भारत-चीन सीमा विवाद पर अमेरिका का दावा:एलएसी पर 60 हजार चीनी सैनिक तैनात, अमेरिका के एनएसए बोले- अब चीन से बात करने से कोई फायदा नहीं
उधर, अमेरिकी एनएसए रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने कहा कि अब वह वक्त आ गया है जब यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि चीन से बात करने से कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि चीन अपना आक्रामक रुख नहीं बदलने वाला है।
लद्दाख में भारत-चीन की सेनाओं में तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बड़ा दावा किया है। उनका कहना है कि चीन ने लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर 60,000 सैनिक तैनात किए हैं। पोम्पियो ने चीन के रवैए और इससे इंडो-पैसिफिक देशों के ग्रुप (क्वाड) के लिए नजर आ रहे खतरों को लेकर चीन की खिंचाई की।
उधर, अमेरिकी एनएसए रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने कहा कि अब वह वक्त आ गया है जब यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि चीन से बात करने से कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि चीन अपना आक्रामक रुख नहीं बदलने वाला है।
पोम्पियो ने क्वाड ग्रुप यानी इंडो-पैसिफिक देशों- अमेरिका, जापान, भारत और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रियों की टोक्यो में हुई मीटिंग से लौटने के बाद शुक्रवार को एक इंटरव्यू में चीन पर निशाना साधा। क्वाड की मीटिंग में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए थे।
अमेरिकी एनएसए ने भी ऐसा ही बयान दिया
अमेरिकी एनएसए रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने उटाह में कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का भारतीय सीमा पर विस्तारवादी आक्रामकता साफतौर पर देखी जा सकती है। यहां पर चीन ताकत के बल पर एलएसी पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि चीन से नजर बचाने या उससे नरमाहट बरतने से कोई फायदा नहीं होगा। हम यह लंबे समय से कर रहे हैं।
भारत और चीन के बीच 5 महीने से विवाद बना हुआ है
- 5 मई को पूर्वी लद्दाख में 200 सैनिक आमने-सामने आ गए थे ।
- 9 मई को उत्तरी सिक्किम में 150 सैनिक भिड़े थे।
- 9 मई को लद्दाख में चीन ने एलएसी पर हेलिकॉप्टर भेजे।
- भारत-चीन के बीच 15 जून को गलवान में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए, लेकिन उसने यह कबूला नहीं।