खुफिया एजेंसियों का केंद्र को अलर्ट:चीन ने सीमा से लगे नेपाल के 7 जिलों में जमीन हथियाई, गांवों और मकानों पर भी कब्जा किया

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खुफिया एजेंसियों ने केंद्र सरकार को एक रिपोर्ट भेजी है। इसमें कहा गया है कि चीन ने सीमा से लगे नेपाल के 7 जिलों में अवैध तरीके से जमीन हथियाई है। दोलखा जिले में चीन ने नेपाल की तरफ अंतरराष्ट्रीय सीमा को करीब 1500 मीटर तक बढ़ा दिया है।

एजेंसियों ने कहा है कि हालात और भी बदतर हो सकते हैं, क्योंकि नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की विस्तारवादी नीति का बचाव कर रही है। एजेंसियों ने सर्वे डिपार्टमेंट की रिपोर्ट का जिक्र किया, जिसमें चीन द्वारा जमीन हथियाने की बात कही गई थी और यह भी कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने इस रिपोर्ट को नजरंदाज कर दिया था।

नेपाल की ओर अंतरराष्ट्रीय सीमा को खिसका रहा चीन

एजेंसियों ने बताया कि चीन नेपाल के दोलखा, गोरखा, दारचूला, हुमला, सिंधुपाल चौक, रसुआ और संखुआसभा में जमीनों पर कब्जा कर रहा है। चीन ने अंतरराष्ट्रीय सीमा को दोलखा में पिलर नंबर 57 तक बढ़ा दी है। ये पहले केरलांग के शिखर तक थी। गोरखा जिले में पिलर नंबर 35, 37, 38 तक सीमा को बढ़ा दिया है। सोलुखुंबू में पिलर नंबर 62 तक ऐसा किया गया है।

घरों और गांवों पर कब्जा, जबकि टैक्स जाता है नेपाल सरकार को

पिलर नंबर 35, 37 और 38 रुई गांव और टाम नदी के इलाके में आते हैं। नेपाल का आधिकारिक नक्शा इस गांव को अपने क्षेत्र में बताता है और यहां के निवासी नेपाल सरकार को टैक्स देते हैं। इसके बावजूद चीन ने इस इलाके को 2017 में तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन ऑफ चाइना का हिस्सा घोषित कर रखा है। कई घर हैं, जो पहले नेपाल का हिस्सा थे, उन पर चीन ने कब्जा लिया है और इन्हें चीन का हिस्सा घोषित कर दिया है।

नेपाल के मंत्रालय ने भी जिक्र किया था

हाल ही में नेपाल के कृषि मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की थी, इसमें चीन की जमीन हथियाने की हरकत का जिक्र किया गया था। इसमें कहा गया था कि नेपाल के 4 जिलों में 11 जगहों पर चीन ने जमीनें हथियाई हैं।भारतीय एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2005 से ही नेपाल चीन के साथ सीमा वार्ता करने से परहेज कर रहा है और नेपाल की सरकार चीन के सामने अपनी जमीनों पर दावा पेश करना ही नहीं चाहती है।

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