किसानों को जरूरी वस्तुओं की ढुलाई के लिए अपने रेल रोको आंदोलन में ढील देने की अपील को दोहराते हुए पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार पर बीते दिन की मीटिंग के दौरान किसान यूनियनों के प्रति अहंकारी रवैया अपनाने के कारण किसान संघर्ष के कारण पैदा हुए बिजली संकट को हल करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। लेहरा मोहब्बत प्लांट के दो यूनिट और तरन तारन में जीवीके का एक यूनिट बंद हो चुके हैं और राज्य बिजली की बड़ी कमी की तरफ बढ़ रहा है।
सोशल मीडिया पर आस्क द कैप्टन कार्यक्रम के तहत बठिंडा निवासी के एक सवाल के जवाब में कैप्टन ने कहा कि राज्य यूरिया और कोयले की कमी का सामना कर रहा है। गोदामों से अनाज को तत्काल उठाने की ज़रूरत है। उनको एक सुझाव मिला कि राज्य को केंद्रीय ग्रिड से बिजली खरीद लेनी चाहिए तो उन्होंने कहा, लेकिन इसके लिए पैसा कहां है?’उनकी सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी क्योंकि केंद्र सरकार के घातक खेती कानूनों से किसानों को बड़ी मार पड़ी है।
अब हमारे पास लड़ाकू पायलट भी हैं, इसलिए महिलाएं इसकी हकदार
एससी पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम से हाथ पीछे खींच लेने के केंद्र के फैसले को पूरी तरह पीछे ले जाने वाला कदम करार देते हुए सीएम कहा कि पंजाब सिविल सेवाओं में सीधी भर्ती के लिए सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देकर उनकी सरकार ने अपने चुनावी वायदे को पूरा किया है। ‘हमारे पास अब एक महिला राफेल लड़ाकू पायलट भी है, इसलिए महिलाएं इस सब की हकदार हैं।