बठिंडा के ब्लड बैंक में बड़ी लापरवाही- बिना जांच के एचआईवी रक्त दो मरीजों को चढ़ाया, एक गलती छिपाने के लिए करते रहे लगातार गलतियां

-मामला सामने आने के बाद सेहतमंत्री ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश तीन मैंबरी कमेटी का गठन पहली गलती ब्लड बैंक ने एचआईवी पॉजिटिव का खून महिला को जारी करके की दूसरी गलती एचआईवी पॉजिटिव का पता चलने पर डोनर को इसकी जानकारी नहीं दी गई जबकि कायदे से किसी भी ब्लड डूनर के एचआईवी होने या फिर किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने की जांच में सूचना मिलती है तो तत्काल उसे सूचित किया जाता है ताकि वह जागरुक हो सके व उसका समय पर उपचार शुरू करवाया जा सके।

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बठिंडा. शहीद मनी सिंह सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक में आए दिन किसी न किसी बात को लेकर विवाद खड़ा होता रहा है। इसमें हाल ही में नया विवाद ब्लड बैंक की तरफ से  बिना जांच किए एचआईवी पॉजीटिव व्यक्ति का खून एक महिला और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को इशू कर दिया जो दोनों मरीजों को चढ़ा भी दिया गया। इस मामले की जानकारी सामने आते ही सिविल सरज्न डा. अमरिक सिंह ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए है। वही इस मामले में राज्य के सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्दू ने बी पूरे मामले में जिला सेहत विभाग से रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा कि उक्त मामला गंभीर ही नहीं बल्कि गहन अपराध की श्रेणी में आता है। इस तरह के मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने इस बाबत एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है वही आरोपी लापरवाह अधिकारी पर कारर्वाई करने को कहा है।

फिलहाल इस मामले में आरंभिक जांच में ब्लड बैंक की महिला एमएलटी व बीटीओ की लापरवाही सामने आई है। यही नहीं इस मामले को दबाने का प्रयास किया गया, लेकिन किसी तरह विभाग के ही कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों ने आला अधिकारियों तक इसकी जानकारी पहुंचा दी जिसके बाद एसएमओ डा. मनिंदरपाल सिंह ने कमेटी का गठन कर दिया। फिलहाल इस मामले में कमेटी ने जांच शुरू करते हुए कुछ मुलाजिमों के बयान भी दर्ज किए हैं। उधर सेहत मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू ने कहा है कि वह इसकी जांच करवाएंगे। जानकारी के अनुसार मई के पहले सप्ताह मेडिकल वार्ड में एक महिला मरीज खून की कमी के कारण दाखिल हुई थी। उसका उपचार डा. गुरविंदर कौर कर रही थी। महिला मरीज को उसको 5 मई को 2 यूनिट खून चढ़ा जबकि 6 मई को एक यूनिट की जरूरत पड़ने पर एक समाजसेवी संस्था के माध्यम से एक रेगुलर डोनर ने ब्लड बैंक में खूनदान किया, लेकिन ब्लड बैंक ने उक्त ब्लड (बैग नंबर 2765) की जांच किए बिना महिला मरीज को इशू कर दिया। जो एचआईवी संक्रमित का था।

पहली गलती ब्लड बैंक ने एचआईवी पॉजिटिव का खून महिला को जारी करके की दूसरी गलती एचआईवी पॉजिटिव का पता चलने पर डोनर को इसकी जानकारी नहीं दी गई जबकि कायदे से किसी भी ब्लड डूनर के एचआईवी होने या फिर किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने की जांच में सूचना मिलती है तो तत्काल उसे सूचित किया जाता है ताकि वह जागरुक हो सके व उसका समय पर उपचार शुरू करवाया जा सके। यही नहीं इस तरह के अलर्ट के चलते वह आगे रक्तकदान करने से भी गुरेज करता है। इस मामले में ऐसी किसी भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया जिसका नतीजा यह हुआ कि डोनर तीन महीने के बाद फिर शनिवार को ब्लड बैंक में खूनदान करने आ गया। यह लापरवाही यही समाप्त नहीं हुई बल्कि इस बार भी जांच किए बिना ब्लड बैग में नेगेटिव की मोहर लगाकर चिल्ड्रन वार्ड में दाखिल थैलेसीमिया पीड़ित एक बच्चे को इश्यू कर दिया गया।

मामले का खुलासा होने के बाद एसएमओ डा. मनिंदरपाल सिंह ने जांच के लिए तीन मेंबरी कमेटी गठित कर दी। जिसमें उनके अलावा डा. गुरमेल और डा. सीमा गुप्ता को शामिल किया गया। बता दें कि अगर कोई व्यक्ति ब्लड बैंक में खूनदान करता है तो उसके खून में किसी तरह की कोई बीमारी सामने आती है तो उसको बताने की जिम्मेदारी काउंसलर और बीटीओ की होती है, लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ नहीं हुआ। अगर तीन महीने पहले डोनर को उसकी रिपोर्ट बता दी जाती तो वह समय पर अपना इलाज शुरू करवा लेता और दूसरी बार एचआईवी पॉजिटिव ब्लड मरीज को जारी नहीं होता।

ये है रक्तदान करवाने और जांच करने की प्रक्रिया
ब्लड बैंक में खूनदान करने के लिए आने वाले डोनर की पहले काउंसलर की ओर से काउंसलिंग की जाती है। बायो डाटा लेने के बाद बीमारी आदि पूछी जाती है। इसके अलावा उससे पूछा जाता है कि पहले ब्लड कब डोनेट किया था। पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद खून देने में सक्षम होने पर खून लिया जाता है। इसके बाद पहले एलाइजा व रेपिड टेस्ट किया जाता है।

अगर रिपोर्ट निगेटिव आए तो एचआईवी, एचसीबी, हेपेटाइटिस बी, बीडीआरएल, मलेरिया के टेस्ट होते हैं। इनमें से अगर कोई टेस्ट पॉजिटिव आ जाए तो उक्त ब्लड को नष्ट करने के बाद संबंधित डोनर को बुलाकर संबंधित बीमारी पर पॉजिटिव आने की जानकारी दी जाती है। खूनदान करने, जांच करने और ब्लड इश्यू करने तक 30-45 मिनट का समय लगता है।

मैं इसकी जांच करवाऊंगा, किसी को बख्शाा नहीं जाएगा
ये मामला बेहद गंभीर है। अगर ऐसा हुआ तो मैं जांच करवाऊंगा। लापरवाही सामने आने पर सख्त कार्रवाई होगी।

–बलवीर सिंह सिद्धू, सेहतमंत्री, पंजाब

तीन मेंबरी कमेटी बनाई, जल्द जांच पूरी कर सौंपेगी जांच

मामले की जांच के लिए तीन मेंबरी कमेटी का गठन कर दिया है, जिसने जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

—डा. मनिंदरपाल सिंह, एसएमओ

मामला बेहद गंभीर है
मेरे ध्यान में ये मामला अभी आया है। मामला गंभीर है, मैं इसकी जांच करवाता हूं।

–डा. अमरीक सिंह संधू, सिविल सर्जन

ऐसा कुछ भी नहीं हुआ
ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। अगर कुछ हुआ तो आपको बता देंगे। फिर भी आप एसएमओ सर से बात करें लें वो ही जानकारी देंगे।

—डा. करिश्मा, बीटीओ, ब्लड बैंक इंचार्ज

 

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