स्कूल अनलॉक, मात्र 25% अटेंडेंस:मास्क लगा कर स्कूल में पहुंचे बच्चे और अध्यापक, सामाजिक दूरी का भी रखा ध्यान
22 मार्च से लॉकडाउन के कारण बंद स्कूल 7 माह बाद 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए खुले
बठिंडा।
शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए सोमवार से स्कूल खुले, 7 महीने बाद खुले स्कूलों में बच्चों की हाजिरी बेहद कम रही। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर अधिकांश अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल न भेजना ही बेहतर समझा जबकि कई अभिभावकों ने बच्चों को हेल्थ एडवाइजरी की गाइडलाइंस का सख्ती से पालन करने के पाबंद रहने की शर्त पर स्कूल भेजा, महज 25 प्रतिशत बच्चे ही पहले दिन स्कूल पहुंचे।
स्कूल के मेन गेट पर अध्यापकों व बच्चों का थर्मल स्कैनर से बॉडी टेंपरेचर मापकर व फुट सेनेटाइजर से हाथ धुलवाए गए। वहीं अध्यापक व बच्चे मास्क पहनकर क्लासरूम में पहुंचे। सामाजिक दूरी के मद्देनजर बच्चों को एक-दूसरे से दिन व एक बेंच छोड़कर बिठाया गया। कोरोना महामारी के कारण 22 मार्च से लॉकडाउन के बाद से स्कूल बंद हैं, इसी वजह से बच्चों का सेशन की शुरुआत का पहला दिन रहा और सभी बच्चों को एक-दूसरे से जान-पहचान करने की प्रबल इच्छा रही लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की वजह से अपने सहपाठियों से खुलकर बात भी नहीं कर पाए।
ज्यादा परेशानी तो लड़कियों को हुई जोकि अपनी आदत के अनुसार ग्रुप में बैठकर हंसी-ठिठोली नहीं कर पाई। हालांकि पहला दिन तो इंट्रोडक्शन और डाउट क्लीयरेंस को ही समर्पित रहा। सरकारी सीसे आदर्श स्कूल की दसवीं की इंचार्ज नेहा जिंदल ने बताया कि भले ही बच्चे ऑनलाइन पढ़ रहे हैं, लेकिन आज पहली बार अपने अध्यापकों से रूबरू हुए अध्यापकों से बच्चों ने अपने डाउट ही पूछे। एसओपी पालन करते हुए बैठे बच्चों को उनके बेंच पर ही अपने डाउट के बारे में जानकारी लेकर उनका समाधान करवाया गया।
डीईओ ने स्कूलों में किए गए प्रबंधों का निरीक्षण किया
सरकारी सीसे गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल स्वीण किरण, सरकारी सीसे स्कूल मुल्तानिया व सरकारी सीसे स्कूल परसराम नगर के प्रिंसिपल गुरमेल सिंह ने कहा कि अनलॉक होने से अधिकांश गतिविधियां सामान्य दिनों की तरह चल रही हैं और सावधानियां बरती जा रही हैं। इसी तरह कोरोना संक्रमण से बचाव को ध्यान में रखते हुए स्कूल खोले गए हैं। डीईओ सेकंडरी मनिंदर कौर ने विभिन्न स्कूलों में किए गए प्रबंधों का निरीक्षण करके बच्चों व अध्यापकों से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि अब स्कूलों को समान्य की तरह खोलकर कक्षाओं में पढ़ाई कराई जाएगी। जल्द ही पंजाब सरकार व शिक्षा विभाग की हिदायतों पर अगली छोटी कक्षाओं के बच्चों की स्कूल में क्लासें लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बीमार अथवा खांसी-जुकाम की शिकायत होने पर बच्चा घर पर ही रहेगा। अभिभावकों की सहमति से ही बच्चों को स्कूल में बुलाया जाएगा। डिप्टी डीईओ सेकंडरी इकबाल सिंह बुट्टर व भूपिंदर कौर ने भी विभिन्न स्कूलों का दौरा किया।