कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका, एक लाख मीट्रिक टन आक्सीजन आयात करेगी सरकार

दरअसल सितंबर के महीने में कोरोना से मरीजों की अचानक बढ़ी संख्या के बाद देश के कई हिस्से से मेडिकल आक्सीजन की कमी शिकायत आने लगी थी। वैसे सरकार लगातार यह दावा कर रही थी कि देश में मेडिकल आक्सीजन की कोई कमी नहीं है और यह स्थानीय स्तर पर इनवेंटरी मैनेजमेंट की समस्या है।

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नई दिल्ली। त्योहारों और सर्दी के सीजन में कोरोना के संक्रमण के बढ़ने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए देश में मेडिकल आक्सीजन उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी के साथ-साथ एक लाख मीट्रिक टन मेडिकल आक्सीजन का आयात भी किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि किसी भी स्थिति में देश में मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखने के पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं।

दरअसल सितंबर के महीने में कोरोना से मरीजों की अचानक बढ़ी संख्या के बाद देश के कई हिस्से से मेडिकल आक्सीजन की कमी शिकायत आने लगी थी। वैसे सरकार लगातार यह दावा कर रही थी कि देश में मेडिकल आक्सीजन की कोई कमी नहीं है और यह स्थानीय स्तर पर इनवेंटरी मैनेजमेंट की समस्या है। अब राजेश भूषण ने विस्तार से बताया कि देश में मेडिकल आक्सीजन की उत्पादन क्षमता, उपलब्धता और खपत का ब्यौरा दिया। इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल आपूर्ति बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी दी।

फिलहाल सरकार के लिए राहत की बात यह है कि मेडिकल आक्सीजन की जरूरत वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है और इसी अनुपात में आक्सीजन की खपत भी कम हुई है। आक्सीजन सपोर्ट पर रहने वाले मरीजों की सबसे अधिक संख्या 25 सितंबर को थी, उस दिन कुल 75,098 मरीज आक्सीजन सपोर्ट पर थे। वहीं सोमवार को आक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों की संख्या घटकर 57,357 रह गई। जाहिर है उस दिन मेडिकल आक्सीजन की खपत 2900 मीट्रिक टन को पार कर गई थी। जो अब कम होकर 2500 मीट्रिक टन के आसपास रह गई है।

मरीजों की घटी संख्या के कारण मेडिकल आक्सीजन की मांग फिलहाल भले ही कम हो गई हो, लेकिन आने वाले दिनों में संक्रमण के बढ़ने की आशंका को देखते हुए आक्सीजन की मांग बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है। अमेरिका और यूरोपीय देशों में ठंड की शुरूआत के साथ संक्रमण ने तेजी से बढ़ोतरी हुई है। भारत में त्योहारी और सर्दी के सीजन में कोरोना के संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है।

जाहिर है सरकार ने मेडिकल आक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के लिए तेजी से काम में जुट गई है। इसके तहत देश के 264 अस्पतालों में मेडिकल आक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने का काम चल रहा है। इसके बाद 150 दूसरे अस्पतालों में भी इसी तरह के संयत्र लगाए जाएंगे। इससे इन अस्पतालों में बाहर से मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति की निर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाएगी। इसी तरह देश में आक्सीजन उत्पादन की कुल क्षमता को अप्रैल में 5,913 मीट्रिक टन से बढ़ाकर सितंबर तक 6,862 मीट्रिक टन किया गया है और 31 अक्टूबर तक इसे 7,191 मीट्रिक टन कर दिया जाएगा। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्से में लिक्विड आक्सीजन को रखने के लिए एक अप्रैल को केवल 606 क्रायोजेनिक टैंक थे, जिनकी क्षमता 5,938 मीट्रिक टन थी। इस महीने के अंत तक 775 क्रायोजेनिक टैंक के साथ कुल स्टोरेज कैपेसिटी 7,438 मीट्रिक टन की हो जाएगी।

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