प्रदूषण बढ़ा तो इन राज्यों में बंद करने होंगे थर्मल पावर प्लांट, EPCA की राज्यों को चिट्ठी, गहरा सकता है बिजली संकट

कोरोना वायरस के इस संकट के बीच सर्दियों से पहले ही उत्तर भारत की हवा बिगड़ने लगी है. पर्यावरण पर निगरानी रखने वाले निकायों को आशंका है कि आने वाले दिनों में हवा की स्थिति और बिगड़ सकती है. लिहाजा, एनवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (EPCA)ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार को पत्र लिखा है और कहा है कि वे अपना थर्मल पावर प्लांट बंद करने के लिए तैयार रहें. क्योंकि ये थर्मल पावर प्लांट 2015 के मानकों को पूरा नहीं करते हैं.

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के इस संकट के बीच सर्दियों से पहले ही उत्तर भारत की हवा बिगड़ने लगी है. पर्यावरण पर निगरानी रखने वाले निकायों को आशंका है कि आने वाले दिनों में हवा की स्थिति और बिगड़ सकती है. लिहाजा, एनवायरमेंट पॉल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (EPCA)ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार को पत्र लिखा है और कहा है कि वे अपना थर्मल पावर प्लांट बंद करने के लिए तैयार रहें. क्योंकि ये थर्मल पावर प्लांट 2015 के मानकों को पूरा नहीं करते हैं.

यूपी और हरियाणा को दो अलग-अलग लिखे पत्र में ईपीसीए के प्रमुख भूरे लाल ने कहा है कि दोनों राज्य सरकारों को अपने थर्मल पावर प्लांट बंद करने की तैयारियों की समीक्षा करनी चाहिए. उन्होंने दोनों राज्य सरकार से कहा है कि दोनों राज्य सर्दियों के पीक के समय प्लांट को बंद करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं, इसके बारे में EPCA को सूचित करना सुनिश्चित करेंगे.

ईपीसीए के प्रमुख भूरे लाल ने कहा, “मैंने इस पत्र में बताया है कि यदि आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता और बिगड़ती है तो हमें थर्मल पावर प्लांटों को बंद करने का निर्देश देना पड़ सकता है, जो 2015 के मानकों को पूरा नहीं करते हैं.” दोनों राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में भूरेलाल ने हरियाणा में पांच और उत्तर प्रदेश में तीन थर्मल पावर प्लांटों को चिन्हित किया है जो 2015 के मानकों को पूरा नहीं करते हैं.

इन थर्मल प्लाटों को किया जाएगा बंद

हरियाणा में जिन प्लांटों को चिन्हित किया गया है उनमें झज्जर में अरावली पावर प्लांट, महात्मा गांधी एसटीपीएस (सीएलपी इंडियन प्राइवेट लिमिटेड), पानीपत में पानीपत टीपीएस, हिसार में राजीव गांधी टीपीएस और यमुना नगर में यमुना टीपीएस शामिल हैं.

उत्तर प्रदेश के तीन थर्मल पावर प्लांटों में गौतम बुद्ध नगर में एनसीटीपीपी दादरी स्टेज 1,  एनसीटीपीपी दादरी स्टेज 1, अलीगढ़ में हरदुआगंज टीपीएस शामिल हैं.

हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार को लिखे भूरेलाल ने पत्र में लिखा है, ‘कृपया इस बात को तत्काल आवश्यक मानें क्योंकि हमें आशंका है कि आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता और खराब होगी. मौसम विभाग (IMD) का पूर्वानुमान है कि हवा के वेंटिलेशन इंडेक्स में कमी आएगी यानी सांस लेने में दिक्कत बढ़ेगी. वहीं तापमान में भी कमी आएगी. स्थानीय प्रदूषण और पराली के जलने से प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा, लिहाजा अतिरिक्त तौर पर कदम उठाए जाने की जरूरत होगी.’

दिल्ली में बिगड़ी हवा की हालत 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पॉल्यूशन का लेवल में मामूली गिरावट के बावजूद सोमवार सुबह हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ स्थिति में दर्ज की गई. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मुताबिक पराली जलाने की वजह से दिल्ली का प्रदूषण स्तर बढ़ने की आशंका है. केंद्र सरकार की एक एजेंसी ने रविवार को बताया था कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में एक दिन में 1,230 किसानों ने अपने खेत में पराली जलाई है. इस सीजन में अब तक एक दिन इतनी संख्या में पराली जलाने की तादाद अधिकतम है.

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में पराली जलाने का हिस्सा रविवार को 17 फीसदी था. शनिवार को यह 19, शुक्रवार को 18, बीते बुधवार को लगभग एक प्रतिशत और मंगलवार, सोमवार और रविवार को करीब 3 प्रतिशत था.

दिल्ली में सोमवार को सुबह 8.45 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)232 दर्ज किया गया. 24 घंटे के औसत के हिसाब से देखा जाए तो रविवार को AQI 254 थी. दिल्ली में शनिवार को AQI 287, शुक्रवार को 239, गुरुवार को 315 दर्ज किया गया. दिल्ली में 12 फरवरी के बाद से यह सबसे खराब स्थिति है जब एक्यूआई 320 रिकॉर्ड किया गया था.

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