चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से पंजाब के निजी स्कूलों को झटका लगा है। निजी स्कूलों ने गत सप्ताह डिवीजन बेंच द्वारा दिए गए उस फैसले को चुनौती दी थी जिसमें निजी स्कूलों को अपने स्टाफ को पूरा वेतन देने व केवल ऑनलाइन क्लास की सुविधा देने वाले स्कूलों को ही बच्चों से फीस लेने का आदेश दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ आज शुक्रवार को पंजाब के निजी स्कूलों ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर आदेश वापस लेने की गुहार लगाई थी। हाई कोर्ट ने मांग को अस्वीकार करते हुए उनकी अर्जी को खारिज कर दिया है।
बता दें, गत सप्ताह पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों द्वारा बच्चों से मासिक फीस, वार्षिक शुल्क और ट्रांसपोर्ट फीस के मामले पर बड़ा फैसला दिया था। इन फीसों को वसूलने देने के एकल बेंच के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार व अन्य की अपील पर हाईकोर्ट ने साफ़ कर दिया था कि जिन स्कूलों ने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लास की सुविधा दी है सिर्फ वही स्कूल छात्रों से टयूशन फीस वसूल सकते हैं। इसके साथ ही पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों को पिछले सात महीनों की बैलेंस शीट भी चार्टेड अकाउंटेंट से वेरिफाई करवा दो सप्ताह में सौंपे जाने के आदेश दे दिए थे।
जस्टिस राजीव शर्मा एवं जस्टिस हरिंदर सिंह सिद्धू पर आधारित खंडपीठ ने यह आदेश सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ सरकार सहित अभिभावकों द्वारा दायर अपील पर सुनवाई करते हुए दिए थे। हाई कोर्ट ने सिंगल बेंच के 30 जून के फैसले में संशोधन करते हुए यह आदेश जारी किए थे। इन आदेशों का निजी स्कूल विरोध कर रहे थे।
हाई कोर्ट ने ये दिए थे आदेश
- स्टाफ चाहे रेगुलर हैं या कॉन्ट्रेक्ट पर या ऐड-हॉक पर, पूरा वेतन देना होगा, जो 23 मार्च को लॉक-डाउन लगाए जाने के दिन से पहले स्कूल में नियुक्त थे।
- लॉक-डाउन के दौरान छात्र स्कूल नहीं गए हैं ऐसे में निजी स्कूल छात्रों से कोई भी ट्रांपोर्टेशन फीस नहीं वसूल सकते।
- निजी स्कूलों से पिछले 7 महीनों की बैलेंस शीट चार्टेड अकाउंटेंट से वेरिफाई करवा कर जमा करवाने का आदेश