बठिंडा में बच्ची व महिला को एचआईवी पाजिटिव ब्लड चढ़ाने के मामले की फरीदकोट मेडिकल कालेज की टीम ने शुरू की जांच

-सिविल अस्पताल के तीन डाक्टरों के पैनल ने जांच पूरी कर हेल्थ डिपार्टमेंट को भेजी, विभागिय कारर्वाई की सिफारिश -वही शहर भर में सामाजिक व राजनीतिक संस्थाएं कर रही है आरोपियों पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग

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बठिंडा. सरकारी अस्पताल में ब्लड बैंक की ओर से एक 7 साल की बच्ची और महिला को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने के मामले में फरीदकोट मेडिकल कालेज के डाक्टरों की दो सदस्यी टीम ने सिविल अस्पताल ब्लड बैंक का दौरा किया। इस दौरान टीम ने जहां एसएमओ डा. मनिंदरपाल सिंह, डा. गुरमेल और डा. सीमा गुप्ता की तरफ से की गई जांच रिपोर्ट मांगी वही इस बाबत जिम्मेवार लोगों के फिर से बयान दर्ज किए। यह टीम राज्य के हेल्थ सेक्रेटरी हुसन लाल के आदेश पर बठिंडा पहुंची थी व बुधवार को ही अपनी रिपोर्ट तैयार कर राज्यसेहत विभाग के अधिकारियों के पास जमा करेगी।

इससे पहले सिविल अस्पताल के तीन डाक्टरों के पैनल ने अपनी जांच रिपोर्ट जहां उच्चाधिकारियों को भेजी, वहीं अगली जांच के लिए पूरा रिकार्ड ड्रग इंस्पेक्टर को सौंप दिया है। इसमें ब्लड बैंक में जांच कीटों को खुर्दबुर्द करने जैसे आरोपी की जांच अलग से होगी। मामले में हुई जांच के दौरान पता चला था कि ब्लड बैंक में कई मरीजों के रक्त के सैंपलों की जांच ही नहीं की जाती थी वही ब्लड बैंक में एक अलमारी में 600 के करीब जांच कीट मिली थी जिसमें बताया गया था कि जांच के दौरान रिकार्ड पूरा करने के लिए उक्त कीटों को बाहर से लागकर रखा गया है।

फिलहाल ब्लड बैंक में बिना जांच के रक्त की जांच का मामला संवेदनशील ही नहीं बल्कि अमानवीय मानते राज्य बाल सुरक्षा आयोग की तरफ से भी 15 अक्तूबर तक डीसी से रिपोर्ट तलब की है। वही बताया जा रहा है कि ब्लड में तैनात तीन कर्मिय़ों व अधिकारियों पर सख्त कारर्वाई के आदेश राज्य के सेहत मंत्री व हेल्थ सचिव जारी कर चुके हैं। यह कारर्वाई क्या होगी इसके बारे में अभी कोई बोलने को तैयार नहीं है। दूसरी तरफ शहर में सामाजिक व राजनीतिक संगठन इस मामले में जिम्मेवार कर्मियों व अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग कर रहे हैं।
दूसरी तरफ सेहत विभाग आरंभिक जांच में मामले में शामिल बीटीओ डा. करिश्मा, एमएलटी रिचा गोयल और सीनियर एमएलटी बलदेव रोमाणा पर विभागीय कार्रवाई की तैयारी कर रहा है जबकि राज्य सेहत विभाग के निर्देश मिलने के बाद ही किसी तरह की कानूनी कारर्वाई के संबंध में फैसला लिया जा सकता है।
बता दें कि एसएमओ डा. मनिंदरपाल सिंह के नेतृत्व में बनी कमेटी ने तीनों को आरोपी माना है और कार्रवाई के लिए पत्र उच्चाधिकारियों को ई-मेल के माध्यम से भेज दिए हैं। एसएमओ डा. मनिंदरपाल सिंह का कहना था कि बच्ची और महिला को एचआईवी पॉजिटिव ब्लड चढ़ाने के मामले में कमेटी की जांच में तीनों मुलाजिम आरोपी पाए गए हैं। उन्होंने अपने स्तर पर कार्रवाई करते हुए उन्हें ब्लड बैंक से बदल दिया है जबकि विभागीय कार्रवाई उच्चाधिकारियों ने करनी है।
वही ज्वाइंट एक्शन कमेटी के कन्वीनर एमएम बहल ने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है। कोई कैसे किसी की जान से खिलवाड़ कर सकता है। इन मुलाजिमों ने कई जिंदगियों को दाव पर लगा दिया है। ऐसे में इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कमेटी सीएम को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग करेगी।

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