‘नए कृषि कानून से किसानों को प्रति एकड़ होगी एक लाख रुपये की आय’

हरियाणा के सीएम मनोहरलाल ने किया दावा, कहा-कांग्रेस ने एमएसपी को क्यों नहीं दी कानूनी गारंटी?

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नई दिल्ली. कांग्रेस के आंदोलन के बीच हरियाणा सरकार ने किसानों की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) प्रणाली को जारी रखने का एलान किया है. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित किए गए कृषि कानून (Farm Act) का निकट भविष्य में सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा. यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसानों को प्रति एकड़ एक लाख रुपये आय प्राप्त हो. सीएम ने कहा कि आज एमएसपी को अधिनियम के तहत लाने की मांग की जा रही है. कांग्रेस साल 1966 से 2014 के बीच अलग-अलग मौकों पर केंद्र में सत्ता में रही. तब उन्होंने एमएसपी को कानूनी गारंटी देने के लिए किसी अधिनियम को मंजूरी क्यों नहीं दी?

सीएम ने कहा, अगर कांग्रेस (Congress) वास्तव में किसानों की शुभचिंतक है, तो उसे राजस्थान और पंजाब में अपनी सरकारों से बाजरा, सूरजमुखी और मूंग को एमएसपी पर खरीदने के लिए पूछना चाहिए. हरियाणा में पहले से ही इन फसलों को खरीदा जा रहा है. इस बार हमने मक्का को भी एमएसपी पर खरीदने का फैसला किया है. इसी तरह 12 प्रतिशत तक नमी की मात्रा की शर्त पूरा करने पर कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) हरियाणा से 100 प्रतिशत कपास की खरीद करेगा. पहले, सीसीआई केवल 25 प्रतिशत कपास की खरीद कर रहा था.

मनोहरलाल ने कहा कि ऐसी व्यवस्था करने की जरूरत है कि किसान (Farmer) अपनी उपज का एक भी दाना एमएसपी पर न बेचें बल्कि एमएसपी से अधिक कीमत पर बेच सके. कहा कि किसानों की पूरी उपज राज्य की मंडियों में खरीदी जाएगी, अगर उन्हें बाहर उपज के अधिक दाम नहीं मिलते है.

कम हो रही भूमि जोत की चिंता  

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में भूमि की जोत लगातार कम हो रही है. ऐसे किसानों की सहायता के लिए योजनाएं तैयार की जा रही हैं. जिनके पास छोटे-छोटे खेत हैं और वे पूरी तरह से कृषि पर निर्भर हैं. ऐसे किसानों को मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन व दुग्ध उत्पादन आदि के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. ताकि आय बढ़ सके. ऐसे किसानों को उनकी उपज की मार्केटिंग के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी. किसानों के लिए अनुबंधित खेती एक सुनिश्चित आय में सहयोग करेगी.

राज्य में वीटा बूथों की संख्या को भी 700 से बढ़ाकर 4,000 करने का फैसला लिया गया है. दूध (Milk) के अलावा, ताजे फल और सब्जियां भी इन बूथों पर उपलब्ध कराई जाएंगी. हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन लिमिटेड भी एग्री-प्रोडक्ट्स बेचने के लिए 2000 रिटेल आउटलेट्स खोलेगा.

 

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