World Mental Health Day: अगर आपके अंदर हो रहे हैं ये 10 बदलाव तो तुरंत अपनी मेंटल हेल्थ पर दें ध्यान

आज 10 अक्टूबर है और आज के दिन को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे (World Mental Health Day) के रूप में मनाया जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बार की वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की थीम मेंटल हेल्थ फॉर ऑल: ग्रेटर इनवेस्टमेंट, ग्रेटर ऑक्सेस रखा है.

World Mental Health Day: क्या आपको अब लोगों से मिलना जुलना पसंद नहीं आता है? क्या आपको अकेले रहना पसंद आने लगा है? और क्या आपका किसी भी काम में पूरी तरह से ध्यान नहीं रहता. अगर इन सभी सवालों का जवाब हां हैं तो आपको अभी से सतर्क हो जाना चाहिए. आप अगर इन बातों को काफी हल्के में ले रहे हैं या फिर उन्हें अपनी जिंदगी में अभी हो रही घटनाओं से जोड़ते हुए देख रहे हैं तो आप शायद गलत हैं. आपको पता भी नहीं चल रहा है और आप मानसिक रूप से बीमार होते जा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी मेंटल हेल्थ की ओर ध्यान देना शुरू करें.

आज 10 अक्टूबर है और आज के दिन को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे (World Mental Health Day) के रूप में मनाया जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बार की वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की थीम मेंटल हेल्थ फॉर ऑल: ग्रेटर इनवेस्टमेंट, ग्रेटर ऑक्सेस रखा है. आज की दौड़भाग भरी जिंदगी में काफी संख्या में लोग मेंटल हेल्थ से परेशान हैं. इसके बावजूद देश में स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट की मात्र तीन फीसदी हिस्सा ही मानसिक स्वास्थ्य पर खर्च हो रहा है.

ऐसे में ये जानना भी बेहद जरूरी है ​कि कैसे पता चले कि कोई इंसान मानसिक रूप से बीमार होने लगा है. अगर आप भी इन 10 सवालों से गुजर रहे हैं तो आपको भी अपनी मेंटल हेल्थ की ओर ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए.
आइए जानते हैं उन 10 सवालों के बारे में जो बताएंगे कि आप ​कितने मेंटली फिट हैं.
  • क्या आपको ऐसा लगता है कि आप का मूड बहुत तेजी से बदल रहा है. कभी आप बहुत ज्यादा खुश हो जाते हैं तो कभी आपको रोने का मन करने लगता है. आप ज्यादातर समय उदास रहने लगे हैं और आपका मन किसी भी काम में अब नहीं लगता है.
  • क्या आपको दिन या रात में हर रोज लगता है कि आप बहुत कुछ खोते जा रहे हैं जबकि ऐसा है नहीं. जब कभी आपके दिमाग में इस तरह के ख्याल आते हैं तो आपकी सांसों की गति में परिवर्तन होता है और ऐसा लगता है कि बीपी काफी लो गया है.
  • क्या आपको पहले की तरह अब लोगों से मिलना जुलना पसंद नहीं आता. आपको लगता है कि आप अकेले एक कमरे में बैठे रहें और आपसे कोई भी बात न करे और अकेला छोड़ दे. आपने अपनी हॉबीजे को भी अब समय देना कम कर दिया है क्योंकि आपका मन ही उसमें नहीं लगता है.
  • क्या आप आज के बजाय भविष्य को लेकर चिंतित रहने लगे हैं. यही कारण है कि आप अपने आपको अकेला महसूस करने लगे हैं. आपको अपने दोस्तों से भी बात करना पसंद नहीं हैं.
  • क्या आपको अपने आसपास के लोगों से बता करने में अब असहजता महसूस होती है. आप किसी भी टॉपिक पर बात करने में हिचकते हैं. आप अपने आपको दूसरों से कमजोर समझने लगे हैं, इसलिए उनसे बचकर घर में ही रहना चाहते हैं.
  • क्या अचानक आपको अपनी एकाग्रता में समस्या महसूस होने लगी है. आप कोई भी काम करना तो चाहते हैं लेकिन आपका मन कहीं और रहता है. आप अपनी क्षमताओं के बराबर काम नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि आप किसी भी चीज में एकाग्र नहीं रह पाते हैं?
  • क्या आपको पहले की तरह अब नींद नहीं आती है. रात में जब आप सोने जाते हैं तो आपके दिमाग में कई तरह की चीजें चलती रहती हैं तो आपको बार बार बिस्तर से उठने पर मजबूर करने लगती है. आपको इसके कारण अब भूख भी नहीं लगती है.
  • क्या आप जो काम आसानी से कर लिया करते थे वही अब बोझ लगने लगा है. आप अपने पुराने काम से अब खुश नहीं रहते और आपको उसमें कई तरह की दिक्कतें नजर आने लगी हैं.
क्या आपको अब पहले की तरह चीजें याद नहीं रहती हैं या फिर ये कहें कि आपकी याद्दाश्त पहले से कम हो गई है. पहले की तरह कोई भी चीज समझने में आपको अब दिक्कत आने लगी है.
क्या आपको लगने लगा है कि सबकुछ खत्म हो गया और आप जोर जोर से रोना चाहते है. आपको लगता है कि आपके व्यवहार अब पहले जैसा नहीं रह गया है और आप अब ज्यादा परेशान रहने लगे हैं जबकि जिंदगी अभी भी पहले जैसी ही चल रही है.

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