चंडीगढ़। पुलिस विभाग की साइबर विंग अब लोगों को साइबर क्राइम से बचाएगी। इसके लिए वह लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूक करेगी। वहीं अधिकारियों ने साइबर क्राइम विंग को इससे जुड़े मामलों को हल करने में तेजी दिखाने को कहा है। अधिकारियों ने यह फैसला किया कि अब सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा कि वह कैसे साइबर क्राइम करने वाले ठगों से बच सकते हैं।
इसके लिए विभाग की ओर से लोगों को अपने बैंक खातों एवं अन्य चीजों के बारे में टिप्स देगी। विभाग ने सोशल मीडिया के माध्यम को इस लिए चुना है क्योंकि यूथ के साथ अन्य वर्ग भी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। ऐसे में सोशल मीडिया की लोगों को जागरूक करने के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म साबित हो सकता है।
इसके लिए विभाग की ओर से लोगों को साइबर ठगाें से बचाने के लिए स्लोगन एवं अन्य जानकारी के बारे में सामग्री तैयार की जा रही है। जिससे लोगों को जागरूक किया जा सकें। सूबे में अभी तक लगभग 7 हजार साइबर क्राइम से जुड़ी शिकायते आई थी। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि लोगों को जागरूक कर साइबर ठगों का शिकार करने से बचाया जा सकता है।
बैंक खाते की किसी को भी जानकारी न दें उपभोक्ता
पुलिस विभाग के पास साइबर क्राइम से जुडे मामलों की जांच में यह सामने आया है कि लोगों के बैंक अकाउंट खाली करने और डाटा चुराने के लिए ठग लोगों को कैश रिवार्ड का लालच देकर उनके फोन में एक ऐप डाउनलोड करवा देते हैं। जिसके बाद वह लोगों के फोन को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं और ओटीपी को खुद ही देख सकते है। जिसके बाद पुलिस ने साइबर ठगों से लोगों को बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने का फैसला लिया है।
सभी जिलों के एसएसपी को दिए आदेश
डीजीपी आफिस की ओर से सूबे के सभी 22 जिलों के एसएसपी को साइबर ठगी के बारे में लोगों को अवेयर करने के लिए कहा गया है। एसएसपी को अपने सोशल मीडिया के अकांउट के माध्यम से लोग साइबर ठगी से किस प्रकार से बच सकते है उसके बारे में जानकारी देने के लिए कहा गया है। इसमें एक पोस्टर के जरिए लोगों को कुछ इमेज के माध्यम से यह बताया जाएगा कि किस प्रकार से लोग साइबर क्राइम करने वाले ठगों के झांसे में आने से बच सकते है।