कोरोना देश में:भारत बायोटेक की वैक्सीन को तीसरे फेज की ट्रायल के लिए मंजूरी; अब तक 77.59 लाख केस

घर हो या बाहर, कोई भी कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. एक नई स्टडी में बताया गया है कि कोरोना वायरस एक सतह से दूसरी सतह पर कितनी आसानी और तेजी से फैल रहा है. ये स्टडी ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने की है. चिंता की बात ये है कि ये सतहें ऐसी हैं जिनका इस्तेमाल हम अपनी आम दिनचर्या में करते हैं. आइए जानते हैं कि कौन सी है वो सतहें जिन्हें स्टडी में सबसे अधिक संक्रामक बताया गया है.

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देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 77 लाख 59 हजार 640 पहुंच गया है। इनमें से 69 लाख 46 हजार 325 लोग ठीक हो चुके हैं। अभी 6 लाख 94 हजार 892 एक्टिव केस हैं। इस बीच देश में वैक्सीन की प्रोग्रेस को लेकर अच्छी खबर है। भारत बायोटेक कंपनी की वैक्सीन तीसरे फेज की ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। देश में टेस्टिंग का आंकड़ा 10 करोड़ 1 लाख 13 हजार 85 पर पहुंच गया। यानी इतने लोगों के टेस्ट किए जा चुके हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक गुरुवार को 14 लाख 42 हजार 722 लोगों के सैंपल टेस्ट किए गए।

इन 6 सतहों से सबसे ज्यादा फैलता है कोरोना वायरस, रहें सावधान

घर हो या बाहर, कोई भी कोरोना वायरस से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. एक नई स्टडी में बताया गया है कि कोरोना वायरस एक सतह से दूसरी सतह पर कितनी आसानी और तेजी से फैल रहा है. ये स्टडी ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने की है. चिंता की बात ये है कि ये सतहें ऐसी हैं जिनका इस्तेमाल हम अपनी आम दिनचर्या में करते हैं. आइए जानते हैं कि कौन सी है वो सतहें जिन्हें स्टडी में सबसे अधिक संक्रामक बताया गया है.

 

पब्लिक ट्रांसपोर्ट की खिड़की- मेट्रो और बस जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सेवाएं शुरू हो चुकी हैं. स्टडी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की खिड़कियों और पोल्स को सबसे अधिक संक्रामक बताया गया है. खिड़कियां और खंभे स्टील या कांच जैसी मैटेरियल से बनते हैं. इन सतहों पर वायरस आसानी से चिपक जाते हैं. चढ़ने-उतरने के दौरान कई यात्री इन सतहों का इस्तेमाल करते हैं, जिसकी वजह से ये और अधिक संक्रामक हो जाते हैं. पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते समय इन सतहों को छूने से बचें.

नोट- स्टडी के अनुसार कोरोना वायरस 20 डिग्री तापमान में, 28 दिनों तक नोट पर रह सकता है. नोट के लेन-देन से वायरस के एक से दूसरे में फैलने का खतरा हो सकता है. इस समय जितना हो सके प्लास्टिक मनी का इस्तेमाल करें. इससे आप वायरस के संपर्क में आने से बचे रहेंगे.

 

फोन की स्क्रीन- फोन हमारी जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा है और हम जहां जाते हैं वहां फोन जरूर ले जाते हैं. कुछ लोग तो वॉशरूम में भी फोन लेकर जाते हैं. फोन की स्क्रीन पर वायरस आसानी से चिपक जाता है. हमारी उंगलियां ज्यादातर समय फोन के स्क्रीन पर रहती हैं. इसलिए फोन की स्क्रीन से वायरस फैलने का खतरा ज्यादा है. फोन की स्क्रीन को समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें.

अस्पताल का वेटिंगरूम- वैसे तो इस समय अस्पतालों में साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जा रहा है लेकिन फिर भी अस्पताल के वेटिंग रूम में संक्रमण की संभावना ज्यादा रहती है. वेटिंग रूम लोगों से भरा रहता और लोग बाहर से आते-जाते रहते हैं जिसकी वजह से यहां वायरस फैलने का ज्यादा खतरा होता है. इस समय अस्पताल के चक्कर लगाने से बचें. अगर अस्पताल जाना भी पड़े तो किसी भी सतह को छूने से बचें और मास्क, फेस शील्ड, सैनिटाइजर और ग्लव्स का इस्तेमाल जरूर करें.
ATM का स्क्रीन और बटन-  ATM के बटन, ग्लास और स्क्रीन पर किटाणु आसानी से आ सकते हैं. पैसा निकालने के लिए हर कोई ATM के बटन और स्क्रीन को छूता है. इससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इस समय ATM से पैसे निकालने की बजाय ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करें. अगर ATM जाना भी हो तो पैसे निकालने के तुरंत बाद हाथों को सैनिटाइज करें और घर आकर साबुन से हाथ धोएं.
स्टेनलेस स्टील- स्टडी के अनुसार ज्यादा हीट पर वायरस देर तक नहीं टिकता लेकिन स्टेनलेस स्टील पर ये आसानी से घंटों तक रह सकता है. किचन में इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर बर्तन स्टील के ही होते हैं. ऐसे में संक्रमण का खतरा ज्यादा हो जाता है. अपने किचन में रखे स्टील के बर्तनों और किचन की सारी सतहों को अच्छी तरह साफ करते रहें.

घर के अंदर कोरोना से कैसे बचें- अपने घर की अच्छे से साफ-सफाई करें. सारी सतहों को सैनिटाइज करें. अगर आप कहीं बाहर से आ रहे हैं तो घर की किसी भी चीज को छुए बिना हाथों को पहले अच्छे से धोएं और कपड़ों को बदल लें. अपने घर का वेंटिलेशन सिस्टम सही रखें. घर की खिड़कियों को खुली रखें ताकी ताजी हवा और सूरज की रोशनी घर के अंदर तक आ सके.

 

 

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