जालंधर में मंगलवार दोपहर बाद किसानों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय सांपला समेत कई भाजपा नेताओं को घेर लिया। किसानों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो इस दौरान दोनों पक्षों धक्का-मुक्की हो गई। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को काबू करने की कोशिश की। एक सप्ताह के भीतर जालंधर में यह दूसरा वाकया है, जब बाहर से आए भाजपा नेताओं को किसान संगठनों ने घेर लिया।
दलितों के मुद्दे पर करनी थी भाजपा को प्रेस कॉन्फ्रेंस
दरअसल, पिछले 25 दिन से पंजाब में नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और तमाम भाजपा नेतृत्व के खिलाफ आक्रोश जारी है। इसी के चलते किसान संगठनों ने जगह-जगह रेल रोको आंदोलन कर रखा है। भाजपा नेताओं के घरों और इनके कार्यक्रमों का घेराव भी किया जा रहा है। इसी बीच मंगलवार को पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला, भाजपा के प्रदेश उपप्रधान राजेश बाघा, पंजाब प्रवक्ता मोहिंदर भगत और एससी मोर्चा के प्रदेश प्रधान राज कुमार अटवाल समेत कई नेता करीब पौने 3 बजे जालंधर के सर्किट हाउस में पहुंचे थे। उन्हें यहां दलितों के मुद्दों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी थी, लेकिन इससे ठीक पहले किसान संगठनों को भनक लग गई।
सर्किट हाउस के बाहर ही दरी बिछाई सांपला के समर्थकों ने
नेताओं को घेरने के लिए किसान सर्किट हाउस में घुसने लगे तो उन्हें रोकने की कोशिश में पुलिस के साथ हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। उधर गुस्साए किसानों के प्रदर्शन के बीच सांपला के समर्थक सर्किट हाउस के बाहर ही दरी बिछाकर बैठ गए और विजय सांपला ने उन्हें संबोधित करना शुरू कर दिया। फिलहाल सर्किट हाउस के बाहर बड़ी संख्या में किसान संगठनों के सदस्य पहुंचे हुए हैं, पुलिस भीड़ को काबू करने की कोशिश कर रही है।
एक सप्ताह पहले होशियारपुर में हुआ था पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर हमला
गौरतलब है कि इससे करीब सप्ताहभर पहले भारतीय जनता पार्टी के पंजाब प्रधान अश्विनी शर्मा पार्टी के अन्य नेताओं के साथ मीटिंग करने पहुंचे तो यहां किसानों ने लगभग 7 घंटे बंधक बनाकर रखा थ। इसके बाद फिर जब वह यहां से पठानकोट जा रहे थे तो होशियारपुर के टांडा में कुछ शरारत तत्वों ने शर्मा के काफिले पर हमला कर दिया था। उनकी गाड़ी भी तोड़ दी थी। इस माले में भाजपा नेतृत्व का आरोप है कि यह हमला किसानों ने नहीं, बल्कि कांग्रेस समर्थकों ने एक सोची-समझी साजिश के तहत किया था।