चंडीगढ़। शिअद प्रधान सुखबीर सिंह पूरे राज्य को प्रमुख मंडी (प्रिंसिपल मार्केट एरिया) घोषित करने के लिए सात दिन में विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की है। इस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि नए कृषि बिलों को रद करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए सरकार के पास अधिकार हैं। इस मामले अकाली दल को सरकार को आदेश देने का सियासी या नैतिक तौर पर अधिकार नहीं है। यह हास्यास्पद स्थिति है कि जिस पार्टी ने पिछले विधानसभा सत्र में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव के पक्ष में वोट करने से बचने के लिए सत्र का बहिष्कार किया था, अब वही पार्टी सत्र बुलाने की मांग कर रही है।
कैप्टन ने अकाली दल की ओर से उनका का घेराव करने की बात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह अकाली दल का दोहरा मापदंड है। नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है। कैप्टन ने कहा कि किसान हित में कोई भी फैसला लेने के लिए उन्हें अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की सलाह या चेतावनी की जरूरत नहीं है। सुखबीर और हरसिमरत ने भाजपा के साथ मिलीभगत करके किसानों के हित कारपोरेट घरानों को बेच दिए हैं।
कैप्टन ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को बादलों के पापों से बचाने के लिए हर प्रयास करने के लिए वचनबद्ध है। किसानों को भी संघर्ष की लड़ाई में बादलों की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह समस्या अकाली दल ने ही पैदा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बादल अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसानों के आगे अच्छा बनने की कोशिश कर रहे हैं।। अकाली दल को अब एमएसपी को लेकर अचानक स्वामीनाथन कमेटी के सुझावों की याद आ गई, जबकि पिछले छह साल केंद्र में रह कभी इसका जिक्र नहीं किया।
कैप्टन विधानसभा सत्र बुलाएं या घेराव को तैयार रहें : शिअद
बता दें, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पूरे राज्य को प्रमुख मंडी (प्रिंसिपल मार्केट एरिया) घोषित करने के लिए सात दिन में विधानसभा का सत्र बुलाने का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अल्टीमेटम दिया है। पार्टी की कोर कमेटी ने यह फैसला लिया है कि यदि सरकार ने ऐसा नहीं किया तो पार्टी कैप्टन के आवास का घेराव करेगी। कोर कमेटी की मीटिंग सोमवार को पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में हुई।
कोर कमेटी की मीटिंग में लिए गए फैसलों का ब्यौरा देते हुए पार्टी के प्रमुख सलाहकार हरचरन सिंह बैंस ने कहा कि केंद्र सरकार के किसान विरोधी फैसलों के खिलाफ स्टैंड लेने से मुख्यमंत्री के लगातार इन्कार कर रहे हैं। यही नहीं पूरे राज्य को प्रमुख मंडी क्षेत्र घोषित करने के इन्कार को देखते हुए उन्हें यह अल्टीमेटम देना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि शिअद चाहता है कि केंद्र न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) को कानूनी मान्यता दे। यही नहीं खेती एवं लागत मूल्य आयोग की सिफारिशें भारत सरकार के लिए बाध्यकारी हों।इसके साथ ही कोर कमेटी ने करतारपुर कारिडोर को जल्द से जल्द खोलने का मुद्दा केंद्रीय विदेश मंत्री के पास उठाने का फैसला किया है।
कैबिनेट की मीटिंग कल
उधर, सरकार ने विधानसभा का सेशन पहले 16 अक्टूबर को बुलाने का फैसला कर लिया था लेकिन अकाली दल की कोर कमेटी की मीटिंग के बाद इसे एक सप्ताह के बाद बुलाने पर विचार किया जा रहा है। बुधवार को होने वाली कैबिनेट की मीटिंग में सेशन बुलाने की तारीख पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है।