अमृतसर में शुक्रवार को चर्च में घुसकर फायरिंग करने वाला रणदीप सिंह गिल काफी समय से आपराधिक प्रवृत्ति का रहा है। कई साल पहले गाड़ी पर बत्ती लगाने के चक्कर में जेल गया था। जमानत मिली, बाहर आया तो आते ही गुंडई दिखानी शुरू कर दी। कभी किसी गरीब हॉकर को पीट देता है तो कभी मुफ्त में खा-पीकर पैसे मांगने पर रेस्टोरेंट वाले से भिड़ जाता है। ताजा मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ। कोरोना लॉकडाउन में चर्च में आम लोगों के घुसने पर पाबंदी के चलते विवाद हुआ था। इसी विवाद में उसने चर्च के पास्टर की हत्या कर दी। हालांकि वाल्मीकि संगठन से जुड़ा यह शख्स अपने तीन बेटों को सिंगर भी बना चुका है। लोग इसे साईं रणदीप गिल के नाम से जानते हैं।
हॉकर को पीटा तो राजनैतिक धौंस में नहीं होने दी कार्रवाई
मिली जानकारी के अनुसार, करीब 5 साल पहले जब रणदीप सिंह गिल शिरोमणि अकाली दल एससी विंग का वाइस चेयरमैन था तो कार पर पीली बत्ती लगाने के जुर्म में डी डिवीजन थाने की पुलिस ने केस दर्ज करके इसे गिरफ्तार किया था। इसके बाद जमानत पर बाहर आ गया। इसके बाद इसने धौंस जमानी शुरू कर दी। उसी दौरान की बात है, जब गिल अखबार बेचने वाले एक मामूली हॉकर के साथ मारपीट पर उतर आया था। उस मामले में अपनी धौंस दिखाते हुए पुलिस में कोई कार्रवाई नहीं होने दी थी।
5 साल पहले कहा था-तेरी हिम्मत कैसे हुई बिल मांगने की
इसके बाद बटाला रोड पर भी गुंडागर्दी दिखाई थी। एक पुलिस एफआईआर के मुताबिक रणदीप सिंह गिल और उसके आठ-दस साथी अश्विनी महाजन की चिकन हाउस नामक दुकान पर बैठकर शराब पी रहे थे और चिकन खा रहे थे। महाजन के कारिंदों से करीब 400 रुपए के सिगरेट भी मंगवाए, जिनके पैसे महाजन ने खुद दिए थे। जब सभी शराब पीने के बाद जाने लगे तो उन्होंने आरोपियों को 3200 रुपए का बिल दिया। बिल देखकर रणदीप कहने लगा कि क्या वह उसे जानता नहीं है। उसकी हिम्मत कैसे हुई बिल मांगने की। इसी बात पर बहस शुरू हुई तो अश्विनी महाजन का 18 साल का बेटा अमन आगे आया और बड़े ही प्यार से गिल को समझाने लगा, लेकिन नशे में धुत गिल और साथियों ने कोई बात सुनने की बजाय दोनों बाप-बेटे को पीटना शुरू कर दिया। दोनों को सड़क पर लाकर जमकर पिटाई की और इसके बाद आरोपी गाड़ी बैठ फरार हो गए। इतना ही नहीं आरोपियों ने महाजन के गले से सोने की चेन भी उतार ली। अपने साथ हुई जलालत महाजन से बर्दाश्त नहीं हुई तो वह उसी वक्त तत्कालीन पुलिस कमिश्नर जतिंदर सिंह औलख के घर चले गए और सारी बात बताई। पुलिस ने आरोपी रणदीप सिंह गिल और उसके साथियों के खिलाफ धारा 382, 323, 452, 506, 148,149 के तहत केस दर्ज किया था। इन धाराओं के तहत दोष साबित होने पर अधिकतम दस साल तक कैद हो सकती थी। फिलहाल यह केस कहां किस स्थिति में इसके बारे में भी अभी आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
धक्केशाही का एक और आरोप
शुक्रवार को हुई हत्या के बारे में जानकारी देते हुए क्रिश्चन समाज मोर्चा के नेता जसपाल सिंह ने बताया कि ऑल इंडिया बाबा खेतरपाल शक्ति दल के चेयरमैन और खुद को कांग्रेस नेता बताने वाला रणदीप गिल उनके छोटे भाई प्रिंस से रंजिश रख रहा था। लॉकडाउन में कुछ लोग चर्च में आकर प्रार्थना करते थे। हालांकि चर्च के सेवादारों ने चर्च में लोगों के आने पर रोक लगा रखी थी। इसी बात पर कथित नेता रणदीप सिंह गिल प्रिंस से उलझ गया था। कुछ दिन पहले हुए झगड़े के बाद चर्च में मंगलवार को दोनों पक्षों में राजीनामा भी करवाया जा रहा था।
गिल पर शिकंजा कस लेती तो आज प्रिंस जिंदा होता
जसपाल की मानें तो रणदीप सिंह गिल की आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। अगर सरकार और प्रशासन रणदीप गिल पर शिकंजा कस लेती तो आज प्रिंस जिंदा होता। उन्होंने बताया कि सरकार कोई भी हो रणदीप गिल कहीं न कहीं राजनीति में कोई न कोई पद पा ही लेता है। कुछ साल पहले उसने अपने साथियों के साथ मिलकर आल इंडिया बाबा खेतरपाल जी शक्ति दल नाम से संगठन बनाया था। फिर वह संस्था का चेयरमैन बना और अपने चहेतों को भी उसमें शामिल किया।