बठिंडा में सरकारी नौकरियां दिलवाने वाला गिरोह लूट रहा लोगों की जमा पूंजी, अमरपुरा बस्ती वासी एक नौजवाान से मारी सवा सात लाख रुपए की ठगी

रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर गिरोह के पांच लोगों ने मारी 7.25 लाख की ठगी, केस दर्ज, एक दिन पहले भी करोड़ों की ठगी मारने वाले गिरोह के खिलाफ जिला पुलिस ने दर्ज किया था केस

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बठिंडा. जिले में सरकारी विभागों खासकर केंद्रीय विभागों में नौकरी दिलवाने के नाम पर जालसाजी करने वाला गिरोह सक्रिय है।यह गिरोह एक नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों का है। इसमें बिजनेस मैन से लेकर राजनीतिक दलों के नेता व दलाल शामिल है जो लोगों को केंद्र सरकार के अधीन पड़ने वाले विभागों खासकर रेलवे, सेना, एफसीआई में नौकरी दिलवाने के नाम पर पांच से दस लाख रुपए की वसूली कर रहे हैैं। गत दिनों पुलिस ने जहां दर्जनों लोगों के ग्रुप के खिलाफ दो करोड़ से अधिक की ठगी का केस दर्ज किया था वही मंगलवार को  रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर पांच लोगों ने एक व्यक्ति से सात लाख 25 हजार रुपए की ठगी मारी। मामले में कनाल कालोनी पुलिस ने आरोपी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। कनाल कालोनी पुलिस थाना को दी शिकायत में रुपिंदर सिंह वासी अमरपुरा बस्ती बठिंडा ने बताया कि वह काफी समय से रेलवे में निकलने वाले विभिन्न पदों के लिए आवेदन करता था।

इसी दौरान उसकी पहचान प्रताप नगर वासी संजीव थापर से हुई। उसने बताया कि उसकी रेलवे में दिल्ली के अंदर काफी जानपहचान है व कई लोगों को वह सरकारी नौकरी दिलवा चुका है। इसमें आरोपी ने दस लाख रुपए की मांग रखी व रेलवे में पक्की नौकरी दिलवाने का आश्वासन दिया। इस दौरान आरोपी ने उसे पुख्ता करने के लिए अबोहर में एचपी पंप के एक मालिक संजीव वर्मा को मिलवाया वही अपनी पत्नी मिनाक्षी थापर से भी इस बाबत की पुष्टी करवाई कि उसे पक्का नौकरी दिलवाई जाएगी। उसने उक्त लोगों पर विश्वास पर करीब सात लाख 25 हजार रुपए की राशि उक्त लोगों को दे दी व बाकि राशि काम होने के बाद देने की बात कही। राशि वसूल करने के बाद आरोपी ने उसे बैस्ट दिल्ली वासी दलीप कुमार व अबोहर वासी विशाल से भी मिलवाया व कहा कि उक्त दोनों लोग उसकी दिल्ली मंडल से फाइल क्लीयर करवाने का काम कर रहे हैं। इस मामले में पैसे देने के कई महीने तक उक्त लोगो ने उसे किसी तरह की जानकारी नहीं दी तो उक्त लोगों ने उसे ज्वानिंग लैटर दिलवाने की बात कही व कहा कि लैटर दिलवाने के बाद उनका काम खतम हो गया है। उसने जब उक्त लैटर के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि उक्त लोग इसी तरह लोगों को गुमराह कर व जालसाजी कर जाली लैटर के आधार पर पैसों की वसूली करते हैं। इन लोगों ने बकायदा एक गैंग बना रखा है व कई नौजवानों से राशि वसूल कर हड़क कर चुके हैं। मामले में आरोपी लोगों ने उसे न तो नौकरी दिलवाई और न ही पैसे वापिस किए। इसके बाद शिकायत जिला पुलिस के पास की गई। पुलिस ने मामले में जांच के बाद पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

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