अब कोर्ट में मथुरा कृष्ण जन्मभूमि विवाद:श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका मंजूर, शाही मस्जिद की जमीन समेत 13.37 एकड़ इलाके पर दावा; सुनवाई 18 नवंबर को

0 999,187

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका शुक्रवार को कोर्ट ने मंजूर कर ली। 12 अक्टूबर को श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से जिला अदालत में केस दायर किया गया था। याचिका में परिसर में अतिक्रमण कर शाही ईदगाह मस्जिद बनाने का आरोप लगाया गया है। शाही मस्जिद की जमीन समेत 13.37 एकड़ इलाके पर दावा करते हुए मालिकाना हक मांगा गया है।

shri krishna janmabhoomi: मथुरा: 'कृष्णलला हम आएंगे...', तेज हुई कृष्ण जन्मभूमि की 'मुक्ति' की मुहिम - people and akhara parishad raises voice for freeing up shri krishna janmabhoomi in mathura ...

शुक्रवार को जिला अदालत ने इस मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड समेत 4 पार्टियों को नोटिस भेजा। अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी। श्रीकृष्ण विराजमान के वकील हरिशंकर जैन ने बताया कि वक्फ बोर्ड के अलावा शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को नोटिस जारी किए गए हैं।

सिविल कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका

याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री ने कहा कि 25 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। 30 सितंबर को सिविल जज ने हमारे केस को खारिज कर दिया था। तब कोर्ट ने कहा था कि भक्त होने के नाते अगर हमारा केस मंजूर किया जाता है तो न्यायिक व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। इस आदेश के बाद जिला न्यायालय में अपील की। हमने जो ग्राउंड दिए थे, उसके आधार पर जिला कोर्ट ने हमारी अपील मंजूर की है।

रंजना अग्निहोत्री ने बताया कि जिस जगह पर शाही ईदगाह मस्जिद खड़ी है, उस जगह कारागार था, जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। यह याचिका श्रीकृष्ण विराजमान, स्थान श्रीकृष्ण जन्मभूमि कटरा केशव देव केवट, रंजना अग्निहोत्री, प्रवेश कुमार, राजेश मणि त्रिपाठी, करुणेश कुमार शुक्ल, शिवाजी सिंह, त्रिपुरारी तिवारी की ओर याचिका दाखिल की गई है।

Krishna Janmasthan Temple Timings, Arti Timings | Shri Mathura Ji

क्या है विवाद और 1968 में क्या समझौता हुआ था?

1951 में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट बनाकर यह तय किया गया कि वहां दोबारा भव्य मंदिर का निर्माण होगा और ट्रस्ट उसका प्रबंधन करेगा। इसके बाद 1958 में श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संघ नाम की संस्था का गठन किया गया था। कानूनी तौर पर इस संस्था को जमीन पर मालिकाना हक हासिल नहीं था, लेकिन इसने ट्रस्ट के लिए तय सारी भूमिकाएं निभानी शुरू कर दीं।

इस संस्था ने 1964 में पूरी जमीन पर नियंत्रण के लिए एक सिविल केस दायर किया, लेकिन 1968 में खुद ही मुस्लिम पक्ष के साथ समझौता कर लिया। इसके तहत मुस्लिम पक्ष ने मंदिर के लिए अपने कब्जे की कुछ जगह छोड़ी और उन्हें (मुस्लिम पक्ष को) उसके बदले पास की जगह दे दी गई। श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह मस्जिद 13.37 एकड़ में बनी हुई है। इसमें 10.50 एकड़ भूमि पर वर्तमान में श्रीकृष्ण विराजमान का कब्जा है। लेकिन, याचिकाकर्ता ने पूरी जमीन पर मालिकाना हक मांगा है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.