श्री मुक्तसर साहिब। यहां अदालत ने अपनी पत्नी, बेटा, बेटी और नाैकर की हत्या करने वाले व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई है। उसने नौकर की पत्नी से अवैध संबंधों में बाधा बनने के कारण पत्नी, चार साल के बेटे और छह साल की बेटी व नौकर को मार डाला था। वर्ष 2015 में यह वारदात करने वाले गांव अटारी के पलविंदर सिंह को मुक्तसर के सेशन जज अरुणवीर वशिष्ठ की अदालत ने सजा-ए-मौत सुनाई है। हत्याकांड की साजिश में शामिल नौकर की पत्नी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
जून 2015 में सभी को कार में बिठाकर फेंका था नहर में
पलविंदर सिंह मुक्तसर साहिब के खालसा स्कूल में दर्जा चार कर्मचारी था। उसने खेतों और पशुओं की देखरेख के लिए निर्मल सिंह और उसकी पत्नी करमजीत कौर को काम पर रखा था। पलविंदर सिंह के नौकर निर्मल की पत्नी के साथ अवैध संबंध थे। उनके अवैध संबंधों में पलविंदर सिंह की पत्नी सरबजीत कौर, बेटा जशनप्रीत सिंह, बेटी गगनदीप कौर और निर्मल सिंह बाधा बन रहे थे। चारों को रास्ते से हटाने के लिए पलविंदर सिंह और नौकर की पत्नी ने हत्या की साजिश रची।
सामूहिक हत्याकांड की साजिश में शामिल नौकर की पत्नी को उम्रकैद
हत्या से पहले पलविंदर ने पत्नी सरबजीत कौर और निर्मल सिंह के नाम पर दुर्घटना बीमा की दो-दो पॉलिसी खरीदी। 11 दिन बाद 20 जून 2015 को पलविंदर अपनी पत्नी, बेटा-बेटी और नौकर निर्मल सिंह को कार में बिठाकर घुमाने ले गया। उसने गंग नहर के पास उसने जानबूझकर कार को नहर में गिरा दिया और खुद खिड़की खोलकर बाहर निकल आया। साजिश के तहत नहर में गिरी कार को दुर्घटना दिखाने के लिए उसने शोर मचाकर लोगों को इकट्ठा किया। इस घटना में पलविंदर की पत्नी, दोनों बच्चों और नौकर निर्मल सिंह की मौत हो गई थी।
पलविंदर और करमजीत की शादी के बाद हुआ शक
हत्या के बाद 27 जनवरी 2016 को पल¨वदर ¨सह और करमजीत कौर ने शादी कर ली। पलविंदर की पहली पत्नी के भाई गुरकिशन सिंह ने इस शादी के बाद पुलिस के पास शिकायत कर शक जताया कि उसकी बहन, दोनों बच्चों और नौकर की हत्या की गई है। पुलिस की जांच में साजिश की सभी कडि़यां जुड़ती गई और पलविंदर और करमजीत कौर को गिरफ्तार कर लिया गया।
अदालत ने इस मामले को ‘रेयरेस्ट आफ द रेयर’ केस माना
जिला अटार्नी नवदीप गिरधर और बचाव पक्ष के वकील मनजिंदर सिंह बराड़ ने बताया कि साजिश रचकर पत्नी, बच्चों और नौकरी हत्या के मामले को अदालत ने ‘रेयरेस्ट आफ द रेयर’ केस माना है। दोषी को कठोर दंड देते हुए फांसी और साजिश में साथ देने वाली करमजीत कौर उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।