- कंज्यूमर खर्च बढ़ाने के लिए LTC के तहत कैश वाउचर स्कीम का ऐलान किया गया है. वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लीव ट्रैवल कंसेशन (LTC) को लेकर विशेष ऐलान किया है. इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों को 4 साल में एक बार LTC का लाभ दिया जाएगा. इस स्कीम के तहत कर्मचारियों के स्केल और पद के आधार पर उन्हें हवाई या ट्रेन यात्रा की प्रतिपूर्ति दी जाएगी. इसके अलावा 10 दिन की छुट्टी (pay + DA) का भी प्रावधान होगा.
- वित्त मंत्री ने बताया कि एलटीसी कैश वाउचर स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों के पास लीव इनकैशमेंट के बार कैश प्राप्त करने का विकल्प होगा. उन्हें तीन बार के लिए टिकट किराया, 12 फीसदी या उससे ज्यादा जीएसटी देयता वाले प्रोडक्ट्स खरीदने का खर्च दिया जाएगा.
- इसके लिए केवल डिजिटल लेनदेन की ही अनुमति होगी और जीएसटी इनवॉइस (GST Invoice) भी जमा करनी होगी. सरकार को उम्मीद है कि एलटीसी कैश वाउचर स्कीम से करीब 28,000 करोड़ रुपये के कंज्यूमर मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी.
- केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा इन विकल्पों को चुने जाने की स्थित में सरकार पर 5,675 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. पब्लिक सेक्टर बैंक (PSBs) और सरकारी कंपनियों (PSUs) को कर्मचारी इसका लाभ ले सकते हैं. वित्त मंत्री ने बताया कि LTC टिकटों राज्य कर्मचारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को टैक्स छूट का भी लाभ मिलेगा. ऐसे में अगर राज्य सरकारें या प्राइवेट कंपनियां ऐसे ऐलान करती है तो उनके कर्मचारियों को टैक्स छूट का यह लाभ मिलेगा.
- केंद्रीय कर्मचारियों को 10 हजार रुपये का ब्याजमुक्त एडवांस: वित्त मंत्री ने गैर-राजपत्रित कर्मचारियों (Non-Gazetted Employees) के लिए स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम (Special Festival Advance Scheme) का भी ऐलान किया है. राजपत्रित कर्मचारियों (Gazetted Employees) को इसका लाभ केवल एक ही बार दिया जाएगा.
-
स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम के तहत सभी केंद्रीय कर्मचारी बिना ब्याज के 10,000 रुपये प्रीपेड RuPay Card के जरिए ले सकते है. इसे 31 मार्च 2021 से पहले खर्च करना होगा.
- इसके अलावा राज्यों को 50 साले के लिएि बिना ब्याज के पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) के लिए 12,000 करोड़ रुपये का स्पेशल लोन देने का भी प्रावधान है. निर्मला सीतारमण ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पहले हिस्से के तौर पर 1,600 करोड़ रुपये और उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है.
- इसके अलावा दूसरे हिस्से में अन्य राज्यों को कुल 7,500 करोड़ रुपये स्पेशल लोन के रूप में दिये जाने का प्रस्ताव है. सभी राज्यों का हिस्सा फाइनेंस कमिशन डिवॉलुशन के आधार पर तय किया जाएगा. तीसरे हिस्से में उन राज्यों को 2,000 करोड़ रुपये का लोन देने का प्रस्ताव है, जिन्होंने आत्मनिर्भर वित्तीय पैकेज के 4 में से 3 रिफॉर्म्स को पूरा किया है.
- वित्त मंत्री ने बताया कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और संपत्ति तैयार करने वाले खर्च का अर्थव्यवस्था पर कई प्रकार से असर पड़ता है. इससे न केवल मौजूदा जीडीपी को सपोर्ट मिलता है, बल्कि भविष्य की जीडीपी को भी बल मिलता है. उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए हम राज्यों और केंद्र के पूंजीगत व्यय पर ज्यादा जोर देंगे.
- उन्होंने बताया कि बजट 2020 में 4.13 लाख करोड़ रुपये के अलावा अतिरिक्त 25,000 करोड़ रुपये रोड, डिफेंस, पानी सप्लाई, शहरी विकास और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए पूंजीगत खर्च के रूप में दिया जाएगा.