वाली नर्स जसवंत कौर का नाम लिखा हुआ है।
परिवार का आरोप-सुसाइड नोट की कापी नहीं दे रही पुलिस
सुसाइड नोट के मुताबिक नर्स जसवंत कौर उसे पिछले कुछ समय से ब्लैकमेल कर रही थी। थाना थर्मल पुलिस ने मृतक युवक के जीजा गुरदीप सिंह के बयानों पर आरोपी नर्स जसवंत कौर के खिलाफ आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं दूसरी तरफ मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस मृतक व्यक्ति की तरफ से लिखे गए सुसाइड नोट व उसमें बताए गए जिम्मेदार लोगों के संबंध में जानकारी जानबूझ कर छिपा रही है इसमें सुसाइड नोट की कापी तक नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि कि इस पूरे मामले में चार लोग शामिल है जिसमें दिल्ली हार्ट अस्पताल में तैनात तीन लड़के भी उसकी मौत के लिए जिम्मेदार है उन्होंने गत रात हरजीत सिंह के साथ मारपीट की। इस पूरी घटना की रिकार्डिंग अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों में कैद है, लेकिन पुलिस दबाव में इसको सार्वजनिक नहीं कर रही है व उन्हें शक है कि पुलिस सबूतों को मिटाने की कोशिश कर रही है। परिजनों ने कहा कि सिविल अस्पताल में वह मृतक का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जब तक अन्य तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं करती। वही देर सांय परिवार के लोगों ने सरकारी अस्पताल के बाहर रोड जाम कर प्रदर्शन किया, आश्वासन के बाद हटा दिया गया।