नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार (Modi Sarkar) द्वारा बीते मानसून सत्र (Monsoon Session) में किसानों के लिए पास किए गए तीन बिलों पर किसान संगठनों के विरोध के बीच बुधवार को बैठक हुई. इस बैठक में 30 किसान संगठन शामिल हुए हालांकि कृषि मंत्री (Agricultute Minister Narendra Singh Tomar) की गैर-मौजूदगी के चलते किसान मीटिंग से बाहर आए. यह बैठक कृषि सचिव के साथ हो रही थी जबकि किसानोें की मांगी थी कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद हों.
"We weren't satisfied with discussions so we walked out, we want these black laws to be scrapped. Secretary said he'll communicate our demands further," says a farmer union leader
"We walked out as no minister came for meeting. We want these laws to be taken back," says another https://t.co/yTaKY7qXKc pic.twitter.com/ZeCEGoVaFE
— ANI (@ANI) October 14, 2020
तोमर की गैर-मौजूदगी के चलते किसान नाराज हो गए और मंत्रालय के भीतर ही नारे लगाए और कृषि कानूनों के पन्ने फाड़े. उन्होंने यह भी कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा. किसान बिलों के पास होने के बाद ज्यादातर किसानों का मानना है कि उन्हें कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ दिया जाएगा और कृषि थोक एपीएमसी मार्करों के जरिए उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिलेगा.
किसान यूनियन के नेता ने कहा कि हम वहां हो रही चर्चा से संतुष्ट नहीं थे इसलिए हम वहां से बाहर आ गए, हम इन काले कानूनों को खत्म कराना चाहते हैं. सचिव ने कहा कि वह हमारी मांगों को आगे बढ़ाएंगे. एक अन्य नेता ने कहा कि हम वहां से बाहर आ गए क्योंकि वहां मंत्री नहीं थे. हम चाहते हैं कि इन कानूनों को वापस ले लिया जाए.
कौन-कौन से संगठन पहुंचे थे दिल्ली?
भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया था कि केंद्र के साथ बातचीत के लिए सात सदस्यीय समिति बनायी गयी है. इस समिति में बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शनपाल, जगजीत सिंह डालेवाल, जगमोहन सिंह, कुलवंत सिंह, सुरजीत सिंह और सतमान सिंह साहनी शामिल किये गये हैं. इसके साथ ही बीकेयू (उग्रहान) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, ‘ हमारे तीन सदस्य दिल्ली में बैठक में हिस्सा लेंगे.’
बीकेयू (दकुंडा) के अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जिल ने कहा था कि ‘रेल रोको’ समेत प्रदेश व्यापी आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा, ‘ हम 15 अक्टूबर को बैठक में आगे की कार्ययोजना तय करेंगे.’
‘प्रधानमंत्री के सामने रखेंगे मांग’
वहीं पंजाब में किसानों की संस्था किसान मजदूर संघर्ष समिति ने निर्णय किया था कि नये कृषि कानूनों पर विचार-विमर्श के लिए 14 अक्टूबर को होने वाली केंद्र की बैठक में वह हिस्सा नहीं लेगी. समिति के महासचिव श्रवण सिंह पंधेर ने कहा कि उन्होंने बैठक का निमंत्रण स्वीकार नहीं करने का निर्णय किया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसमें शामिल नहीं होंगे.